2019 के आम चुनावों में पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अभूतपूर्व प्रदर्शन के बाद, राज्य में भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच अशांति का माहौल बना हुआ है। दोनों दलों के कार्यकर्ता एक दूसरे के ऊपर छींटाकशी के अलावा हिंसक झड़पें भी कर रहे हैं। इस हिंसा में सोशल मीडिया का बहुत बड़ा हाथ है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी की एंट्री के साथ ही कथित हिंदुत्व के रक्षक एक बार फिर से तेजी से सक्रिय हो गए हैं। ये भड़काऊ कंटेंट के सहारे सामाजिक अशांति फैलाने में लगे हैं।
सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता है दीपक शर्मा। दीपक शर्मा नफरत भरी सामिग्री सोशल मीडिया पर पोस्ट करने, फेसबुक लाइव के जरिए एक संप्रदाय विशेष के लिए जहर उगलने के लिए मशहूर है। दीपक शर्मा की अनर्गल टिप्पणियों के चलते फेसबुक पर कई बार उसे प्रतिबंधित भी किया गया है। दीपक शर्मा राष्ट्रीय स्वाभिमान दल (आरएसडी) का संस्थापक है। यह एक संगठन है जो हिंदू धर्म के हितों के साथ-साथ राष्ट्र की रक्षा करने के लिए काम करता है। दीपक को चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल के बारे में प्रचार करते हुए और अपने नफरत भरे भाषणों के माध्यम से जनता को लामबंद करते देखा गया।
CJP, ने जनवरी 2019 में, दीपक शर्मा द्वारा फैलाई गई नफरत के बारे में शिकायत करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को लिखा था। फेसबुक पर भी शिकायत भेजी गई, जिसपर दीपक शर्मा को फेसबुक द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया। हालाँकि, वह विभिन्न नामों के साथ कई पेज बनाता रहता है और उन पेजों पर लोगों को जोड़ता रहता है। वह लाइव के जरिए लोगों से अपना वीडियो शेयर करने की अपीलनुमा धमकी भी देता है।
पश्चिम बंगाल में TMC-BJP का टकराव
पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने 18 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ ही बीजेपी कार्यकर्ता ट्रोलिंग करते नजर आ रहे हैं। जय श्री राम का नारा अब भगवान नाम न होकर बीजेपी की पहचान बनता जा रहा है। इस जीत के बाद कथित तौर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के काफिले के बाद 30 मई को जय श्री राम की नारेबाजी की गई थी। वे एक तरह से सीएम ममता को ट्रोल कर रहे थे, नारे के नाम पर हूटिंग की जा रही थी। जिसके चलते ममता बनर्जी भड़क गईं। ममता ने उन्हें दुर्व्यवहार के मामले में गिरफ्तार करा दिया जिसके बाद हिंसा भड़क गई। इस मामले पर ममता बनर्जी ने कहा, "वे अपराधी थे और मेरे साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे। वे बंगाल से नहीं हैं।" ममता के बयान से नाराज भाजपा ने घोषणा की कि पार्टी "जय श्री राम" लिखे 10 लाख पोस्टकार्ड उन्हें भेजेगी।
2 जून को, ममता बनर्जी ने एक ब्लॉग पोस्ट में भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि उसके कुछ कार्यकर्ता और समर्थक नफरत की विचारधारा को फैलाने के लिए मीडिया के एक वर्ग का उपयोग कर रहे हैं।
नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, पिछले सप्ताह में, राज्य से कम से कम तीन झड़पें हुईं, जिनमें तीन पुरुष कथित तौर पर मारे गए - दो टीएमसी से और एक भाजपा से। झड़पें इतनी गंभीर हो गई हैं कि पश्चिम बंगाल में जल्द ही राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की खबरें हैं। बुधवार सुबह टीएमसी सरकार का विरोध करने के लिए लाल बाजार की ओर मार्च कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल करते हुए भाजपा-टीएमसी कार्यकर्ताओं को हटाया।
हेट वॉच अलर्ट
ममता बनर्जी के “बाहरी” वाले बयान ने भले ही मामला बढ़ा दिया हो, लेकिन हिंदुत्व कार्यकर्ताओं ने इसे राज्य और राष्ट्र को सांप्रदायिक रूप से विभाजित करने के एक अवसर के रूप में लिया है। भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता टीएमसी के खिलाफ सड़कों पर मार्च निकल रहे हैं। यह केवल ममता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं है। यह दीपक शर्मा जैसे लोगों द्वारा सोची-समझी सामग्री प्रकाशित किए जाने का भी असर है जो समर्थन जुटाने और जनता को भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सामग्री प्रकाशित कर रहे हैं।
दीपक शर्मा द्वारा चलाए जा रहे कई फेसबुक पेजों पर एक त्वरित नज़र डालने से साफ नजर आता है कि वह घृणास्पद चित्र और वीडियो पोस्ट करके किस तरह का जहर उगल रहा है।
दीपक शर्मा द्वारा चलाए गए तीन मुख्य पेज हैं: ‘भगवा हिंद ’, ‘दीपक शर्मा’ और ‘दीपक शर्मा- एक विचारधारा।’ इन सभी पेजों में से प्रत्येक पर 10 हजार से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं।
अंतिम चरण के चुनावों से ठीक दो दिन पहले दीपक शर्मा ने पश्चिम बंगाल में एक होटल में बैठक फेसबुक लाइव किया। इस फेसबुक लाइव में वह घृणा उगलता नजर आया। इस फेसबुक लाइव में उसने कहा कि '40 साल के सीपीएम (कम्यूनिस्ट) के शासन ने और पिछले 15 साल के ममता के शासन ने, बगदीदी के शासन ने इस बंगाल को सीरिया बनाने की पूरी कोशिश की है।' उसने ममता बनर्जी पर बांग्लादेशी आतंकवादियों को शरण देने का भी आरोप लगाया। उसने कहा, 'ऐसा क्या है बंगाल में जो जय श्री राम बोलने पर आपत्ति है' दीपक शर्मा के इस वीडियो को 258 लाइक, 1.1k व्यू और 26 शेयर मिले थे।
8 मई को, दीपक शर्मा ने एक और संदेश पोस्ट किया था, जहाँ उसने जनता से समझदारी से मतदान करने का आग्रह किया ताकि राम का शासन वापस पा सकें। दीपक शर्मा ने यह संदेश नरेंद्र मोदी और 2008 मालेगांव विस्फोट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की तस्वीर के साथ पोस्ट किया। चित्र नीचे है:
इनके अलावा, शर्मा ने कई भाजपा नेताओं के साथ भी तस्वीरें पोस्ट की हैं। ये तस्वीरें गिरिराज सिंह, देबजीत सरकार, राम माधव, राजा सिंह, जैसे अन्य नेताओं की हैं जो सांप्रदायिक टिप्पणी के लिए बदनाम हैं।
इससे पहले शर्मा ने एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें नास्तिकों का सिर काटने के बारे में कहा था। इसके साथ ही गोधरा कांड दोहराने की बात कही थी। दीपक शर्मा स्पष्ट रूप से मुस्लिमों के प्रति आग उगलता है। वह उन्हें दबाए जाने की तत्काल आवश्यकता की बात करता है। ऐसा ही एक उदाहरण ध्रुव त्यागी की हत्या पर शर्मा का संदेश है, जब उन्होंने अपनी बेटी के अपहरणकर्ताओं का सामना किया था, जिसमें कहा गया था कि रमजान के दौरान एक लड़की से छेड़छाड़ की गई थी और उसके पिता की हत्या कर दी गई, ऐसे ‘जिहादियों’ को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। दीपक शर्मा ने (मुस्लिम) आरोपियों के नाम भी उजागर किए।
कुल मिलाकर, दीपक शर्मा की फेसबुक प्रोफाइल अपमानजनक और घृणित पोस्टों की एक बारूदी सुरंग है जिसका भाजपा नेताओं द्वारा लगातार मूक समर्थन किया जा रहा है।
एक अन्य भाजपा समर्थक है चौकीदार अवधेश शॉ। अवधेश शॉ ने 18 मई को पश्चिम बंगाल के मतदाताओं से अपील की थी कि वे ध्यान रखें कि ममता के शासन में ‘जय श्री राम ’ बोलना एक पाप है। नीचे पोस्ट है:
भारतीय जनता युवा मोर्चा पश्चिम डिवीजन की सचिव प्रीति सेठिया ने एक अन्य सांप्रदायिक पोस्ट के साथ टिप्पणी की थी। इस पोस्ट में ममता बनर्जी को सिर पर कपड़ा बांधे दिखाया गया था (जिससे उन्हें मुस्लिम के रूप में चित्रित किया गया है)। पोस्ट नीचे है:
बुधवार सुबह, सुदर्शन वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, विनोद शर्मा ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें प्रदर्शनकारियों के एक समूह को भगवा स्कार्फ के साथ, ‘जय श्री राम’ की तख्तियां लिए दिल्ली के बंग भवन की ओर मार्च करते देखा जा सकता है। विनोद शर्मा ने एक ट्वीट पोस्ट किया था, जिसमें वह सुदर्शन न्यूज के चेयरमैन सुरेश चव्यहाणके के साथ जोर-जोर से 'जय श्री राम' का नारा लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इनके साथ कई अन्य लोग भी दिखाई दे रहे हैं जो कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं।
सोशल मीडिया पर कई ऐसे लोगों ने पेज बना लिए हैं जो मुस्लिमों के प्रति नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। ये सभी न केवल एक विशाल ऑनलाइन उपस्थिति रखते हैं, बल्कि जमीन पर भी मौजूद हैं। दीपक शर्मा जैसे लोग चुनावों के दौरान जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और कई अन्य स्थानों की यात्रा कर चुके हैं। अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि- इन सभी यात्राओं को कौन प्रायोजित कर रहा है? इन सांप्रदायिक आंकड़ों का समर्थन कौन कर रहा है? बिना मुकदमा चलाए जाने के डर से वे कानून को लगातार और कैसे चकमा दे रहे हैं? मुख्य रूप से तब जब उन्होंने राजनीतिक दलों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है, विशेष रूप से भाजपा से। लेकिन ऐसे लोगों द्वारा फैलाए गए संदेशों और आरएसएस-भाजपा की विचारधारा के बीच समानता को क्यों नहीं जोड़कर देखा जाए?
यह आश्चर्य की बात नहीं है कि आईपीसी की धारा 153 ए और 295 ए की धज्जियां उड़ाने के बावजूद उनके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है जो शत्रुता को बढ़ावा देने और धार्मिक अल्पसंख्यकों को बदनाम करने के लिए उन पर लागू होता है।
सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता है दीपक शर्मा। दीपक शर्मा नफरत भरी सामिग्री सोशल मीडिया पर पोस्ट करने, फेसबुक लाइव के जरिए एक संप्रदाय विशेष के लिए जहर उगलने के लिए मशहूर है। दीपक शर्मा की अनर्गल टिप्पणियों के चलते फेसबुक पर कई बार उसे प्रतिबंधित भी किया गया है। दीपक शर्मा राष्ट्रीय स्वाभिमान दल (आरएसडी) का संस्थापक है। यह एक संगठन है जो हिंदू धर्म के हितों के साथ-साथ राष्ट्र की रक्षा करने के लिए काम करता है। दीपक को चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल के बारे में प्रचार करते हुए और अपने नफरत भरे भाषणों के माध्यम से जनता को लामबंद करते देखा गया।
CJP, ने जनवरी 2019 में, दीपक शर्मा द्वारा फैलाई गई नफरत के बारे में शिकायत करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को लिखा था। फेसबुक पर भी शिकायत भेजी गई, जिसपर दीपक शर्मा को फेसबुक द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया। हालाँकि, वह विभिन्न नामों के साथ कई पेज बनाता रहता है और उन पेजों पर लोगों को जोड़ता रहता है। वह लाइव के जरिए लोगों से अपना वीडियो शेयर करने की अपीलनुमा धमकी भी देता है।
पश्चिम बंगाल में TMC-BJP का टकराव
पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने 18 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ ही बीजेपी कार्यकर्ता ट्रोलिंग करते नजर आ रहे हैं। जय श्री राम का नारा अब भगवान नाम न होकर बीजेपी की पहचान बनता जा रहा है। इस जीत के बाद कथित तौर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के काफिले के बाद 30 मई को जय श्री राम की नारेबाजी की गई थी। वे एक तरह से सीएम ममता को ट्रोल कर रहे थे, नारे के नाम पर हूटिंग की जा रही थी। जिसके चलते ममता बनर्जी भड़क गईं। ममता ने उन्हें दुर्व्यवहार के मामले में गिरफ्तार करा दिया जिसके बाद हिंसा भड़क गई। इस मामले पर ममता बनर्जी ने कहा, "वे अपराधी थे और मेरे साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे। वे बंगाल से नहीं हैं।" ममता के बयान से नाराज भाजपा ने घोषणा की कि पार्टी "जय श्री राम" लिखे 10 लाख पोस्टकार्ड उन्हें भेजेगी।
2 जून को, ममता बनर्जी ने एक ब्लॉग पोस्ट में भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि उसके कुछ कार्यकर्ता और समर्थक नफरत की विचारधारा को फैलाने के लिए मीडिया के एक वर्ग का उपयोग कर रहे हैं।
नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, पिछले सप्ताह में, राज्य से कम से कम तीन झड़पें हुईं, जिनमें तीन पुरुष कथित तौर पर मारे गए - दो टीएमसी से और एक भाजपा से। झड़पें इतनी गंभीर हो गई हैं कि पश्चिम बंगाल में जल्द ही राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की खबरें हैं। बुधवार सुबह टीएमसी सरकार का विरोध करने के लिए लाल बाजार की ओर मार्च कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल करते हुए भाजपा-टीएमसी कार्यकर्ताओं को हटाया।
हेट वॉच अलर्ट
ममता बनर्जी के “बाहरी” वाले बयान ने भले ही मामला बढ़ा दिया हो, लेकिन हिंदुत्व कार्यकर्ताओं ने इसे राज्य और राष्ट्र को सांप्रदायिक रूप से विभाजित करने के एक अवसर के रूप में लिया है। भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता टीएमसी के खिलाफ सड़कों पर मार्च निकल रहे हैं। यह केवल ममता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं है। यह दीपक शर्मा जैसे लोगों द्वारा सोची-समझी सामग्री प्रकाशित किए जाने का भी असर है जो समर्थन जुटाने और जनता को भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सामग्री प्रकाशित कर रहे हैं।
दीपक शर्मा द्वारा चलाए जा रहे कई फेसबुक पेजों पर एक त्वरित नज़र डालने से साफ नजर आता है कि वह घृणास्पद चित्र और वीडियो पोस्ट करके किस तरह का जहर उगल रहा है।
दीपक शर्मा द्वारा चलाए गए तीन मुख्य पेज हैं: ‘भगवा हिंद ’, ‘दीपक शर्मा’ और ‘दीपक शर्मा- एक विचारधारा।’ इन सभी पेजों में से प्रत्येक पर 10 हजार से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं।
अंतिम चरण के चुनावों से ठीक दो दिन पहले दीपक शर्मा ने पश्चिम बंगाल में एक होटल में बैठक फेसबुक लाइव किया। इस फेसबुक लाइव में वह घृणा उगलता नजर आया। इस फेसबुक लाइव में उसने कहा कि '40 साल के सीपीएम (कम्यूनिस्ट) के शासन ने और पिछले 15 साल के ममता के शासन ने, बगदीदी के शासन ने इस बंगाल को सीरिया बनाने की पूरी कोशिश की है।' उसने ममता बनर्जी पर बांग्लादेशी आतंकवादियों को शरण देने का भी आरोप लगाया। उसने कहा, 'ऐसा क्या है बंगाल में जो जय श्री राम बोलने पर आपत्ति है' दीपक शर्मा के इस वीडियो को 258 लाइक, 1.1k व्यू और 26 शेयर मिले थे।
8 मई को, दीपक शर्मा ने एक और संदेश पोस्ट किया था, जहाँ उसने जनता से समझदारी से मतदान करने का आग्रह किया ताकि राम का शासन वापस पा सकें। दीपक शर्मा ने यह संदेश नरेंद्र मोदी और 2008 मालेगांव विस्फोट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की तस्वीर के साथ पोस्ट किया। चित्र नीचे है:
इनके अलावा, शर्मा ने कई भाजपा नेताओं के साथ भी तस्वीरें पोस्ट की हैं। ये तस्वीरें गिरिराज सिंह, देबजीत सरकार, राम माधव, राजा सिंह, जैसे अन्य नेताओं की हैं जो सांप्रदायिक टिप्पणी के लिए बदनाम हैं।
इससे पहले शर्मा ने एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें नास्तिकों का सिर काटने के बारे में कहा था। इसके साथ ही गोधरा कांड दोहराने की बात कही थी। दीपक शर्मा स्पष्ट रूप से मुस्लिमों के प्रति आग उगलता है। वह उन्हें दबाए जाने की तत्काल आवश्यकता की बात करता है। ऐसा ही एक उदाहरण ध्रुव त्यागी की हत्या पर शर्मा का संदेश है, जब उन्होंने अपनी बेटी के अपहरणकर्ताओं का सामना किया था, जिसमें कहा गया था कि रमजान के दौरान एक लड़की से छेड़छाड़ की गई थी और उसके पिता की हत्या कर दी गई, ऐसे ‘जिहादियों’ को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। दीपक शर्मा ने (मुस्लिम) आरोपियों के नाम भी उजागर किए।
कुल मिलाकर, दीपक शर्मा की फेसबुक प्रोफाइल अपमानजनक और घृणित पोस्टों की एक बारूदी सुरंग है जिसका भाजपा नेताओं द्वारा लगातार मूक समर्थन किया जा रहा है।
एक अन्य भाजपा समर्थक है चौकीदार अवधेश शॉ। अवधेश शॉ ने 18 मई को पश्चिम बंगाल के मतदाताओं से अपील की थी कि वे ध्यान रखें कि ममता के शासन में ‘जय श्री राम ’ बोलना एक पाप है। नीचे पोस्ट है:
भारतीय जनता युवा मोर्चा पश्चिम डिवीजन की सचिव प्रीति सेठिया ने एक अन्य सांप्रदायिक पोस्ट के साथ टिप्पणी की थी। इस पोस्ट में ममता बनर्जी को सिर पर कपड़ा बांधे दिखाया गया था (जिससे उन्हें मुस्लिम के रूप में चित्रित किया गया है)। पोस्ट नीचे है:
बुधवार सुबह, सुदर्शन वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, विनोद शर्मा ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें प्रदर्शनकारियों के एक समूह को भगवा स्कार्फ के साथ, ‘जय श्री राम’ की तख्तियां लिए दिल्ली के बंग भवन की ओर मार्च करते देखा जा सकता है। विनोद शर्मा ने एक ट्वीट पोस्ट किया था, जिसमें वह सुदर्शन न्यूज के चेयरमैन सुरेश चव्यहाणके के साथ जोर-जोर से 'जय श्री राम' का नारा लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इनके साथ कई अन्य लोग भी दिखाई दे रहे हैं जो कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं।
सोशल मीडिया पर कई ऐसे लोगों ने पेज बना लिए हैं जो मुस्लिमों के प्रति नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। ये सभी न केवल एक विशाल ऑनलाइन उपस्थिति रखते हैं, बल्कि जमीन पर भी मौजूद हैं। दीपक शर्मा जैसे लोग चुनावों के दौरान जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और कई अन्य स्थानों की यात्रा कर चुके हैं। अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि- इन सभी यात्राओं को कौन प्रायोजित कर रहा है? इन सांप्रदायिक आंकड़ों का समर्थन कौन कर रहा है? बिना मुकदमा चलाए जाने के डर से वे कानून को लगातार और कैसे चकमा दे रहे हैं? मुख्य रूप से तब जब उन्होंने राजनीतिक दलों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है, विशेष रूप से भाजपा से। लेकिन ऐसे लोगों द्वारा फैलाए गए संदेशों और आरएसएस-भाजपा की विचारधारा के बीच समानता को क्यों नहीं जोड़कर देखा जाए?
यह आश्चर्य की बात नहीं है कि आईपीसी की धारा 153 ए और 295 ए की धज्जियां उड़ाने के बावजूद उनके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है जो शत्रुता को बढ़ावा देने और धार्मिक अल्पसंख्यकों को बदनाम करने के लिए उन पर लागू होता है।