छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों की सुविधा से वंचित जनता

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: October 15, 2018
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री रमन सिंह ही नहीं, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी विकास के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं जिन्हें सुनकर प्रदेश के बाहर की जनता भी ये विश्वास कर लेती है कि जरूर रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में जनता का बड़ा ख्याल रखा है, लेकिन प्रदेश की जनता ही जानती है कि इस विकास की असली सच्चाई क्या है।

Chhattisgarh
 
सबसे खराब स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं की है जिसमें प्रदेश की गरीब और आदिवासी जनता सबसे ज्यादा पिस रही है। ताजा मामला बैकुंठपुर के जिला अस्पताल का है जहां एक शिशु जन्म लेते ही डस्टबिन में गिर गया और जान गंवा बैठा। परिजनों का आरोप है कि डिलीवरी के समय लेबर रूम में डॉक्टर तो दूर, कोई नर्स तक नहीं थी।
 
नईदुनिया की रिपोर्ट के अनुसार चिरमिरी-पोड़ी की नसरीन को प्रसव पीड़ा होने पर गुरुवार सुबह 4 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय डॉ स्वाति बंसरिया ने उसकी जांच की लेकिन उसके बाद डॉ बंसरिया नसरीन को बिलकुल भूल गईं। वो दोबारा उसे देखने तक नहीं आईं।
 
रात भर महिला दर्द से चिल्लाती रही, लेकिन न तो कोई डॉक्टर देखने आया और न ही नर्स। दरअसल, अस्पताल के सभी कर्मचारी, डॉक्टर और नर्सें कायाकल्प योजना के तहत निरीक्षण करने आई 5 सदस्यीय टीम की खातिरदारी में लगे थे। ऐसे में गरीब मरीजों की परवाह करने का किसी को समय ही नहीं मिला।
 
नसरीन की मां अफरोज बेगम के अनुसार सुबह साढ़े दस बजे उनकी बेटी को ऐसे लेबर रूम में ले जाया गया जो तैयार ही  नहीं है और न ही उसका उद्घाटन हुआ है। परिजनों ने इसका विरोध भी किया लेकिन नर्स उन्हें धमकाने लगी तो उन्हें चुप होना पड़ा। डॉक्टर के कहने पर ये लोग नसरीन को लेबर रूम ले तो गए लेकिन वहां न तो कोई डॉक्टर पहुंचा और नही नर्स। ऐसी ही स्थिति में बच्चे का जन्म हुआ और वह सीधे डस्टबिन में गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
 
 

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