हरिद्वार में एक आयोजन हुआ, नाम रखा गया धर्म संसद, लेकिन यहां तीन दिनों तक जो बातें हुईं वो बिल्कुल भी धार्मिक नहीं हैं। यहां मौजूद लोगों के नाम के आगे संत और स्वामी जैसे उपसर्ग लगे हैं लेकिन इनकी जुबान से मरने मारने के ऐसे ऐसे लब्ज निकले हैं जो हम आपको सुना भी नहीं सकते। दिल्ली से लेकर हरिद्वार तक भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की शपथ दिलाई जा रही है, ज़रूरत पड़ने पर मरने और मारने की शपथ दिलाई जा रही है। हरिद्वार में एक धर्म विशेष का सफाया करने के लिए नारे लगे। मारने को हथियार उठाने की बात कही गई जिसे वायरल वीडियो के माध्यम से देश और दुनिया ने सुना लेकिन किसी ने नहीं सुना या सुनकर अनसुना कर दिया तो वो है उत्तराखंड और केंद्र की मोदी सरकार!
धर्म संसद का आयोजन एक धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद ने किया था। उन पर पहले भी नफरत भरे भाषणों से हिंसा भड़काने के आरोप लग चुके हैं।
इस धर्म संसद का विषय 'इस्लामी जिहाद और हमारी जिम्मेदारियां' था। 17 से 19 दिसंबर तक इसका आयोजन किया गया था। इसी दौरान कई अलग अलग संगठनों के लोग यहां पहुंचे थे। तीन दिनों तक नफरत भरी बातें चलती रहीं, कत्लेआम के लिए लोगों को भड़काया गया, भड़काऊ भाषण दिए गए, लेकिन अब सवाल ये उठता है कि इस आयोजन के लिए इजाजत दी क्यों गई? आयोजन के दौरान प्रशासन मौन क्यों था? हिंसा की बात कहने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? हथियार खरीदने और कत्ल करने वाले गिरफ्तार क्यों नहीं हुई? चौतरफा दबाव के बाद 23 दिसंबर की शाम एक एफआईआर दर्ज की गई है।
हरिद्वार में धर्म संसद में वक्ताओं के 'कड़वे बोल' को लेकर नाराजगी है। इस धर्म संसद में वक्ताओं ने कथित तौर पर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा की पैरवी की और 'हिंदू राष्ट्र' के लिए संघर्ष का आह्वान किया। पूर्व सेना प्रमुखों, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों ने विवादित भाषण की तीखे शब्दों में निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की है। तृणमूल कांग्रेस नेता और आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने इस मामले में आयोजकों आौर वक्ताओं के खिलाफ खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। साकेत गोखले की शिकायत के मुताबिक, सभा से जुड़े दूसरे लोगों में हिंदू रक्षा सेना के प्रबोधानंद गिरी, भाजपा महिला विंग से जुड़ी उदिता त्यागी और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय हैं, जो हेट स्पीच के मामले में जमानत पर हैं। वायरल वीडियो और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यति नरसिंहानंद सरस्वती कहते हैं कि हथियार उठाए बिना धरती की कोई कौम ना तो बच सकती है और ना ही कभी बचेगी। यति नरसिंहानंद सरस्वती यूपी के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत और ‘जूना अखाड़े’ के महामंडलेश्वर हैं। महामंडलेश्वर का मुख्य काम होता है सनातन धर्म का प्रचार प्रसार। अपने ज्ञान का प्रकाश फैलाना। भटके लोगों को मानवता की सही राह दिखाना लेकिन महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती कैसे अपने ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं, वो आपत्तिजनक है। वो कहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे और अच्छे से अच्छे हथियार यही तुम्हें बचाने वाले हैं। हम केवल साथ खड़े हैं, और वो भी कितने दिन ये कोई नहीं जानता। हर आदमी को अपनी लड़ाई खुद लड़नी है। हर आदमी को अपनी औरतें अपने बच्चे, अपना घर खुद बचाना है।
हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरि कहते हैं कि मेरी जुबान पर लगाम होती है लेकिन इसके बाद बेलगाम तरीके से बोलते चले गए, सड़कों पर कत्लेआम मचाने के लिए उकसाते चले गए। वो कहते हैं कि ये जो चिंगारी लगाई थी ये अब आग बन गई है। इस आग को बुझने नहीं देना है। इस काम को करने के लिए धर्म संसद बुलाई गई है। हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने धर्म संसद में लोगों से कहा था कि “हमें तैयारी करनी होगी, और मैं आपको बताऊंगा कि वे कौन सी तैयारी हैं। मैं अपने आप को स्पष्ट कर दूंगा, यही समाधान है, और यदि आप इस समाधान का पालन करते हैं, तो आपके लिए रास्ता बना है….म्यांमार में हिंदुओं को भगाया जा रहा था। राजनेता, सरकार और पुलिस बस खड़े होकर देख रहे थे। उन्होंने उनकी गर्दन काटकर उन्हें मारना शुरू कर दिया और इतना ही नहीं, वे उन्हें गलियों में काटकर खाने लगे। देखने वाले लोगों ने सोचा कि हम मरने वाले हैं, हम जीने वाले नहीं हैं।” उसने आगे कहा कि “यह अब हमारा राज्य है। आपने दिल्ली सीमा पर यह देखा है, उन्होंने हिंदुओं को मार डाला और उन्हें लटका दिया। अब और समय नहीं है, स्थिति यह है कि या तो तुम अभी मरने की तैयारी करो, या मारने के लिए तैयार हो जाओ, और कोई उपाय नहीं है। इसलिए, म्यांमार की तरह, यहां की पुलिस, यहां के राजनेता, सेना और हर हिंदू को हथियार उठाना चाहिए और हमें यह स्वच्छता अभियान (सफाई अभियान) चलाना होगा। इसके अलावा कोई उपाय नहीं है।”
प्रबोधानंद के कई भाजपा नेताओं के साथ गहरे संबंधों को देखते हुए जातीय व सांप्रदायिक नरसंहार का आह्वान करने वाले बयान विशेष रूप से चिंताजनक हैं। अब बात साध्वी अन्नपूर्णा उर्फ पूजा शकुन पांडे की जो अखिल भारतीय हिंदू महासभा की सचिव हैं। नाम और पद इतना लंबा चौड़ा और बातें इतनी ओछी और भड़काने वाली। भगवा चोला ओढ़कर हिंसा भड़काने की बातें करती हैं, चीरने-फाड़ने की बात कर रही हैं। हरिद्वार में धर्म संसद के मंच से साध्वी अन्नपूर्णा ने जो बोला, उसे हम आपको जानबूझकर नहीं सुना रहे क्योंकि ये ना सुनने लायक बात है और ना ही बताने लायक। वो कहती हैं कि मेरे पंजे ही शेरनी की तरह हैं फाड़ कर रख देंगे। ये वही साध्वी अन्नपूर्णा हैं जिन्होंने 2019 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले पर गोली चलाई थी।एनडीटीवी से बात करते हुए पूजा शकुन ने कहा, 'देश का संविधान गलत है। भारतीयों को नाथूराम गोडसे की प्रार्थना करती चाहिए। मैं पुलिस से नहीं डरती।'
बिहार से आने वाले महंत धर्मदास कहते हैं कि हाथ में रिवॉल्वर होता तो नाथुराम गोडसे बन जाते, मनमोहन सिंह की जान ले लेते। सामने आए वीडियो में से एक में वक्ता स्वामी धरम दास महाराज 'नाथूराम गोडसे बनने' और संसद में मनमोहन सिंह (पूर्व पीएम) को गोली मारने के के बारे में कह रहे हैं। आनंद स्वरूप महाराज की जुबान पर जान लेने की बात है। अब बात जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की ये इनकी नई पहचान है। चंद दिनों पहले इन्हें वसीम रिजवी के नाम से जाना जाता था। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने भी भगवा चोला धारण कर लिया है, लेकिन इनकी सोच कितनी सनातन हो पाई है ये इनके बयान से ही झलक रहा है। कह रहे हैं कानून हाथ में लेना पड़ेगा। जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) ने कहा था कि भारत में इस्लामिक जिहादियों ने अगले 20 वर्षों में संपूर्ण हिंदुओं के नरसंहार की तैयारी पूरी कर ली है। उन्होंने इसी के लिए दिन रात भूखे रह कर अपनी जनसंख्या बढ़ाई है। इस कार्य के लिए उन्हें दुनिया भर के मुसलमानों से धन और साधन मिल रहा है। भारत पर इस्लामिक क़ब्ज़ा होने के बाद इस्लाम पूरी दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त होगा। इस्लाम के जिहादी पूरी दुनिया का नरसंहार करने में सक्षम होंगे”।
दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि यह तीन दिवसीय कार्यक्रम था। मैं वहां एक दिन के लिए था। इस दौरान मैं लगभग 30 मिनट तक मंच पर रहा और संविधान के बारे में बात की। मेरे पहले और बाद में दूसरों ने जो कहा, मैं उसके लिए जिम्मेदार नहीं हूं। प्रबोधानंद गिरि को एक वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि हिंदुओं को हथियार उठाना चाहिए। एनडीटीवी से बात करते हुए वे बोले कि मैंने जो कहा है, उससे मैं शर्मिंदा नहीं हूं। मैं पुलिस से नहीं डरता। मैं अपने बयान पर कायम हूं। वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई भाजपा नेताओं के साथ फोटो खिंचवाते रहे हैं। एक फोटो में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी उनके पैर छूते नजर आ रहे हैं।
शायद यही कारण है कि वक्ताओं को ऐसे भाषणों को लेकर पछतावा भी नहीं है, इनमें से कई अपने संबंध सत्ताधारी बीजेपी से होने का दावा कर रहे हैं। हरिद्वार के एसपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा, 'पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए है। वहीं देश दुनिया में त्वरित प्रतिक्रिया हुई हैं। हिंदू युवा वाहिनी के हिंदू राष्ट्र के संकल्प ने टेनिस की दिग्गज खिलाड़ी मार्टिना नवरातिलोवा ने भी प्रतिक्रिया दी है। मार्टिना ने ट्वीट किया, 'यह क्या हो रहा हैं? नौसेना के पूर्व प्रमुख ने मामले में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, 'इसे रोका क्यों नहीं जा रहा। हमारे जवान दो मोर्चो पर दुश्मन का सामना करना पड़ रहा। क्या हम सांप्रदायिक रक्तपाल, घरेलू उथलपुथल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी चाहते हैं। पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीवी मलिक ने जवाब दिया, 'सहमत हूं। ऐसे भाषण सार्वजनिक सद्भाव को बिगाड़ते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करते हैं। कार्रवाई की जरूरत है। एक्टर स्वरा भास्कर ने भी अपने ट्वीट में हरिद्वार वीडियो को 'फ्लैग' किया है।
ट्विटर और यूट्यूब पर सम्मेलन के कई वीडियो मौजूद हैं। कुछ भाषणों को यूट्यूब पर लाइव भी दिखाया गया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने ट्वीट किया, ''मुनव्वर फारूकी को लगातार उन जोक्स के लिए दंडित किया गया, जो उन्होंने सुनाए भी नहीं थे, लेकिन धर्म संसद के उन सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिन्होंने हरिद्वार में मुसलमानों के नरसंहार की अपील की। क्या भारत में अभी भी लोकतंत्र है।'' कांग्रेस के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर गौर पांधी ने ट्वीट किया, ''हरिद्वार में जुटे हिंदुत्ववादियों के एक समूह ने मुस्लिम, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ सशस्त्र हिंसा और भारत के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह की अपील की। उन्होंने आतंकवादी बनाने पर जोर दिया।'' सीपीएम के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया गया, ''कुछ सप्ताह पहले पीएम मोदी ने लोकतंत्र और संविधान की बात की, जबकि दक्षिणपंथी समूह हिंसा फैला रहे हैं और खुलेआम नरसंहार की बात कर रहे हैं। बीजेपी की राज्य सरकार ने इस तरह के सम्मेलन की अनुमति क्यों दी? इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज हो।''
देश विदेश में इसकी आलोचना-निंदा के बावजूद हरिद्वार पुलिस या प्रशासन या केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पर चुप्पी साधे रखी। पुलिस और सरकार की इस चुप्पी पर लगातार सवाल उठते रहे तो देहरादून में इस मुद्दे पर उत्तराखंड पुलिस के बड़े अफसरों की बैठक हुई जिसमें हरिद्वार के एसएसपी योगेंद्र रावत भी शामिल रहे। बैठक के बाद उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने एसएसपी हरिद्वार को इस मामले में क़ानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया जिसके बाद आईपीसी की धारा 153ए के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
इस भड़काऊ मामले में पुलिस ने जो मामला दर्ज किया है उनमें पहला नाम वसीम रिजवी का है। वसीम रिजवी वहीं शख्स हैं जिन्होंने हाल ही में इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया है और उनका नया नाम जितेंद्र त्यागी है। उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो पर संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य के खिलाफ कोतवाली हरिद्वार में धारा 153 ए आईपीसी के तहत केस दर्ज किया गया है।
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धर्म संसद का आयोजन एक धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद ने किया था। उन पर पहले भी नफरत भरे भाषणों से हिंसा भड़काने के आरोप लग चुके हैं।
इस धर्म संसद का विषय 'इस्लामी जिहाद और हमारी जिम्मेदारियां' था। 17 से 19 दिसंबर तक इसका आयोजन किया गया था। इसी दौरान कई अलग अलग संगठनों के लोग यहां पहुंचे थे। तीन दिनों तक नफरत भरी बातें चलती रहीं, कत्लेआम के लिए लोगों को भड़काया गया, भड़काऊ भाषण दिए गए, लेकिन अब सवाल ये उठता है कि इस आयोजन के लिए इजाजत दी क्यों गई? आयोजन के दौरान प्रशासन मौन क्यों था? हिंसा की बात कहने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? हथियार खरीदने और कत्ल करने वाले गिरफ्तार क्यों नहीं हुई? चौतरफा दबाव के बाद 23 दिसंबर की शाम एक एफआईआर दर्ज की गई है।
हरिद्वार में धर्म संसद में वक्ताओं के 'कड़वे बोल' को लेकर नाराजगी है। इस धर्म संसद में वक्ताओं ने कथित तौर पर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा की पैरवी की और 'हिंदू राष्ट्र' के लिए संघर्ष का आह्वान किया। पूर्व सेना प्रमुखों, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों ने विवादित भाषण की तीखे शब्दों में निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की है। तृणमूल कांग्रेस नेता और आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने इस मामले में आयोजकों आौर वक्ताओं के खिलाफ खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। साकेत गोखले की शिकायत के मुताबिक, सभा से जुड़े दूसरे लोगों में हिंदू रक्षा सेना के प्रबोधानंद गिरी, भाजपा महिला विंग से जुड़ी उदिता त्यागी और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय हैं, जो हेट स्पीच के मामले में जमानत पर हैं। वायरल वीडियो और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यति नरसिंहानंद सरस्वती कहते हैं कि हथियार उठाए बिना धरती की कोई कौम ना तो बच सकती है और ना ही कभी बचेगी। यति नरसिंहानंद सरस्वती यूपी के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत और ‘जूना अखाड़े’ के महामंडलेश्वर हैं। महामंडलेश्वर का मुख्य काम होता है सनातन धर्म का प्रचार प्रसार। अपने ज्ञान का प्रकाश फैलाना। भटके लोगों को मानवता की सही राह दिखाना लेकिन महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती कैसे अपने ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं, वो आपत्तिजनक है। वो कहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे और अच्छे से अच्छे हथियार यही तुम्हें बचाने वाले हैं। हम केवल साथ खड़े हैं, और वो भी कितने दिन ये कोई नहीं जानता। हर आदमी को अपनी लड़ाई खुद लड़नी है। हर आदमी को अपनी औरतें अपने बच्चे, अपना घर खुद बचाना है।
हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरि कहते हैं कि मेरी जुबान पर लगाम होती है लेकिन इसके बाद बेलगाम तरीके से बोलते चले गए, सड़कों पर कत्लेआम मचाने के लिए उकसाते चले गए। वो कहते हैं कि ये जो चिंगारी लगाई थी ये अब आग बन गई है। इस आग को बुझने नहीं देना है। इस काम को करने के लिए धर्म संसद बुलाई गई है। हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने धर्म संसद में लोगों से कहा था कि “हमें तैयारी करनी होगी, और मैं आपको बताऊंगा कि वे कौन सी तैयारी हैं। मैं अपने आप को स्पष्ट कर दूंगा, यही समाधान है, और यदि आप इस समाधान का पालन करते हैं, तो आपके लिए रास्ता बना है….म्यांमार में हिंदुओं को भगाया जा रहा था। राजनेता, सरकार और पुलिस बस खड़े होकर देख रहे थे। उन्होंने उनकी गर्दन काटकर उन्हें मारना शुरू कर दिया और इतना ही नहीं, वे उन्हें गलियों में काटकर खाने लगे। देखने वाले लोगों ने सोचा कि हम मरने वाले हैं, हम जीने वाले नहीं हैं।” उसने आगे कहा कि “यह अब हमारा राज्य है। आपने दिल्ली सीमा पर यह देखा है, उन्होंने हिंदुओं को मार डाला और उन्हें लटका दिया। अब और समय नहीं है, स्थिति यह है कि या तो तुम अभी मरने की तैयारी करो, या मारने के लिए तैयार हो जाओ, और कोई उपाय नहीं है। इसलिए, म्यांमार की तरह, यहां की पुलिस, यहां के राजनेता, सेना और हर हिंदू को हथियार उठाना चाहिए और हमें यह स्वच्छता अभियान (सफाई अभियान) चलाना होगा। इसके अलावा कोई उपाय नहीं है।”
प्रबोधानंद के कई भाजपा नेताओं के साथ गहरे संबंधों को देखते हुए जातीय व सांप्रदायिक नरसंहार का आह्वान करने वाले बयान विशेष रूप से चिंताजनक हैं। अब बात साध्वी अन्नपूर्णा उर्फ पूजा शकुन पांडे की जो अखिल भारतीय हिंदू महासभा की सचिव हैं। नाम और पद इतना लंबा चौड़ा और बातें इतनी ओछी और भड़काने वाली। भगवा चोला ओढ़कर हिंसा भड़काने की बातें करती हैं, चीरने-फाड़ने की बात कर रही हैं। हरिद्वार में धर्म संसद के मंच से साध्वी अन्नपूर्णा ने जो बोला, उसे हम आपको जानबूझकर नहीं सुना रहे क्योंकि ये ना सुनने लायक बात है और ना ही बताने लायक। वो कहती हैं कि मेरे पंजे ही शेरनी की तरह हैं फाड़ कर रख देंगे। ये वही साध्वी अन्नपूर्णा हैं जिन्होंने 2019 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले पर गोली चलाई थी।एनडीटीवी से बात करते हुए पूजा शकुन ने कहा, 'देश का संविधान गलत है। भारतीयों को नाथूराम गोडसे की प्रार्थना करती चाहिए। मैं पुलिस से नहीं डरती।'
बिहार से आने वाले महंत धर्मदास कहते हैं कि हाथ में रिवॉल्वर होता तो नाथुराम गोडसे बन जाते, मनमोहन सिंह की जान ले लेते। सामने आए वीडियो में से एक में वक्ता स्वामी धरम दास महाराज 'नाथूराम गोडसे बनने' और संसद में मनमोहन सिंह (पूर्व पीएम) को गोली मारने के के बारे में कह रहे हैं। आनंद स्वरूप महाराज की जुबान पर जान लेने की बात है। अब बात जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की ये इनकी नई पहचान है। चंद दिनों पहले इन्हें वसीम रिजवी के नाम से जाना जाता था। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने भी भगवा चोला धारण कर लिया है, लेकिन इनकी सोच कितनी सनातन हो पाई है ये इनके बयान से ही झलक रहा है। कह रहे हैं कानून हाथ में लेना पड़ेगा। जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) ने कहा था कि भारत में इस्लामिक जिहादियों ने अगले 20 वर्षों में संपूर्ण हिंदुओं के नरसंहार की तैयारी पूरी कर ली है। उन्होंने इसी के लिए दिन रात भूखे रह कर अपनी जनसंख्या बढ़ाई है। इस कार्य के लिए उन्हें दुनिया भर के मुसलमानों से धन और साधन मिल रहा है। भारत पर इस्लामिक क़ब्ज़ा होने के बाद इस्लाम पूरी दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त होगा। इस्लाम के जिहादी पूरी दुनिया का नरसंहार करने में सक्षम होंगे”।
दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि यह तीन दिवसीय कार्यक्रम था। मैं वहां एक दिन के लिए था। इस दौरान मैं लगभग 30 मिनट तक मंच पर रहा और संविधान के बारे में बात की। मेरे पहले और बाद में दूसरों ने जो कहा, मैं उसके लिए जिम्मेदार नहीं हूं। प्रबोधानंद गिरि को एक वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि हिंदुओं को हथियार उठाना चाहिए। एनडीटीवी से बात करते हुए वे बोले कि मैंने जो कहा है, उससे मैं शर्मिंदा नहीं हूं। मैं पुलिस से नहीं डरता। मैं अपने बयान पर कायम हूं। वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई भाजपा नेताओं के साथ फोटो खिंचवाते रहे हैं। एक फोटो में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी उनके पैर छूते नजर आ रहे हैं।
शायद यही कारण है कि वक्ताओं को ऐसे भाषणों को लेकर पछतावा भी नहीं है, इनमें से कई अपने संबंध सत्ताधारी बीजेपी से होने का दावा कर रहे हैं। हरिद्वार के एसपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा, 'पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए है। वहीं देश दुनिया में त्वरित प्रतिक्रिया हुई हैं। हिंदू युवा वाहिनी के हिंदू राष्ट्र के संकल्प ने टेनिस की दिग्गज खिलाड़ी मार्टिना नवरातिलोवा ने भी प्रतिक्रिया दी है। मार्टिना ने ट्वीट किया, 'यह क्या हो रहा हैं? नौसेना के पूर्व प्रमुख ने मामले में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, 'इसे रोका क्यों नहीं जा रहा। हमारे जवान दो मोर्चो पर दुश्मन का सामना करना पड़ रहा। क्या हम सांप्रदायिक रक्तपाल, घरेलू उथलपुथल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी चाहते हैं। पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीवी मलिक ने जवाब दिया, 'सहमत हूं। ऐसे भाषण सार्वजनिक सद्भाव को बिगाड़ते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करते हैं। कार्रवाई की जरूरत है। एक्टर स्वरा भास्कर ने भी अपने ट्वीट में हरिद्वार वीडियो को 'फ्लैग' किया है।
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देश विदेश में इसकी आलोचना-निंदा के बावजूद हरिद्वार पुलिस या प्रशासन या केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पर चुप्पी साधे रखी। पुलिस और सरकार की इस चुप्पी पर लगातार सवाल उठते रहे तो देहरादून में इस मुद्दे पर उत्तराखंड पुलिस के बड़े अफसरों की बैठक हुई जिसमें हरिद्वार के एसएसपी योगेंद्र रावत भी शामिल रहे। बैठक के बाद उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने एसएसपी हरिद्वार को इस मामले में क़ानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया जिसके बाद आईपीसी की धारा 153ए के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
इस भड़काऊ मामले में पुलिस ने जो मामला दर्ज किया है उनमें पहला नाम वसीम रिजवी का है। वसीम रिजवी वहीं शख्स हैं जिन्होंने हाल ही में इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया है और उनका नया नाम जितेंद्र त्यागी है। उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो पर संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य के खिलाफ कोतवाली हरिद्वार में धारा 153 ए आईपीसी के तहत केस दर्ज किया गया है।
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