नई दिल्ली। हाल के समय में जिस तरह से गोरक्षा और हिंदुत्व के नाम पर मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है, शैक्षणिक संस्थान भी इसकी जद में आ गए हैं। गुरू गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में लॉ के विद्यार्थियों से भारत के सामाजिक ताने बाने को छिन्न भिन्न करने वाला सवाल परीक्षा में पूछा गया। यहां लॉ के विद्यार्थियों से समाजिक वैमनस्यता पैदा करने वाला सवाल पूछा गया जिसके जरिए सीधे तौर पर मुस्लिमों को निशाना बनाया गया।
7 दिसंबर को एलएलबी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा में पूछा गया कि 'अहमद जो कि मुस्लिम है, वह रोहित, तुषार, मानव और राहुल जो कि हिंदू हैं, इनके सामने बाजार में एक गाय मार देता है, क्या अहमद ने कोई अपराध किया है ?'
ऐसे समय में जब गोरक्षा के नाम पर मुस्लिमों को निशाना बढ़ाने के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे मामलों में मरने वालों में 80 प्रतिशत मुस्लिम हैं, यह सवाल विद्यार्थियों के मन में भी विद्वेष की भावना पैदा कर रहा है। ऐसे सवाल कर सिर्फ अल्पसंख्यकों के प्रति लोगों के मन में विद्वेष की भावना ही नहीं पैदा की जा रही बल्कि उनकी भावनाओं को भी आहत किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील बिलाल अनवर के ट्वीट के बाद यह मामला सामने आया है। इस मामले पर गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार सतनाम सिंह ने टेलीग्राफ को बताया, "हमें इस सवाल पर अफसोस है। यह निश्चित रूप से सांप्रदायिक है।
उन्होंने कहा कि इस सवाल पर कोई अंक नहीं मिलेगा। परीक्षा नियंत्रकों औऱ परीक्षकों को सलाह दी जाएगी कि भविष्य में ऐसी गलती ना हो। उन्होंने कहा कि इसकी जांच का आदेश दिया गया है कि प्रश्न पत्र में यह सवाल कैसे आया। पेपर में इस सवाल को रखने वाले को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (धार्मिक समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने) के तहत दंडित किया जाएगा।
7 दिसंबर को एलएलबी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा में पूछा गया कि 'अहमद जो कि मुस्लिम है, वह रोहित, तुषार, मानव और राहुल जो कि हिंदू हैं, इनके सामने बाजार में एक गाय मार देता है, क्या अहमद ने कोई अपराध किया है ?'
ऐसे समय में जब गोरक्षा के नाम पर मुस्लिमों को निशाना बढ़ाने के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे मामलों में मरने वालों में 80 प्रतिशत मुस्लिम हैं, यह सवाल विद्यार्थियों के मन में भी विद्वेष की भावना पैदा कर रहा है। ऐसे सवाल कर सिर्फ अल्पसंख्यकों के प्रति लोगों के मन में विद्वेष की भावना ही नहीं पैदा की जा रही बल्कि उनकी भावनाओं को भी आहत किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील बिलाल अनवर के ट्वीट के बाद यह मामला सामने आया है। इस मामले पर गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार सतनाम सिंह ने टेलीग्राफ को बताया, "हमें इस सवाल पर अफसोस है। यह निश्चित रूप से सांप्रदायिक है।
उन्होंने कहा कि इस सवाल पर कोई अंक नहीं मिलेगा। परीक्षा नियंत्रकों औऱ परीक्षकों को सलाह दी जाएगी कि भविष्य में ऐसी गलती ना हो। उन्होंने कहा कि इसकी जांच का आदेश दिया गया है कि प्रश्न पत्र में यह सवाल कैसे आया। पेपर में इस सवाल को रखने वाले को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (धार्मिक समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने) के तहत दंडित किया जाएगा।