डरिए कि आप यूपी में हैं: दलित के हाथ-पैर काट चारपाई से बांधा, फिर जिंदा जला दिया

Written by sabrang india | Published on: June 18, 2019
दलित उत्पीड़न आजादी के सत्तर साल बाद भी देश में एक चुनौती बना हुआ है। लोगों की मानसिकता किस कदर जहरीली है इसका अंदाजा आए दिन मामूली बात पर दलितों पर होने वाले अत्याचार से लगाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में सनसनीखेज वारदात सामने आई है। जिले के बेलाराम गांव में एक दलित के हाथ पैर काटकर चारपाई से बांधकर जिंदा जला दिया गया। वारदात से इलाके में तनाव है। एक युवक को हिरासत में लिया गया है।


प्रतापगढ़ के पट्टी कोतवाली इलाके के बेलारामपुर में गांव के बाहर पंपिंगसेट पर सो रहे दलित किसान के हाथ-पैर काटने के बाद उसे चारपाई में बांधकर जिंदा फूंक दिया गया। उसका शव पूरी तरह जल गया था। खबर फैलते ही इलाके में तनाव पैदा हो गया। आनन-फानन मौके पर पहुंची पुलिस को गांव वालों ने शव उठाने से इनकार कर दिया। किसी तरह शाम को शव उठाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका।

अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक पट्टी कोतवाली के बेलारामपुर निवासी विनय कुमार सरोज उर्फ बबलू (33) पुत्र शोभनाथ सरोज खेती करने के साथ ही सुअर पालन का व्यवसाय करता था। रविवार की रात वह परिवार के साथ भारत-पाकिस्तान का मैच देख रहा था। मैच खत्म होने के बाद वह घर से करीब तीन सौ मीटर दूर खेत में लगे पपिंगसेट पर धान की नर्सरी की रखवाली करने के लिए चला गया। वहीं पर उसका सुअरबाड़ा भी है।

जानकारी के मुताबिक सोमवार तड़के करीब पांच बजे विनय का भाई ओमप्रकाश पपिंगसेट पर जाने के लिए निकला। कुछ दूर पहले ही उसे पपिंगसेट के पास बने छप्पर से धुआं उठता दिखा। वह जब छप्पर के पास पहुंचा तो पाया कि उसके भाई विनय का शव जल रहा था। उसे चारपाई से बांधा गया था और हाथ-पैर कटे हुए थे। यह देखकर उसके होश उड़ गए और उसने शोर मचाया। चीख-पुकार सुनकर गांव वाले मौके पर और हालात देख सन्न रह गए। देखते-देखते इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस को सूचना दी गई लेकिन काफी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची।

घटना से गुस्साए लोगों ने पुलिस को शव उठाने से रोक दिया। लोग डीएम को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। घटनास्थल पर प्रभारी पुलिस अधीक्षक और एसडीएम पट्टी समेत आसपास के थानों के पुलिस बल को बुला लिया गया। काफी हीला हवाली के बाद 11 घंटे बाद शाम करीब साढ़े चार बजे के डीएम घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों को कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब जाकर पुलिस शव कब्जे में ले सकी।

शाम करीब साढ़े चार बजे जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही मौके पर पहुंचे और परिवार के लोगों को नौ लाख रुपये की आर्थिक मदद, शस्त्र लाइसेंस समेत सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया। तब जाकर पुलिस शव कब्जे में ले सकी। मृतक के भाई ओमप्रकाश की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या व साक्ष्य छिपाने का मुकदमा दर्ज कर लिया। इस मामले में पुलिस ने मृतक विनय सरोज के सुअरबाड़े में पार्टनर विजेंद्र को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

 

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