परीक्षार्थियों से खिलवाड़: बिना परीक्षा दिए बनाया नकल प्रकरण

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: July 31, 2018
ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय लगातार परीक्षार्थियों के साथ खिलवाड़ करता आ रहा है। परीक्षार्थियों का भविष्य खराब हो रहा है और उनका साल बर्बाद हो रहा है।

Jiwaji University

ताजा मामला एक ऐसे छात्र का है जो आधार पाठ्यक्रम के पेपर दे ही नहीं पाया था, लेकिन जब परिणाम आया तो उसे दो प्रश्नपत्रों में परीक्षा दिए बिना ही अंक दे दिए गए, और तीसरे में उससे नकल करते पकड़ा गया दर्शा दिया गया।

नईदुनिया में छपी खबर के मुताबिक, एसवीआरएस कॉलेज अडोखर के बीएससी छठे सेमेस्टर का छात्र पुष्पेंद्र सिंह आधार पाठ्यक्रम के तीनों पेपर नहीं दे सका था, लेकिन जब उसकी अंकसूची आई तो उसे प्रथम प्रश्न पत्र में 30, तीसरे प्रश्न पत्र में 15 अंक मिले हैं। इतना ही नहीं, दूसरे प्रश्न पत्र में उसका नकल प्रकरण बताया गया।

अब पुष्पेंद्र विशेष एटीकेटी (पूरक) परीक्षा के लिए फॉर्म भी नहीं भर पा रहा है, और लगातार परेशान हो रहा है। पहले उससे परीक्षा केंद्र से अटेंडेंस शीट लाने को कहा गया। भिंड के एसवीआरएस कॉलेज अडोखर से पुष्पेंद्र अटेंडेंस शीट लेकर गया तब उससे कह दिया गया कि मामले की जांच की जा रही है। उधर कॉलेज के प्रिंसिपल ने भी लिखकर दे दिया है कि पुष्पेंद्र तीनों पेपरों में अनुपस्थित था और उसका कोई नकल का प्रकरण नहीं था।

परीक्षा नियंत्रक के पास भी इस गड़बड़ी का कोई जवाब नहीं है और वे मामले की जांच का आश्वासन देकर पल्ला झाड़ रहे हैं।

जीवाजी विश्वविद्यालय इसके पहले एक ही रोल नंबर पर दो छात्राओं को डिग्रियां देने का कारनामा भी कर चुका है। जिस रोल नंबर पर 2013 में बलेसि थॉमस नाम की छात्रा को नर्सिग बेसिक पीजी कोर्स की डिग्री दी गई, उसी रोल नंबर पर 2014 में सोनल बेन नाम की छात्रा को भी डिग्री दे दी गई। दोनों ही छात्राएं माधवी राजे नर्सिंग कॉलेज मुरैना में पढ़ती थीं। विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में गड़बड़ी को स्वीकार कर चुका है लेकिन जवाबदेही अभी तक तय नहीं कर पाया है।
 
 

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