जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले प्रावधान अनुच्छेद-370 को हटाये जाने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र की मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया है। चिदंबरम ने सरकार से सवाल किया कि ''सख्त राष्ट्रवाद" ने दुनिया में किसी संघर्ष का हल किया है। केंद्र ने जम्मू और कश्मीर को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को खत्म कर दिया है और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया है।
चिदंबरम ने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल की टिप्पणियों का हवाला देते हुए एक ट्वीट में कहा कि शाह फैसल पहले सिविल सेवा परीक्षा में आए और आईएएस में शामिल हो गए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर सरकार की कार्रवाई को 'सबसे बड़ा विश्वासघात' बताया।
उन्होंने कहा कि अगर शाह फैसल ऐसा सोचते हैं, तो कल्पना करें कि जम्मू-कश्मीर के लाखों आम लोग क्या सोचते हैं। चिदंबरम ने पूछा कि क्या मस्कुलर राष्ट्रवाद 'ने दुनिया में कहीं भी किसी भी संघर्ष को हल किया है?
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने इससे पहले कहा था, ''सरकार ने जो किया है वह अप्रत्याशित और जोखिम भरा कदम है। सरकार ने संविधान के अनुच्छेदों की गलत व्याख्या की है।''
उन्होंने कहा, ''मैं सभी राजनीतिक दलों, राज्यों और देश की जनता से कहना चाहता हूं कि 'भारत का विचार' गंभीर खतरे में है। यह भारत के संवैधानिक इतिहास में एक काला दिन है।''
बता दें कि कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने मंगलवार को कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ खड़ी रहेगी और भाजपा के ''विभाजनकारी एजेंडे'' के खिलाफ लड़ेगी। कांग्रेस कार्य समिति के प्रस्ताव में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 को जिस मनमाने और अलोकतांत्रिक ढंग से हटाया गया है, उसकी सीडब्ल्यूसी निंदा करती है।
चिदंबरम ने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल की टिप्पणियों का हवाला देते हुए एक ट्वीट में कहा कि शाह फैसल पहले सिविल सेवा परीक्षा में आए और आईएएस में शामिल हो गए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर सरकार की कार्रवाई को 'सबसे बड़ा विश्वासघात' बताया।
उन्होंने कहा कि अगर शाह फैसल ऐसा सोचते हैं, तो कल्पना करें कि जम्मू-कश्मीर के लाखों आम लोग क्या सोचते हैं। चिदंबरम ने पूछा कि क्या मस्कुलर राष्ट्रवाद 'ने दुनिया में कहीं भी किसी भी संघर्ष को हल किया है?
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने इससे पहले कहा था, ''सरकार ने जो किया है वह अप्रत्याशित और जोखिम भरा कदम है। सरकार ने संविधान के अनुच्छेदों की गलत व्याख्या की है।''
उन्होंने कहा, ''मैं सभी राजनीतिक दलों, राज्यों और देश की जनता से कहना चाहता हूं कि 'भारत का विचार' गंभीर खतरे में है। यह भारत के संवैधानिक इतिहास में एक काला दिन है।''
बता दें कि कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने मंगलवार को कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ खड़ी रहेगी और भाजपा के ''विभाजनकारी एजेंडे'' के खिलाफ लड़ेगी। कांग्रेस कार्य समिति के प्रस्ताव में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 को जिस मनमाने और अलोकतांत्रिक ढंग से हटाया गया है, उसकी सीडब्ल्यूसी निंदा करती है।