ऑटो सेक्टर में देशभर में लाखों कर्मचारियों की छंटनी शुरू हो गई है। वाहनों की बिक्री में लगातार गिरावट के साथ ही वाहन डीलर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। उद्योग संगठन फेडरेशन ऑफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने दावा किया है कि पिछले तीन माह के दौरान खुदरा विक्रेताओं ने बिक्री में भारी गिरावट के कारण लगभग दो लाख कर्मचारियों की छंटनी की है।
उद्योग संगठन फेडरेशन ऑफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ने कहा कि निकट भविष्य में स्थिति में सुधार की संभावना नहीं दिख रही है, जिसकी वजह से और शोरूम बंद हो सकते हैं तथा छंटनी का सिलसिला जारी रह सकता है।
फाडा के अध्यक्ष आशीष हर्षराज काले ने कहा, ‘बिक्री में गिरावट की वजह से डीलरों के पास श्रमबल में कटौती का ही विकल्प बचा है।’ काले ने कहा कि सरकार को वाहन उद्योग को राहत देने के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती जैसे उपाय करने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘अभी ज्यादातर छंटनियां फ्रंट एंड बिक्री में हो रही है, लेकिन सुस्ती का यह रुख यदि जारी रहता है तो तकनीकी नौकरियां भी प्रभावित हो सकती हैं।’
काले ने कहा कि अभी तक दो लाख लोगों को बाहर किया गया है। देशभर में 15,000 डीलरों द्वारा परिचालित 26,000 वाहन शोरूमों में करीब 25 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है। इसी तरह 25 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से इस क्षेत्र में रोजगार मिला है।
उन्होंने बताया कि पिछले तीन माह के दौरान डीलरशिप से दो लाख श्रमबल को कम किया गया है। इससे पहले इस साल अप्रैल तक 18 माह की अवधि में देश में 271 शहरों में 286 शोरूम बंद हुए हैं, जिसमें 32,000 लोगों की नौकरी गई थी। दो लाख नौकरियों की यह कटौती इसके अतिरिक्त है।
उद्योग संगठन फेडरेशन ऑफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ने कहा कि निकट भविष्य में स्थिति में सुधार की संभावना नहीं दिख रही है, जिसकी वजह से और शोरूम बंद हो सकते हैं तथा छंटनी का सिलसिला जारी रह सकता है।
फाडा के अध्यक्ष आशीष हर्षराज काले ने कहा, ‘बिक्री में गिरावट की वजह से डीलरों के पास श्रमबल में कटौती का ही विकल्प बचा है।’ काले ने कहा कि सरकार को वाहन उद्योग को राहत देने के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती जैसे उपाय करने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘अभी ज्यादातर छंटनियां फ्रंट एंड बिक्री में हो रही है, लेकिन सुस्ती का यह रुख यदि जारी रहता है तो तकनीकी नौकरियां भी प्रभावित हो सकती हैं।’
काले ने कहा कि अभी तक दो लाख लोगों को बाहर किया गया है। देशभर में 15,000 डीलरों द्वारा परिचालित 26,000 वाहन शोरूमों में करीब 25 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है। इसी तरह 25 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से इस क्षेत्र में रोजगार मिला है।
उन्होंने बताया कि पिछले तीन माह के दौरान डीलरशिप से दो लाख श्रमबल को कम किया गया है। इससे पहले इस साल अप्रैल तक 18 माह की अवधि में देश में 271 शहरों में 286 शोरूम बंद हुए हैं, जिसमें 32,000 लोगों की नौकरी गई थी। दो लाख नौकरियों की यह कटौती इसके अतिरिक्त है।