ओले, बारिश भी नहीं डिगा पा रहे किसानों का हौसला, कानून वापसी तक घर वापसी नहीं

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 6, 2021
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। पिछले कई दिनों से प्रकृति भी उनके सब्र का इम्तिहान ले रही है। कड़ाके की सर्दी के बीच बारिश हो रही है। इसके बावजूद किसान बॉर्डर पर डटे हुए हैं।



दिल्ली और एनसीआर में आज फिर बारिश हुई है। बारिश के साथ ओले भी पड़े हैं। बारिश और ओलों के बीच किसान बॉर्डर पर डटे रहे। किसानों के टेंट गीले हो हो रहे हैं और उनमें से पानी टपक रहा है लेकिन किसानों का हौसला नहीं डिगा है।

टिकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज 42वां दिन है। वहीं, गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के विरोध-प्रदर्शन का आज 40वां दिन है। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मांगती है वे यहां से नहीं हटेंगे। 

किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी पर लीगल गारंटी दे। लेकिन सरकार जिद पर अड़ी हुई है। किसानों और सरकार के बीच कई दौर का वार्ता फेल हो चुकी है। एक बार फिर 8 जनवरी को किसानों और सरकार के बीच वार्ता होनी है। किसानों ने साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों को वापस लेने से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। ऐसे में अब सभी को अगले दौर की वार्ता का इंतजार है।

बता दें कि मोदी सरकार ने कोरोना काल में संसद में तीन कानून बगैर व्यापक चर्चा के ही ध्वनिमत से पारित करा दिए थे। ये कानून हैं कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020।

इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में विरोध भी किया था लेकिन केंद्र सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही। बिल को ध्वनिमत से पास किए जाने को लेकर विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रियाएं आई थीं। विपक्षी नेताओं ने इन बिलों को पास होना दिनदहाड़े किसान हितों की हत्या करार दिया था।  

 

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