दलित की जान कितनी सस्ती है इसका अंदाजा आंध्र प्रदेश की घटना से लगाया जा सकता है जहां एक दलित को बाग से आम चोरी करने के आरोप में मार डाला गया। पूर्वी गोदावरी जिले के रंगमपेटा मंडल की सिंगमपल्ली ग्राम पंचायत में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया जब एक 30 वर्षीय दलित व्यक्ति बिक्की श्रीनिवास की फांसी के फंदे पर झूलती लाश मिली।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, श्रीनिवास ने कथित तौर पर एक सवर्ण व्यक्ति के बाग से आम चुरा लिए थे। इसके बाद बाग मालिक और अन्य लोगों ने उसका पीछा किया और पकड़कर लाठी डंडों से जमकर पिटाई की। श्रीनिवास इस पिटाई को झेल नहीं पाया और उसने दम तोड़ दिया।
श्रीनिवास की मौत के बाद उक्त लोग उसकी लाश को पंचायत कार्यालय ले गए और उसे छत से लटका दिया। हत्यारों ने यह बात प्रोजेक्ट करने की कोशिश की कि उसने आम चोरी करते हुए पकड़े जाने पर आत्मग्लानि में खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
श्रीनिवास की मौत की खबर पाकर उसके परिवार के लोग पंचायत कार्यालय पहुंचे और शव को नीचे उतारा। श्रीनिवास के शरीर पर चोट के निशान थे जिससे उसके परिजनों को संदेह हो गया कि उसे मारकर लटकाया गया है। यह खबर फैलते ही आसपास के गांवों के लगभग 1,000 लोग सिंगमपल्ली पहुंचे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरना दिया।
उन्होंने मांग की कि दोषियों के खिलाफ एससी, एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए। पूर्व सांसद जीवी हर्ष कुमार ने भी गांव का दौरा किया और विरोध में शामिल हुए।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, श्रीनिवास ने कथित तौर पर एक सवर्ण व्यक्ति के बाग से आम चुरा लिए थे। इसके बाद बाग मालिक और अन्य लोगों ने उसका पीछा किया और पकड़कर लाठी डंडों से जमकर पिटाई की। श्रीनिवास इस पिटाई को झेल नहीं पाया और उसने दम तोड़ दिया।
श्रीनिवास की मौत के बाद उक्त लोग उसकी लाश को पंचायत कार्यालय ले गए और उसे छत से लटका दिया। हत्यारों ने यह बात प्रोजेक्ट करने की कोशिश की कि उसने आम चोरी करते हुए पकड़े जाने पर आत्मग्लानि में खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
श्रीनिवास की मौत की खबर पाकर उसके परिवार के लोग पंचायत कार्यालय पहुंचे और शव को नीचे उतारा। श्रीनिवास के शरीर पर चोट के निशान थे जिससे उसके परिजनों को संदेह हो गया कि उसे मारकर लटकाया गया है। यह खबर फैलते ही आसपास के गांवों के लगभग 1,000 लोग सिंगमपल्ली पहुंचे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरना दिया।
उन्होंने मांग की कि दोषियों के खिलाफ एससी, एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए। पूर्व सांसद जीवी हर्ष कुमार ने भी गांव का दौरा किया और विरोध में शामिल हुए।