झारखण्ड के गुमला जेल में बंद विचाराधिन कैदी इबरान खान (21) को पुलिसकर्मियों ने पीट-पीट कर मार डाला यह आरोप उनके परिवार वालों ने लगाया है।अखबार में समाचार देखकर APCR के हमारे साथी सच्चाई जानने सिसई उनके घर गये उनके परिवार वालों व गाँव के लोगों से बात की व इबरान की डेड बाॅडी देखी। उनके जिस्म में पिटने के निशान थे व मुँह से खुन आ रहा था।

परिवार वालों ने FIR नहीं किया है हमलोगों की कोशिश है कि जेल प्रशासन के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाय।इबरान को अवैध लदी लकङी के गाङी के साथ गिरफ्तार दिखाया गया था पुलिस का कहना था कि गाङी का ड्राइवर इबरान था जबकि उनके परिवार वालों का कहना है इमरान बेकसुर था वह तो नमाज पढकर आ रहा था पुलिस वालों ने उसे पकङ लिया और जेल में बंद कर दिये।अगर यह मान भी लिया जाए कि इबरान तस्कर था तो भी किसी पुलिस वाले को उसकी जान लेने का अधिकार नहीं था यह सीधा-सीधा मानवाधिकार का उलंघन है और इसके लिये जेल प्रशासन पर कार्यवाई होनी चाहिये।
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परिवार वालों ने FIR नहीं किया है हमलोगों की कोशिश है कि जेल प्रशासन के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाय।इबरान को अवैध लदी लकङी के गाङी के साथ गिरफ्तार दिखाया गया था पुलिस का कहना था कि गाङी का ड्राइवर इबरान था जबकि उनके परिवार वालों का कहना है इमरान बेकसुर था वह तो नमाज पढकर आ रहा था पुलिस वालों ने उसे पकङ लिया और जेल में बंद कर दिये।अगर यह मान भी लिया जाए कि इबरान तस्कर था तो भी किसी पुलिस वाले को उसकी जान लेने का अधिकार नहीं था यह सीधा-सीधा मानवाधिकार का उलंघन है और इसके लिये जेल प्रशासन पर कार्यवाई होनी चाहिये।
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