गुजरात के पाटन से दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है। यहां एक दलित छात्र की पेड़ से बांधकर पिटाई की गई है। छात्र अपनी परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र के बाहर इंतजार कर रहा था तभी एक शख्स किसी काम के बहाने उसे सेंटर से दूर लेक गया। फिर आरोपी छात्र को अपनी साथी के साथ बाइक पर बैठाकर ले गया और इसके बाद पेड़ से बांधकर उसकी बर्बर पिटाई की गई। फिलहाल छात्र मेहसाना के अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज जारी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला पाटन जिले के चाणस्मा तालुका के गोराड गांव का है। जहां बीते 18 मार्च को दलित छात्र मितकुमार नरेशभाई चावड़ा अपने इंग्लिश के बोर्ड एग्जाम के लिए सेंटर के बाहर खड़ा था।
पीड़ित के मुताबिक वह सार्वजनिक विद्या मंदिर हाई स्कूल में स्टेट ट्रांसपोर्ट बस से करीब एक बजे पहुंच गया था। वहां इंतजार कर रहा था तभी वहां रमेश पटेल (स्टेट ट्रांसपोर्ट बस का कंडक्टर) आया और बोला कि उसे मुझसे कुछ काम है। यह बात बोलकर वो मुझे सेंटर से थोड़ी दूर लेकर गया जहां बाइक पर उसका एक साथी इंतजार कर रहा था। इसके बाद दोनों मुझे गोराड गांव के एक फार्म पर लेकर गए।
दलित छात्र की मां तरुना ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि रास्ते में उसके बेटे ने कहा कि उसका एग्जाम छूट जाएगा उसे जाने दें। लेकिन दोनों आरोपियों ने कहा कि वो चिंता न करे वो एग्जाम शुरू होने से पहले उसे सेंटर छोड़ देंगे। इसके बाद उन्होंने खेत में उसे एक पेड़ से बांध दिया और लकड़ी से उसकी पिटाई करना शुरू कर दी।
जब पीड़ित दलित छात्र ने इसकी वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि उसे पढ़ाई नहीं बल्कि मजदूरी करनी चाहिए। बता दें कि पीड़ित छात्र की मां एक प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करती है। इस वजह से वो सभी मेहसाना में शिफ्ट हुए थे। वहीं उसके पिता का हाल ही में एक्सीडेंट हो गया था जिसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें आराम करने के लिए कहा है।
इस घटना के बाद पीड़ित दलित छात्र टैक्सी कर अपने घर आ गया और उसने एग्जाम भी नहीं दिया। इसके साथ ही मितकुमार ने डर की वजह से इस घटना के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। लेकिन बुधवार (20 मार्च) को जब मितकुमार की मां ने उसके जख्म देखे तो सारा मामला सामने आया।
जैसे ही मितकुमार की मां को पूरी बात पता लगी वैसी ही वो उसको लेकर अस्पताल गईं और इलाज के बाद पुलिस स्टेशन में एफआईआर करवाई। पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 341, 504, 506 (2) और 114 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं डिप्टी एसपी आरपी जाला का कहना है कि चूंकि बस कंडक्टर का हमारे पास पूरा नाम नहीं है और पीड़ित उसे सिर्फ चेहरे से पहचानता है इसलिए कार्रवाई में थोड़ी देरी हो रही है। लेकिन जांच जारी है। जल्द ही आरोपी पुलिस गिरफ्त में होंगे।
वहीं इस मामले में यह भी सुनने को मिला की पीड़ित दलित छात्र का ऊंची जाति की लड़की के साथ अफेयर था जिसके चलते यह घटना हुई है। वहीं पीड़ित की मां का कहना है कि उसके बेटे को बदनाम करने के लिए यह अफवाह फैलाई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला पाटन जिले के चाणस्मा तालुका के गोराड गांव का है। जहां बीते 18 मार्च को दलित छात्र मितकुमार नरेशभाई चावड़ा अपने इंग्लिश के बोर्ड एग्जाम के लिए सेंटर के बाहर खड़ा था।
पीड़ित के मुताबिक वह सार्वजनिक विद्या मंदिर हाई स्कूल में स्टेट ट्रांसपोर्ट बस से करीब एक बजे पहुंच गया था। वहां इंतजार कर रहा था तभी वहां रमेश पटेल (स्टेट ट्रांसपोर्ट बस का कंडक्टर) आया और बोला कि उसे मुझसे कुछ काम है। यह बात बोलकर वो मुझे सेंटर से थोड़ी दूर लेकर गया जहां बाइक पर उसका एक साथी इंतजार कर रहा था। इसके बाद दोनों मुझे गोराड गांव के एक फार्म पर लेकर गए।
दलित छात्र की मां तरुना ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि रास्ते में उसके बेटे ने कहा कि उसका एग्जाम छूट जाएगा उसे जाने दें। लेकिन दोनों आरोपियों ने कहा कि वो चिंता न करे वो एग्जाम शुरू होने से पहले उसे सेंटर छोड़ देंगे। इसके बाद उन्होंने खेत में उसे एक पेड़ से बांध दिया और लकड़ी से उसकी पिटाई करना शुरू कर दी।
जब पीड़ित दलित छात्र ने इसकी वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि उसे पढ़ाई नहीं बल्कि मजदूरी करनी चाहिए। बता दें कि पीड़ित छात्र की मां एक प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करती है। इस वजह से वो सभी मेहसाना में शिफ्ट हुए थे। वहीं उसके पिता का हाल ही में एक्सीडेंट हो गया था जिसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें आराम करने के लिए कहा है।
इस घटना के बाद पीड़ित दलित छात्र टैक्सी कर अपने घर आ गया और उसने एग्जाम भी नहीं दिया। इसके साथ ही मितकुमार ने डर की वजह से इस घटना के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। लेकिन बुधवार (20 मार्च) को जब मितकुमार की मां ने उसके जख्म देखे तो सारा मामला सामने आया।
जैसे ही मितकुमार की मां को पूरी बात पता लगी वैसी ही वो उसको लेकर अस्पताल गईं और इलाज के बाद पुलिस स्टेशन में एफआईआर करवाई। पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 341, 504, 506 (2) और 114 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं डिप्टी एसपी आरपी जाला का कहना है कि चूंकि बस कंडक्टर का हमारे पास पूरा नाम नहीं है और पीड़ित उसे सिर्फ चेहरे से पहचानता है इसलिए कार्रवाई में थोड़ी देरी हो रही है। लेकिन जांच जारी है। जल्द ही आरोपी पुलिस गिरफ्त में होंगे।
वहीं इस मामले में यह भी सुनने को मिला की पीड़ित दलित छात्र का ऊंची जाति की लड़की के साथ अफेयर था जिसके चलते यह घटना हुई है। वहीं पीड़ित की मां का कहना है कि उसके बेटे को बदनाम करने के लिए यह अफवाह फैलाई जा रही है।