दक्षिण गोवा के केशव स्मृति हायर सेकेंडरी स्कूल से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने दावा किया कि उक्त वर्कशॉप प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबद्ध एक संगठन के निमंत्रण पर आयोजित की गई थी। प्रिंसिपल के ख़िलाफ़ ‘राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का समर्थन’ करने के लिए पुलिस शिकायत दर्ज कराई गई है।
प्रतीकात्मक तस्वीर, साभार- इंडियन एक्सप्रेस
दक्षिण गोवा में एक निजी स्कूल के प्रबंधन ने पुलिस में शिकायत के बाद अपने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है। प्रिंसिपल बीते शनिवार (9 सितंबर) को 11वीं कक्षा के छात्रों के एक समूह को एक वर्कशॉप (कार्यशाला) के लिए एक मस्जिद में ले गए थे और कथित तौर पर उन्हें वहां धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए राजी किया था।
राज्य शिक्षा विभाग ने घटना को लेकर स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा है।
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के सदस्यों ने दावा किया कि उक्त वर्कशॉप प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबद्ध एक संगठन के निमंत्रण पर आयोजित की गई थी। बीते सोमवार (11 सितंबर) को संगठन के सदस्यों ने स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ वास्को में ‘राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का समर्थन’ करने के लिए पुलिस शिकायत दर्ज कराई।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा निदेशक शैलेश ज़िंगडे ने कहा, ‘विभाग ने स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा है। उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है। यह मामला हमारी जानकारी में लाया गया है, इसलिए प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है।’
अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना शनिवार को ऑल्टो-डाबोलिम स्थित केशव स्मृति हायर सेकेंडरी स्कूल के 11वीं कक्षा के छात्रों के साथ हुई।
स्कूल के प्रिंसिपल शंकर गांवकर ने कहा, ‘स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसआईओ) के निमंत्रण पर सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए डाबोलिम में एक मस्जिद का दौरा किया गया था। बैना स्थित के एक सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को भी आमंत्रित किया गया था। हमारे स्कूल से तीन छात्राओं और एक शिक्षक सहित कुल 21 छात्रों को मस्जिद में ले जाया गया।’
उन्होंने आगे कहा, ‘छात्रों को दिखाया गया कि मस्जिद में प्रार्थना (नमाज) कहां होती है और प्रवेश-निकास क्षेत्र कहां होते हैं। कुछ छात्रों ने सम्मान के कारण अपने सिर ढक लिए होंगे। यह दावा कि छात्रों को हिजाब पहनने या अनुष्ठान करने के लिए मजबूर किया गया, गलत है।’
गांवकर ने कहा, ‘इससे पहले भी हमने छात्रों के लिए मंदिरों, चर्चों और मस्जिदों का दौरा आयोजित किया है। स्कूल में सभी धर्मों के बच्चे पढ़ते हैं। दूसरे स्कूल के कुछ छात्र भी मस्जिद में आए थे। मुझे नहीं पता कि मुझे क्यों निलंबित किया गया है।’
रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल प्रबंधन ने इस संबंध में टिप्पणी के लिए पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया।
वर्कशॉप का आयोजन करने वाले गोवा जोन के स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया के मूल निकाय जमात-ए-इस्लामी हिंद के राज्य अध्यक्ष आसिफ हुसैन ने कहा, ‘सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने और समुदायों के बीच बेहतर समझ के लिए हमारी नियमित पहल के हिस्से के रूप में डाबोलिम स्थित मस्जिद-ए-नूर में छात्रों के लिए एक वर्कशॉप आयोजित की गई थी।’
उन्होंने कहा, ‘मस्जिद में इस तरह के आयोजन एक वार्षिक विशेषता रही है और अक्सर छात्र अपनी मर्जी से आते हैं। स्कूली छात्रों को वह क्षेत्र दिखाया गया, जहां प्रार्थना होती है और उन्हें मिठाइयां दी गईं। ये सभी दावे (धार्मिक परिवर्तन के) निराधार हैं।’
दक्षिण गोवा में विहिप के संयुक्त सचिव संजू कोरगाओकर ने कहा कि वर्कशॉप ‘छोटे बच्चों का ब्रेनवॉश करने और धर्मांतरण करने के प्रयास’ की साजिश का हिस्सा थी।
उन्होंने कहा, ‘प्रिंसिपल ने छात्रों के माता-पिता को सूचित नहीं किया था या वर्कशॉप के लिए उनकी अनुमति नहीं ली। हमें सूचित किया गया है कि कम से कम दो छात्रों ने जाने से इनकार कर दिया था, लेकिन उन्हें जबरन ले जाया गया। मस्जिद में अनुष्ठान करते और हिजाब पहने स्कूली बच्चों की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं, जिसके बाद हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।’
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प्रतीकात्मक तस्वीर, साभार- इंडियन एक्सप्रेस
दक्षिण गोवा में एक निजी स्कूल के प्रबंधन ने पुलिस में शिकायत के बाद अपने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है। प्रिंसिपल बीते शनिवार (9 सितंबर) को 11वीं कक्षा के छात्रों के एक समूह को एक वर्कशॉप (कार्यशाला) के लिए एक मस्जिद में ले गए थे और कथित तौर पर उन्हें वहां धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए राजी किया था।
राज्य शिक्षा विभाग ने घटना को लेकर स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा है।
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के सदस्यों ने दावा किया कि उक्त वर्कशॉप प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबद्ध एक संगठन के निमंत्रण पर आयोजित की गई थी। बीते सोमवार (11 सितंबर) को संगठन के सदस्यों ने स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ वास्को में ‘राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का समर्थन’ करने के लिए पुलिस शिकायत दर्ज कराई।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा निदेशक शैलेश ज़िंगडे ने कहा, ‘विभाग ने स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा है। उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है। यह मामला हमारी जानकारी में लाया गया है, इसलिए प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है।’
अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना शनिवार को ऑल्टो-डाबोलिम स्थित केशव स्मृति हायर सेकेंडरी स्कूल के 11वीं कक्षा के छात्रों के साथ हुई।
स्कूल के प्रिंसिपल शंकर गांवकर ने कहा, ‘स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसआईओ) के निमंत्रण पर सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए डाबोलिम में एक मस्जिद का दौरा किया गया था। बैना स्थित के एक सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को भी आमंत्रित किया गया था। हमारे स्कूल से तीन छात्राओं और एक शिक्षक सहित कुल 21 छात्रों को मस्जिद में ले जाया गया।’
उन्होंने आगे कहा, ‘छात्रों को दिखाया गया कि मस्जिद में प्रार्थना (नमाज) कहां होती है और प्रवेश-निकास क्षेत्र कहां होते हैं। कुछ छात्रों ने सम्मान के कारण अपने सिर ढक लिए होंगे। यह दावा कि छात्रों को हिजाब पहनने या अनुष्ठान करने के लिए मजबूर किया गया, गलत है।’
गांवकर ने कहा, ‘इससे पहले भी हमने छात्रों के लिए मंदिरों, चर्चों और मस्जिदों का दौरा आयोजित किया है। स्कूल में सभी धर्मों के बच्चे पढ़ते हैं। दूसरे स्कूल के कुछ छात्र भी मस्जिद में आए थे। मुझे नहीं पता कि मुझे क्यों निलंबित किया गया है।’
रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल प्रबंधन ने इस संबंध में टिप्पणी के लिए पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया।
वर्कशॉप का आयोजन करने वाले गोवा जोन के स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया के मूल निकाय जमात-ए-इस्लामी हिंद के राज्य अध्यक्ष आसिफ हुसैन ने कहा, ‘सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने और समुदायों के बीच बेहतर समझ के लिए हमारी नियमित पहल के हिस्से के रूप में डाबोलिम स्थित मस्जिद-ए-नूर में छात्रों के लिए एक वर्कशॉप आयोजित की गई थी।’
उन्होंने कहा, ‘मस्जिद में इस तरह के आयोजन एक वार्षिक विशेषता रही है और अक्सर छात्र अपनी मर्जी से आते हैं। स्कूली छात्रों को वह क्षेत्र दिखाया गया, जहां प्रार्थना होती है और उन्हें मिठाइयां दी गईं। ये सभी दावे (धार्मिक परिवर्तन के) निराधार हैं।’
दक्षिण गोवा में विहिप के संयुक्त सचिव संजू कोरगाओकर ने कहा कि वर्कशॉप ‘छोटे बच्चों का ब्रेनवॉश करने और धर्मांतरण करने के प्रयास’ की साजिश का हिस्सा थी।
उन्होंने कहा, ‘प्रिंसिपल ने छात्रों के माता-पिता को सूचित नहीं किया था या वर्कशॉप के लिए उनकी अनुमति नहीं ली। हमें सूचित किया गया है कि कम से कम दो छात्रों ने जाने से इनकार कर दिया था, लेकिन उन्हें जबरन ले जाया गया। मस्जिद में अनुष्ठान करते और हिजाब पहने स्कूली बच्चों की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं, जिसके बाद हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।’
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