मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला बदस्तूर जारी है। उज्जैन में भी एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। उस पर एक लाख 63 हजार रुपए का कर्ज था।
नईदुनिया के मुताबिक, भैरवगढ़ थाना इलाके के ग्राम धनड़ाभल्ला के दिनेश वाघेला कर्जा नहीं चुका पा रहा था और इसलिए बैंक ने उसे कुर्की का नोटिस भेजा था। नोटिस देखने के बाद दिनेश ने फांसी लगाकर जान दे दी।
28 साल के दिनेश ने छह साल पहले पान बिहार के बैंक ऑफ इंडिया से संत रविदास आवास योजना के तहत 1 लाख 63 हजार रुपए का कर्जा लिया था, जो बढ़कर 2 लाख रुपए हो गया था। बैंक ने इसी कर्जे की वसूली के लिए उसे नोटिस भेजा था।
दो बेटियों का पिता दिनेश वाघेला मजदूरी करने उज्जैन आया था। सोमवार को वह घर लौटा तो उसे बैंक के नोटिस का पता चला था जिसके बाद वह तनाव में आ गया था और उसने दूसरे कमरे में जाकर फांसी लगा ली। परिजनों ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे।
दिनेश के पिता का कहना है कि मात्र 1 बीघा जमीन होने के कारण परिवार का खर्चा चलाने में दिक्कत आती है। इसी वजह से दिनेश मजदूरी भी करता था। बैंक का कर्जा बढ़कर 2 लाख हो चुका है और 20 हजार रुपए बिजली का बिल भी बकाया है। बिजली कंपनी के अधिकारी भी घर आकर धमकी देकर जाते थे। इस कारण भी दिनेश तनाव में था।
नाराज परिजनों ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया और शव लेकर कलेक्ट्रेट जाने लगे। इस दौरान पुलिस से भी उनकी बहस हुई। बाद में शव को कलेक्ट्रेट परिसर के पास सड़क पर रखकर काफी देर तक लोगों ने प्रदर्शन किया। बाद में अधिकारियों के कर्जमाफी और मुआवजे के आश्वासन पर मामला शांत हुआ।
नईदुनिया के मुताबिक, भैरवगढ़ थाना इलाके के ग्राम धनड़ाभल्ला के दिनेश वाघेला कर्जा नहीं चुका पा रहा था और इसलिए बैंक ने उसे कुर्की का नोटिस भेजा था। नोटिस देखने के बाद दिनेश ने फांसी लगाकर जान दे दी।
28 साल के दिनेश ने छह साल पहले पान बिहार के बैंक ऑफ इंडिया से संत रविदास आवास योजना के तहत 1 लाख 63 हजार रुपए का कर्जा लिया था, जो बढ़कर 2 लाख रुपए हो गया था। बैंक ने इसी कर्जे की वसूली के लिए उसे नोटिस भेजा था।
दो बेटियों का पिता दिनेश वाघेला मजदूरी करने उज्जैन आया था। सोमवार को वह घर लौटा तो उसे बैंक के नोटिस का पता चला था जिसके बाद वह तनाव में आ गया था और उसने दूसरे कमरे में जाकर फांसी लगा ली। परिजनों ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे।
दिनेश के पिता का कहना है कि मात्र 1 बीघा जमीन होने के कारण परिवार का खर्चा चलाने में दिक्कत आती है। इसी वजह से दिनेश मजदूरी भी करता था। बैंक का कर्जा बढ़कर 2 लाख हो चुका है और 20 हजार रुपए बिजली का बिल भी बकाया है। बिजली कंपनी के अधिकारी भी घर आकर धमकी देकर जाते थे। इस कारण भी दिनेश तनाव में था।
नाराज परिजनों ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया और शव लेकर कलेक्ट्रेट जाने लगे। इस दौरान पुलिस से भी उनकी बहस हुई। बाद में शव को कलेक्ट्रेट परिसर के पास सड़क पर रखकर काफी देर तक लोगों ने प्रदर्शन किया। बाद में अधिकारियों के कर्जमाफी और मुआवजे के आश्वासन पर मामला शांत हुआ।