टीएमसी ने चुनाव आयोग से अपनी शिकायत में कहा था कि पीएम मोदी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं। इस स्थिति में, पेट्रोल पंपों और टीकाकरण प्रमाणपत्रों में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने जैसा है।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सरकारी योजनाओं से जुड़े इन विज्ञापनों को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना है। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से कहा है कि पीएम मोदी की तस्वीर को उन चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में होने वाले कोविड -19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों से हटा दिया जाए, जहां इस साल चुनाव होने वाले हैं।
टीएमसी ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी कि वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर का होना आचार संहिता का उल्लंघन है।
इससे पहले चुनाव आयोग ने बुधवार शाम को जारी आदेश में कहा था कि पेट्रोल-पंपों पर लगे पीएम मोदी की तस्वीर वाले ये विज्ञापन आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं, इसलिए इन्हें 72 घंटे के अंदर हटाया जाए।
टीएमसी ने चुनाव आयोग से अपनी शिकायत में कहा था कि पीएम मोदी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं। पीएम मोदी कई जगहों पर रैली और जनसभा करने वाले हैं और बीजेपी के लिए वोट मांगने वाले हैं। इस स्थिति में, पेट्रोल पंपों और टीकाकरण प्रमाणपत्रों में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने जैसा है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी के लिए 26 फरवरी को मतदान कार्यक्रम की घोषणा की थी।
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इससे पहले चुनाव आयोग ने बुधवार शाम को जारी आदेश में कहा था कि पेट्रोल-पंपों पर लगे पीएम मोदी की तस्वीर वाले ये विज्ञापन आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं, इसलिए इन्हें 72 घंटे के अंदर हटाया जाए।
टीएमसी ने चुनाव आयोग से अपनी शिकायत में कहा था कि पीएम मोदी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं। पीएम मोदी कई जगहों पर रैली और जनसभा करने वाले हैं और बीजेपी के लिए वोट मांगने वाले हैं। इस स्थिति में, पेट्रोल पंपों और टीकाकरण प्रमाणपत्रों में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने जैसा है।
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