IMF की चीफ इकनॉमिस्ट ने भारत में GDP आंकलन के सिस्टम पर उठाए सवाल

Written by Sabrang India Staff | Published on: April 13, 2019
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के बाद अब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की चीफ इकनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने भी भारत की आर्थिक विकास दर पर संदेह जताया है. गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत में जीडीपी आकलन के सिस्टम में अभी भी कुछ दिक्कतें हैं. बता दें कि गोपीनाथ से पहले रघुराम राजन समेत 108 अर्थशास्त्री भारत की आर्थिक विकास दर पर संदेह जता चुके हैं.



इससे सरकार को झटका लग सकता है क्योंकि NDA सरकार के वरिष्ठ अधिकारी लगातार दलीलें देते रहे हैं कि GDP के आंकड़ों को विश्व बैंक और आईएमएफ जैसे ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ने माना है.

गोपीनाथ ने सीएनबीसी को बताया, "हम नए आंकड़ों पर नजर बनाए हुए हैं. हम भारत में अपने सहकर्मियों से बातचीत कर रहे हैं, जिसके आधार पर हम फैसला लेंगे."

उन्होंने हालांकि, बेस ईयर समेत 2015 में GDP आकलन में किए गए बदलाव का स्वागत किया है, लेकिन उन्होंने वास्तविक जीडीपी के आकलन में इस्तेमाल किए जोन वाले डीफ्लैक्टर पर चिंता जाहिर की है. इससे पहले कई विशेषज्ञों ने भी बेरोजगारी और विकास दर के आंकड़ों पर शक जताया है, उनका आरोप है कि सरकार असुविधाजनक आंकड़ों को दबा रही है.

गीता गोपीनाथ भारत में ही पैदा हुई और पली बढ़ी हैं. इस वक्त उनके पास अमेरिकी नागरिकता है. उन्होंने अपना ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया था. पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री गीता ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स और यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन से हासिल की. साल 2001 में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर काम करना शुरू किया. साल 2005 में वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ा रही हैं.

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