ग्राउंड रिपोर्ट: स्वच्छता में फेल मोदी का गोद लिया गांव जयापुर, सीवर बने सिरदर्द

Written by sabrang india | Published on: May 13, 2019
वाराणसी: 2014 में केंद्र की सत्ता पर काबिज हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर देशभर को स्वच्छ करने के लिए बड़ा अभियान चलाया था। स्वच्छ भारत अभियान की ब्रांडिंग और प्रचार प्रसार पर भारी खर्च हुआ और नवंबर माह में प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों को प्रतिवर्ष एक गांव को गोद लेकर उसका विकास करने  का आह्वान किया था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पहले गांव के रूप में गोद लिया गया जयापुर गांव आज स्वच्छता के मामले में फेल होता दिख रहा है। 

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा गोद लिए गांव जयापुर में इन दिनों लोग सीवर की समस्या से जूझ रहे हैं जिसके कारण गांव का गंदा पानी सड़क किनारे खेतों में जा रहा है। लोगों का कहना है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांव में कार्य तो किए गए लेकिन उन कार्यों का कोई इस्तेमाल नहीं हुआ क्योंकि इस अभियान के तहत जो टॉयलेट लगाए गए थे वह कुछ ही महीनों के बाद टूट गए और सीवर के लिए कई बार अधिकारियों से कहा गया लेकिन उन्होंने एक ना सुनी और आज तक सीवर की समस्या को दूर नहीं किया। 


जयापुर के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में जब अधिकारी आते हैं तो उनसे सीवर की समस्या को लेकर शिकायत की जाती है लेकिन वह मात्र आश्वासन देते हैं। अब तो 5 साल बीत गए हैं लेकिन यह समस्या दूर नहीं हुई। 

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के अस्सी घाट पर हावड़ा चला कर पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान का एक संदेश दिया था। लेकिन उनके ही गांव में जब स्वच्छ भारत अभियान के तहत किए जा रहे कार्यों को देखा गया तो वह फेल होता नजर आ रहा है। ऐसे में आप उम्मीद कर सकते हैं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गांव का यह हाल है तो बाकी सांसदों के गांव का क्या हाल होगा।

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