हमले में जीवित युवक का रायपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है
"यूपी सहारनपुर के दो पशु व्यापारियों की छत्तीसगढ़ में मॉब लिंचिंग कर हत्या का मामला सामने आया है। जबकि एक की हालत नाजुक बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि ये एक ट्रक में पशु लेकर ओडिशा जा रहे थे। छत्तीसगढ़ के रायपुर में गोतस्करी के शक में 10-15 लोगों द्वारा ट्रक को महानदी पुल पर घेर लिया और ट्रक में सवार तीनों युवकों की जमकर पिटाई कर दी। इनमें से एक युवक की लाश महानदी में मिली, दूसरे की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। तीसरा युवक गंभीर रूप से घायल है, जिसका रायपुर के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट के बाद मौत की वजह सामने आ पाएगी।"
छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में पशुओं को ले जा रहे दो लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी है। शुक्रवार को हुई इस घटना को लिंचिंग का हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि पुलिस का कहना है कि दोनों मृत शख्स एक पुल के नीचे चट्टान पर पड़े पाए गए थे। पीड़ितों के परिवार के एक सदस्य ने लिंचिंग का आरोप लगाया है। घटना में एक तीसरा शख्स भी उनके साथ मौजूद था जिसे बेहद गंभीर अवस्था में पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है। मृत लोगों की पहचान गुड्डू खान जो 35 वर्ष के थे, मरने वाले दूसरे चांद मिया खान की उम्र 23 साल थी। घायल शख्स का नाम सद्दाम कुरैशी है वह 23 साल का है। कुरैशी और चांद चचेरे भाई थे और दोनों यूपी के सहारनपुर जिले के रहने वाले थे। जबकि गुड्डू यूपी के शामली जिले का रहने वाला था।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अरंग पुलिस ने कहा है कि वह कुरैशी का बयान दर्ज करेगी जिससे तस्वीर और साफ होकर सामने आएगी। कुरैशी की हालत बेहद नाजुक है। रायपुर जिले के एएसपी कीर्तन राठौर ने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि उनका कुछ लोग पीछा कर रहे हैं। जिसके बाद वो लोग महानदी पुल के नीचे गिरे पाए गए। सूचना मिलने के बाद ही मेरी टीम मौके के लिए रवाना हो गयी। इनमें से एक की मौत हो गयी थी जबकि दो लोगों को तत्काल महासमुंद स्थित अस्पताल में इलाज कराने के लिए भेज दिया गया। जहां एक दूसरे शख्स की भी मौत हो गयी। तीसरा रायपुर स्थित एक अस्पताल में भर्ती है जिसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।
यह पूछे जाने पर कि क्या शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान हैं, राठौर ने कहा कि हां, लेकिन वो तकरीबन 30 फिट की ऊंचाई से गिरे हैं और बिल्कुल पत्थर पर उनका शरीर गिरा है। हम लोगों के लिए यह पहचान कर पाना मुश्किल है कि चोट गिरने से लगी है या फिर गिरने से पहले लगी थी। केवल डॉक्टर ही इस बात को बता सकते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पीड़ित कुरैशी और चांद के एक चचेरे भाई ने दावा किया कि शुक्रवार को रात में दो और चार बजे के बीच में दोनों ने घर पर फोन किया था। यह उस दौरान हुआ था जब शायद बेरहमी से उनको पीटा जा रहा था। उसके मुताबिक कुरैशी द्वारा किया गया एक फोन 47 मिनट तक चलता रहा। इस दौरान उन लोगों को दूसरी तरफ से मदद की गुहार की आवाज सुनाई दे रही थी। जिसमें वो न मारने की विनती कर रहे थे साथ ही पानी की मांग कर रहे थे। चचेरे भाई ने दावा किया कि उसको पहला फोन चांद मिया का 2 बजे आया जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी को रोक लिया गया है और उनकी पिटाई की जा रही है। तीसरा काल तीन बजे कुरैशी का आया। उन्होंने इसमें आगे जोड़ते हुए कहा कि पांच बजे एक पुलिसकर्मी ने चांद के मोबाइल से फोन किया और परिवार को बताया कि उनकी मौत हो गयी है।
उन्होंने बताया कि कुरैशी हेल्पर था। उसने फोन किया और फिर उसे अपनी जेब में रख लिया। वह चिल्ला रहा था और कह रहा था कि उसके हाथ और पैर तोड़ दिए गए हैं। वह विनती कर रहा था कि भैइया पानी पिला दो एक घूंट। मारो मत बस पानी पिला दो। उनका यह भी कहना था कि हमने यह भी सुना कि कुछ लोग उससे पूछ रहे थे कि कहां से लाए हो? छोड़ेंगे नहीं। उसके पहले चांद ने थोड़ी देर के लिए कॉल किया था। उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी को रोक लिया गया है और उनको मारा-पीटा जा रहा है। उसके बाद किसी ने उनके फोन को छीन लिया….हमने पुलिस को नहीं बुलाया क्योंकि मुझे लगा कि यह मामला इस स्तर तक नहीं जाएगा….हम चांद के नंबर पर लगातार कॉल कर रहे थे लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। आखिर में पांच बजे के करीब एक पुलिस अधिकारी ने फोन उठाया और उसने बताया कि वह मर गए हैं। हमें कुछ नहीं पता वह किस काम के लिए गए थे। हम केवल यह जानते हैं कि चांद ड्राइवर हैं।
चचेरे भाई के दावे के बारे में पूछने पर राठौर ने कहा कि हमें अभी तक इसकी कोई सूचना नहीं है। हम कॉल रिकार्ड की जांच करेंगे और यह पता करेंगे कि पीड़ितों ने किससे बात की और फिर उनका बयान दर्ज करेंगे। हम परिवार के सदस्यों का भी बयान दर्ज करेंगे।
डीडब्ल्यू न्यूज पर प्रकाशित खबर के अनुसार, अरंग पुलिस स्टेशन के इंचार्ज शैलेंद्र सिंह श्याम ने बताया कि मृत लोग महासमुंद के एक गांव से भैंस लेकर ओडिशा के बाजार में जा रहे थे। उन्होंने बताया कि तीनों को इस बात का एहसास हुआ कि उनका पीछा किया जा रहा है इसलिए उन्होंने गाड़ी रायपुर की तरफ मोड़ दी। श्याम ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि हमें इस बात का अंदेशा है कि हमलावरों ने इसकी योजना बना रखी थी क्योंकि उन्होंने एक धारदार हथियार फेंका जिससे पशु ले जाने वाली गाड़ी पुल पर ही पंचर हो गयी। गाड़ी का टायर पुल पर ही फट गया। और वह रुकने के लिए मजबूर हो गये। और इस तरह उन पर हमला शुरू हो गया।
अफसर ने बताया कि यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि मृत लोग नदी में खुद से कूदे या फिर उन्हें धक्का दिया गया। उन्होंने कहा कि हम इस पहलू की जांच कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या हमलावरों के बारे में उन्हें कुछ पता चला है तो उन्होंने बताया कि उन्हें कुछ सुराग मिला है और उस पर वह काम कर रहे हैं। श्याम ने बताया कि हमने चार लोगों की पहचान की है और उसकी जांच की जा रही है।
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