किसान आंदोलन : वार्ता बेनतीजा, एमएसपी की लिखित गारंटी, कानून वापसी पर नहीं बनी बात

Written by sabrang india | Published on: January 4, 2021
नई दिल्ली। केंद्र सरकार और किसानों के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। अब आखिरी दौर की वार्ता 8 जनवरी को होगी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के नेताओं के साथ वार्ता के बाद कहा कि किसान संगठनों के नेताओं के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े रहने के कारण सोमवार की वार्ता बेनतीजा रही, लेकिन दोनों पक्षों की सहमति से अब अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को आयोजित करने का फैसला लिया गया है।



इससे पहले तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान नेताओं के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में वार्ता शुरू हुई। किसान आंदोलन के 40वें दिन में प्रवेश करने के बाद बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल व राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने किसान संगठनों के 41 प्रतिनिधियों से चर्चा की।

सोमवार को बैठक शुरू होने से पहले किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी गई।

अखिल भारतीय किसान सभा महासचिव, हन्नान मोल्लाह ने मीटिंग के बाद कहा, 'सरकार काफी दबाव में है। हम सभी ने कहा कि यह हमारी मांग है (कानूनों को निरस्त करना)। हम कानूनों को निरस्त करने के अलावा किसी अन्य विषय पर चर्चा नहीं चाहते हैं। कानूनों को निरस्त करने तक विरोध वापस नहीं लिया जाएगा।'



किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के विरोध में 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। इस दौरान सरकार के साथ उनकी कई दौर की वार्ताएं हो चुकी है।
 

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