प्रवासी मजदूरों व गरीबों की उपेक्षा के खिलाफ भाकपा 19 मई को विरोध प्रदर्शन करेगी। काले झंडे एवं काली पट्टी बांधकर प्रतिवाद मार्च निकालेगी और अंचल कार्यालय पर धरना देकर विरोध प्रकट करेगी। भाकपा महासचिव डी राजा द्वारा पत्र के माध्यम से सूचना दी गई है कि हजारों मजदूर काम धंधा छीन जाने से दाने-दाने का मोहताज हैं। केंद्र व राज्य सरकार गरीबों व मजदूरों को राहत नहीं दे रही है। उनके पास खाने को नहीं है। घर आने के लिए पैसे नहीं है। केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के पैकेज में भी गरीबों को वंचित रखा। इस संबंध में सीपीआई महासचिव का पूरा पत्र इस प्रकार है....
प्यारे कॉमरेड्स,
हज़ारों मज़दूर काम धंधा छीन जाने से दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. उनके पास खाने को नहीं है. अपने घर पहुँचने के लिए पैसे नहीं है. अपने परिवार को गुजर-बसर करना उनके लिए मुश्किल हो रहा है. इन सब के बावजूद सरकार उनकी बदहाली को नज़रअंदाज कर रही है.
प्रधानमंत्री की ओर से की गई बीस लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा और वित्त मंत्री द्वारा इसके खर्च की विवरण सिर्फ राजनीतिक लफ्फाजी है और कुछ नहीं. उनके पास कोराना से पैदा हुए संकट से निपटने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है. मोदी सरकार की नव-उदारवादी नीतियों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था बीमार पड़ गई है और डूब रही है. कोरोना के संकट ने इसे और बढ़ा दिया है.
ऐसे वक्त में लोगों को असहाय और हताश महसूस नहीं करने देना चाहिए. इसलिए हमारी पार्टी को आगे बढ़कर केंद्र सरकार की इस निष्ठुरता के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करना होगा. संयुक्त राजनीतिक कार्रवाइयों के साथ-साथ पार्टी को अपनी स्वतंत्र गतिविधियां भी करनी चाहिए. मौजूदा हालात में तत्काल दखल देने की जरूरत है.
इसलिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करने का फैसला लिया है. यह विरोध-प्रदर्शन प्रवासी मजदूरों की मांग को लेकर 19 मई, 2020 को होना चाहिए.
हम सभी पार्टी इकाइयों और सदस्यों से अपील करते हैं कि जहाँ लॉकडाउन की पाबंदियाँ हैं वहाँ काले झंडे और काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे और जहाँ लॉकडाउन की बंदिशें उस तरीके से नहीं है वहाँ लेबर या राजस्व दफ्तर के सामने प्लेकार्ड लेकर मास्क और शारीरिक दूरी बनाने के दूसरे ऐहतियात बरतते हुए विरोध-प्रदर्शन करें.
हमारी मांगें इसप्रकार से होंगी:
· प्रवासी मज़दूरों के लिए और अधिक ट्रेन और बसें चलाई जाए जिसमें उन्हें खाना और पानी की सुविधा दी जाए.
· सभी मज़दूरों को दस हज़ार रुपये यात्रा भत्ता के तौर पर दिए जाए.
· मनरेगा को कमजोर नहीं किया जाए.
· मनरेगा के तहत काम के दिन बढ़ाए जाए और प्रत्येक परिवार के सभी व्यस्क सदस्यों को समय पर भुगतान दिया जाए.
· शहरी क्षेत्रों में रोजगार और आवास की गारंटी दी जाए.
· राशन देने के लिए किसी भी तरह की शर्त ना रखी जाए.
· श्रम कानून के साथ कोई छेडछाड़ ना की जाए.
· ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब और छोटे किसानों के मुद्दों का उचित निवारण किया जाए.
· बुजुर्गों, विधवाओं और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए पेंशन और दूसरी सामाजिक सुरक्षाएँ सुनिश्ति की जाए और बढ़ाई जाए.
पार्टी इकाइयां इसमें जरूरत के हिसाब से स्थानीय मांगों को भी शामिल कर सकती हैं.
क्रांतिकारी अभिवादन के साथ,
आपका कॉमरेड,
डी. राजा
महासचिव
प्यारे कॉमरेड्स,
हज़ारों मज़दूर काम धंधा छीन जाने से दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. उनके पास खाने को नहीं है. अपने घर पहुँचने के लिए पैसे नहीं है. अपने परिवार को गुजर-बसर करना उनके लिए मुश्किल हो रहा है. इन सब के बावजूद सरकार उनकी बदहाली को नज़रअंदाज कर रही है.
प्रधानमंत्री की ओर से की गई बीस लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा और वित्त मंत्री द्वारा इसके खर्च की विवरण सिर्फ राजनीतिक लफ्फाजी है और कुछ नहीं. उनके पास कोराना से पैदा हुए संकट से निपटने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है. मोदी सरकार की नव-उदारवादी नीतियों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था बीमार पड़ गई है और डूब रही है. कोरोना के संकट ने इसे और बढ़ा दिया है.
ऐसे वक्त में लोगों को असहाय और हताश महसूस नहीं करने देना चाहिए. इसलिए हमारी पार्टी को आगे बढ़कर केंद्र सरकार की इस निष्ठुरता के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करना होगा. संयुक्त राजनीतिक कार्रवाइयों के साथ-साथ पार्टी को अपनी स्वतंत्र गतिविधियां भी करनी चाहिए. मौजूदा हालात में तत्काल दखल देने की जरूरत है.
इसलिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करने का फैसला लिया है. यह विरोध-प्रदर्शन प्रवासी मजदूरों की मांग को लेकर 19 मई, 2020 को होना चाहिए.
हम सभी पार्टी इकाइयों और सदस्यों से अपील करते हैं कि जहाँ लॉकडाउन की पाबंदियाँ हैं वहाँ काले झंडे और काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे और जहाँ लॉकडाउन की बंदिशें उस तरीके से नहीं है वहाँ लेबर या राजस्व दफ्तर के सामने प्लेकार्ड लेकर मास्क और शारीरिक दूरी बनाने के दूसरे ऐहतियात बरतते हुए विरोध-प्रदर्शन करें.
हमारी मांगें इसप्रकार से होंगी:
· प्रवासी मज़दूरों के लिए और अधिक ट्रेन और बसें चलाई जाए जिसमें उन्हें खाना और पानी की सुविधा दी जाए.
· सभी मज़दूरों को दस हज़ार रुपये यात्रा भत्ता के तौर पर दिए जाए.
· मनरेगा को कमजोर नहीं किया जाए.
· मनरेगा के तहत काम के दिन बढ़ाए जाए और प्रत्येक परिवार के सभी व्यस्क सदस्यों को समय पर भुगतान दिया जाए.
· शहरी क्षेत्रों में रोजगार और आवास की गारंटी दी जाए.
· राशन देने के लिए किसी भी तरह की शर्त ना रखी जाए.
· श्रम कानून के साथ कोई छेडछाड़ ना की जाए.
· ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब और छोटे किसानों के मुद्दों का उचित निवारण किया जाए.
· बुजुर्गों, विधवाओं और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए पेंशन और दूसरी सामाजिक सुरक्षाएँ सुनिश्ति की जाए और बढ़ाई जाए.
पार्टी इकाइयां इसमें जरूरत के हिसाब से स्थानीय मांगों को भी शामिल कर सकती हैं.
क्रांतिकारी अभिवादन के साथ,
आपका कॉमरेड,
डी. राजा
महासचिव