कासगंजः धूमधाम से निकली दलित की बारात, घर छोड़कर भागे ठाकुर

Written by Sabrang India Staff | Published on: July 17, 2018
कासगंज के गांव निजामपुर में दलित युवक सुनील जाटव और शीतल की शादी ने परंपराओं को तोड़कर इतिहास के पन्नों में अपनी जगह बना ली है। दलित युवक की शाद के दिन माहौल बदला बदला था। जिस गली से सुनील की बारात पहुंची वहां तो खूशियों की धूम थी लेकिन दूसरी ओर क्षत्रिय बहुल इलाके सन्नाटा पसरा हुआ था। यहां क्षत्रिय समुदाय के पुरुष सुबह से ही गांव छोड़कर चले गए थे। जबकि महिलाएं घरों में बंद रही और बारात को तक नहीं देखा।



मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निजापुर गांव का नजारा सुबह से ही बदला हुआ था। दलित की यह शादी सभी की जुबां पर थी। पहले से तय था कि क्षत्रिय पुरुष शादी वाले दिन गांव छोड़कर चले जाएंगे, जबकि महिलाएं घरों में  बंद रहेंगी और हुआ भी यही। 

रविवार सुबह ही अधिकांश पुरुष गांव से चले। शाम जब तक गलियों से बारात निकली तब तक महिलाएं घरों में ही रहीं और  पुरुष गांव से बाहर। ऐसे में दिनभर इस क्षेत्र की गलियों में पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ था। गलियों में बुजुर्ग और बच्चे भी नहीं दिखाई दे रहे थे। गांव के तिराहे और चौराहे के अलावा क्षत्रियों के दरवाजे और गली में सिर्फ खाकी ही खाकी दिख रही थी। 

छतों पर भी खाकी का पहरा था, जबकि इसके विपरीत जिस घर में बारात आ रही थी, उस इलाके की गलियां रौनक से खिलखिला रही थी। यहां खासी भीड़ थी। पुलिस के साथ साथ खुफिया विभाग के अधिकारी भी रहे। गांव की शुरुसे ही विद्युत चलित झालरों से सजावट की गई थी और दुल्हन के घर तक गलियां पूरी तरह सजी हुई थी। गांव में अन्य जातियों के ग्रामीण भी इस शादी को लेकर चर्चा में रहे। 

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