अरुणाचल में चीन की घुसपैठ, बसा दिया 100 से ज्यादा घरों का गांव

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 19, 2021
नई दिल्ली। चीन के साथ लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से तनाव जारी है। वहीं इस बीच खबर आ रही है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा में एक नया गांव बसा दिया है। इसमें लगभग 101 घर हैं। इस गांव को सैटेलाइट तस्वीरों में देखा जा सकता है। 



एनडीटीवी ने विशेषज्ञों के हवाले से बताया कि यह गांव भारत की वास्तविक सीमा के 4.5 किलोमीटर अंदर बना हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक यह गांव ऊपरी सुबनशिरी जिले के त्सारी चू नदी के किनारे पर मौजूद है। यह वो इलाका है जहां पर दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है और इसे सशस्त्र लड़ाई वाली जगह के तौर पर चिन्हित किया गया है।
 
बता दें कि चीन की पीपुल्स रिपब्लिक आर्मी के साथ जून 2020 में भारतीय सेना की खूनी झड़प हुई थी। इसमें भारतीय सेना के बीस जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन की सेना को इस झड़प के बाद कितना नुकसान हुआ, यह आधिकारिक तौर पर नहीं बताया गया। तब से पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ था। अब नए गांव बसाने की खबरों ने भारत की एक बार भी चिंता बढ़ा दी है।

पूर्वी लद्दाख का यह विवाद अभी तक नहीं कई राउंड की बातचीत के बाद भी नहीं सुलझ पाया है और दोनों देशों के जवान दुर्गम इलाकों में भयंकर जानलेवा ठंड के बीच सीमा पर तैनात हैं।

ताजा तस्वीरें 1 नवंबर 2020 की है। इस तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि सीमा के भीतर घरों का निर्माण किया गया है जबकि 26 अगस्त 2019 की तस्वीरों में कोई निर्माण गतिविधि नहीं दिखाई दे रही है। इसलिए इसका मतलब यह समझा जा रहा है कि यह निर्माण कार्य बीते एक साल के भीतर ही हुआ है।

एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी दावा किया है कि उन्होंने ये तस्वीरें विदेश मंत्रालय को भेजी थीं और इसको लेकर सवाल पूछे थे जिसपर मंत्रालय ने इन्हें खारिज नहीं किया और जवाब में कहा कि 'हमें चीन की ओर से भारत के सीमाई इलाकों में निर्माण गतिविधि तेज करने की खबरें मिली हैं। चीन ने पिछले कुछ सालों में निर्माण गतिविधियां शुरू की हैं।'

सरकार ने कहा कि वो सीमा पर अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को लगातार बेहतर करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। सरकार ने कहा कि 'हमारी सरकार रोड, पुल वगैरह सहित कई दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने शुरू किए हैं जिससे हमें सीमा पर स्थानीय जनता से जरूरी कनेक्टिविटी स्थापित करने में मदद मिली है।'

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