गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र चुडासमा की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही हैं। गुजरात हाई कोर्ट के बाद चुनाव आयोग ने माना कि विधानसभा चुनाव 2017 में गुजरात की ढोलका सीट की मतगणना में आयोग के अधिकारियों से गलती हुई है। साथ ही आयोग ने तत्कालीन अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की है।

कांग्रेस के अश्विन राठोर ने यह आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनाव में चुनाव अधिकारियों ने मतगणना में घालमेल कर बीजेपी के भूपेंद्र चुडासमा को जीत दिलाई थी। इसके साथ ही गुजरात हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। सुनवाई के दौरान गुजरात हाई कोर्ट ने चुनाव में नियुक्त निर्वाचन अधिकारी धवल जनी और चुनाव प्रेक्षक विनीता बोहरा को नियमों का पालन न करने का दोषी पाया था। जिसके बाद चुनाव आयोग ने कोर्ट को दोनों अधिकारियों को आयोग के बनाए नियमों का उल्लंघन करने के अपराध में सजा देने की सिफारिश की है।
चुनाव आयोग ने कहा कि आयोग की जांच में मतगणना में अधिकारियों द्वारा गंभीर त्रुटियां की गईं। जिसके बाद आयोग न्यायालय से अनुरोध करता है कि चुनाव आयोग के नियमों का पालन न करने के लिए चुनाव प्रेक्षक विनीता बोहरा पर कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया जाए। आयोग ने बताया कि निर्वाचन अधिकारी धवल जनी को जस्टिस परेश उपाध्याय द्वारा दोषी पाये जाने पर लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ही बर्खास्त कर दिया गया है। आयोग ने विनीता बोहरा के साथ धवल जनी पर भी सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
विनीता बोहरा ने गुजरात हाई कोर्ट से अनुरोध किया है कि उन्हें अपने लिए वकील नियुक्त करने हेतु समय दिया जाए। जिसके बाद कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 8 मई तय की है।
धवल जनी ने कोर्ट में अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उसी बीच बीजेपी नेता चुडासमा के वकील चित्रजीत उपाध्याय ने भी केस छोड़ दिया है। अब एडवोकेट तेजल वाशी उनके स्थान पर भूपेंद्र चुडासमा की पैरवी करेंगी।
धवल जनी का स्वीकारना, चित्रजीत उपाध्याय का इसी बीच केस छोड़ना और नई एडवोकेट का बीजेपी नेता की एफिडेविट के बारे में न पता होना और फिर सुनवाई के दौरान कोर्ट के चले जाना- गुजरात हाई कोर्ट को खटक गया था। जिसके बाद पूरा मामला उनके लिए साफ हो गया।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी के भूपेंद्र चुडासमा ने मात्र 327 वोटों से काँग्रेस के आश्विन राठोर को हरा जीत हासिल की थी। साथ ही राठोर ने चुनाव अधिकारियों पर 429 बैलट पेपर निरस्त करने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं अश्विन राठोर ने नेता चुडासमा पर गलत तरीके से चुनाव जीतने का आरोप लगते हुए कोर्ट से चुनाव रद्द करने की मांग की है।
फिलहाल इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होनी है। साथ ही चुनाव आयोग ने हो रहे लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले मतगणना के लिए सभी निर्वाचन अधिकारियों को सचेत कर दिया है।

कांग्रेस के अश्विन राठोर ने यह आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनाव में चुनाव अधिकारियों ने मतगणना में घालमेल कर बीजेपी के भूपेंद्र चुडासमा को जीत दिलाई थी। इसके साथ ही गुजरात हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। सुनवाई के दौरान गुजरात हाई कोर्ट ने चुनाव में नियुक्त निर्वाचन अधिकारी धवल जनी और चुनाव प्रेक्षक विनीता बोहरा को नियमों का पालन न करने का दोषी पाया था। जिसके बाद चुनाव आयोग ने कोर्ट को दोनों अधिकारियों को आयोग के बनाए नियमों का उल्लंघन करने के अपराध में सजा देने की सिफारिश की है।
चुनाव आयोग ने कहा कि आयोग की जांच में मतगणना में अधिकारियों द्वारा गंभीर त्रुटियां की गईं। जिसके बाद आयोग न्यायालय से अनुरोध करता है कि चुनाव आयोग के नियमों का पालन न करने के लिए चुनाव प्रेक्षक विनीता बोहरा पर कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया जाए। आयोग ने बताया कि निर्वाचन अधिकारी धवल जनी को जस्टिस परेश उपाध्याय द्वारा दोषी पाये जाने पर लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ही बर्खास्त कर दिया गया है। आयोग ने विनीता बोहरा के साथ धवल जनी पर भी सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
विनीता बोहरा ने गुजरात हाई कोर्ट से अनुरोध किया है कि उन्हें अपने लिए वकील नियुक्त करने हेतु समय दिया जाए। जिसके बाद कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 8 मई तय की है।
धवल जनी ने कोर्ट में अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उसी बीच बीजेपी नेता चुडासमा के वकील चित्रजीत उपाध्याय ने भी केस छोड़ दिया है। अब एडवोकेट तेजल वाशी उनके स्थान पर भूपेंद्र चुडासमा की पैरवी करेंगी।
धवल जनी का स्वीकारना, चित्रजीत उपाध्याय का इसी बीच केस छोड़ना और नई एडवोकेट का बीजेपी नेता की एफिडेविट के बारे में न पता होना और फिर सुनवाई के दौरान कोर्ट के चले जाना- गुजरात हाई कोर्ट को खटक गया था। जिसके बाद पूरा मामला उनके लिए साफ हो गया।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी के भूपेंद्र चुडासमा ने मात्र 327 वोटों से काँग्रेस के आश्विन राठोर को हरा जीत हासिल की थी। साथ ही राठोर ने चुनाव अधिकारियों पर 429 बैलट पेपर निरस्त करने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं अश्विन राठोर ने नेता चुडासमा पर गलत तरीके से चुनाव जीतने का आरोप लगते हुए कोर्ट से चुनाव रद्द करने की मांग की है।
फिलहाल इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होनी है। साथ ही चुनाव आयोग ने हो रहे लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले मतगणना के लिए सभी निर्वाचन अधिकारियों को सचेत कर दिया है।