अयोध्या। सांप्रदायिक सद्भाव लोकतंत्र की खूबसूरती है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में कुछ ताकतें नफरत फैलाने का काम करती हैं तो कुछ इन्हें सद्भाव के जरिए मुंहतोड़ जवाब देती हैं। 20 मई, 2019 को अयोध्या के सरयू कुंज, वशिष्ठ कुण्ड स्थित राम जानकी मंदिर में महंत आचार्य युगल किशोर शरण शास्त्री ने रोजा इफ्तार का कार्यक्रम आयोजित किया था। अब वे ईद मिलन कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं।
आचार्य युगल किशोर शरण शास्त्री ने रोजा इफ्तार कार्यक्रम के जरिए यह संदेश दिया कि जहां देश में साम्प्रदायिक राजनीति सामाजिक माहौल को खराब कर रही हो वहीं समाज में अभी भी साम्प्रदायिक सद्भावना मजबूत है। अब सर्व धर्म सद्भाव ट्रस्ट की ओर से 8 जून, 2019 को इसी मंदिर में ईद मिलन का कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है।
देश की राजनीति का भले ही धार्मिक राष्ट्रवाद के नाम धु्रवीकरण हो गया हो किंतु ट्रस्ट का मानना है कि सामान्य नागरिक अभी भी धर्म-निर्पेक्ष है और अपने व्यक्तिगत जीवन में सर्व धर्म सम्भाव के सिद्धांत को ही मानता है। भारतीय संस्कृति में यह बात निहित है कि हम अपने विचारों को मानते हुए भी दूसरे विचार को मानने वाले का सम्मान करें व एक दूसरे के साथ मिल जुल कर रहें।
ट्रस्ट ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस सिद्धांत को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भारतीय जनता पार्टी ने बहुत नुकसान पहुंचाया है और देश के विभाजन के बाद ऐसी स्थिति खड़ी कर दी है कि भौगोलिक नहीं तो दिमागों में तो विभाजन खड़ा ही कर दिया है। हम इस तरह के प्रयासों की निंदा करते हैं जहां धर्म को आधार बना लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा हो एवं उम्मीद करते हैं कि इस देश के लोग सर्व धर्म सम्भाव की संस्कृति को ही मजबूती से पकड़े रहेंगे।
आने वाले दिनों में सम्प्रदायिक सद्भावना को मजबूत करने के लिए सर्व धर्म सम्भाव ट्रस्ट की तरफ से कई कार्यक्रम लिए जाएंगे जिसमें सबसे पहले 28-29 जून को इसी मंदिर में एक राष्ट्रीय स्तर को शिविर आयोजित किया जाएगा जिसमें देश भर से युवा भाग लेने आएंगे।
आचार्य युगल किशोर शरण शास्त्री ने रोजा इफ्तार कार्यक्रम के जरिए यह संदेश दिया कि जहां देश में साम्प्रदायिक राजनीति सामाजिक माहौल को खराब कर रही हो वहीं समाज में अभी भी साम्प्रदायिक सद्भावना मजबूत है। अब सर्व धर्म सद्भाव ट्रस्ट की ओर से 8 जून, 2019 को इसी मंदिर में ईद मिलन का कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है।
देश की राजनीति का भले ही धार्मिक राष्ट्रवाद के नाम धु्रवीकरण हो गया हो किंतु ट्रस्ट का मानना है कि सामान्य नागरिक अभी भी धर्म-निर्पेक्ष है और अपने व्यक्तिगत जीवन में सर्व धर्म सम्भाव के सिद्धांत को ही मानता है। भारतीय संस्कृति में यह बात निहित है कि हम अपने विचारों को मानते हुए भी दूसरे विचार को मानने वाले का सम्मान करें व एक दूसरे के साथ मिल जुल कर रहें।
ट्रस्ट ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस सिद्धांत को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भारतीय जनता पार्टी ने बहुत नुकसान पहुंचाया है और देश के विभाजन के बाद ऐसी स्थिति खड़ी कर दी है कि भौगोलिक नहीं तो दिमागों में तो विभाजन खड़ा ही कर दिया है। हम इस तरह के प्रयासों की निंदा करते हैं जहां धर्म को आधार बना लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा हो एवं उम्मीद करते हैं कि इस देश के लोग सर्व धर्म सम्भाव की संस्कृति को ही मजबूती से पकड़े रहेंगे।
आने वाले दिनों में सम्प्रदायिक सद्भावना को मजबूत करने के लिए सर्व धर्म सम्भाव ट्रस्ट की तरफ से कई कार्यक्रम लिए जाएंगे जिसमें सबसे पहले 28-29 जून को इसी मंदिर में एक राष्ट्रीय स्तर को शिविर आयोजित किया जाएगा जिसमें देश भर से युवा भाग लेने आएंगे।