कोरोना वायरस के मरीजों पर रेमडेसिवीर दवा का टेस्ट करेगा भारत

Written by Girish Malviya | Published on: May 6, 2020
कोरोना की चमत्कारी दवा बताई जा रही रेमडेसिविर के बारे में कल भारत के स्वास्थ्य मंत्री ने जो बयान दिया है वो आप सब को जानना चाहिए। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत कोरोना वायरस से लड़ने के लिए WHO के एकजुटता परीक्षण का हिस्सा है जिसके तहत भारत को रेमडेसिवीर (Remdesivir) दवा की 1000 खुराकें भेजी गई हैं। इन दवाओं को सभी राज्यों में कुछ मरीजों पर टेस्ट किया जाएगा।



मतलब भारत में 1000 गिनी पिग के रूप में कोविड मरीज मौजूद है जिसके ऊपर दवाई के परीक्षण किये जाएंगे। ठीक है। कुछ दिन पहले 30 अप्रैल को रेमडेसिवीर के बारे में अपनी पोस्ट में लिख दिया था कि 'मीडिया से धीरे धीरे कोरोना के पैनिक मोड को कम करना शुरू कर देगा क्योकि फिलहाल रेमडेसिवीर मिल गयी है।'

इस पोस्ट पर बहुत से शोधकर्ताओं ओर डॉक्टर मित्रों के कमेन्ट आए कि रेमडेसिवीर के रिजल्ट इतने अच्छे नहीं है। रेमडेसिवीर के क्लिनिकल ट्रायल को बड़े बड़े मेडिकल जर्नल में नकार दिया गया है मेडिकल साइंस का सबसे विश्वसनीय महत्वपूर्ण जर्नल लैंसेट है .लैंसेट की स्टडी बता रही है कि ' रेमडेसिविर ' के covid 19 के मरीजों पर बहुत उल्लेखनीय या महत्वपूर्ण एंटी वायरल नतीजे नहीं मिले। ये Gilead की अपनी स्टडी है ..जो नतीजों पर कम मुनाफे पर ज़्यादा केंद्रित है।

एक ओर डॉक्टर मित्र ने लिखा कि रेमडेसिवीर लेने पर अस्पताल में भर्ती का समय चार दिन घट रहा है। यह लैंसेट के शोध का सार है।

तो अब मेरे डॉक्टर और शोधकर्ता मित्र बताए कि जब इस दवा के नतीजे इतने उत्साह जनक नही है तो फिर भारत के कोविड मरीजो पर इसका परीक्षण क्यो किये जा रहे हैं!

अब एक भविष्यवाणी कर रहा हूँ यह भारत वाला परीक्षण बहुत ही ज्यादा सफल रहेगा और शायद इसी आधार पर कोरोना के इलाज में रेमडेसिवीर को पास कर दिया जाएगा और मेरे सभी डॉक्टर मित्र अपनी प्रिस्क्रिप्शन में कोविड के मरीजो को रेमडेसिवीर लिख देंगे जो आज उस पर सवाल उठा रहे हैं।

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