CAG का खुलासा: स्कॉलरशिप से वंचित रखे गए उत्तराखंड के 53,000 SC और OBC छात्र

Published on: May 4, 2017
देहरादून। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने मंगलवार को विधानसभा में राज्य में एससी और ओबीसी श्रेणी के छात्रों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में आई विसंगतियों का मामला उजागर किया है। 

CAG
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि 53383 छात्रों को स्कॉलरशिप से वंचित रहना पड़ा है। इसमें हरिद्वार में 17,376, देहरादून में 15837 और उधम सिंह नगर जिले के 20172 छात्र शामिल हैं। पिछले साल अप्रैल से जून तक एजेंसी द्वारा ऑडिटिंग किया गया जिससे विसंगतियों का पता चला है। छात्रों को यह स्कॉलरशिप ट्यूशन की प्रतिपूर्ति और अन्य गैर वापसी योग्य अनिवार्य फीस (Non Refundable fees) के लिए केद्र प्रायोजित योजना के तहत दिया जाता है। 
 
इसके साथ साथ नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने पाया कि राज्य में महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के कार्यान्वयन के लिए चयनित जिलों में केवल बीस करोड़ रुपये जारी किए।  77 करोड़ रुपये में से केवल 8.90 लाख (12 प्रतिशत) का उपयोग किया गया जिसने राज्य में बाल लिंग अनुपात में गिरावट के उद्देश्य को पूरा किया। 

कैग ने उत्तराखंड में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में भी मुख्य कमजोरियां भी पायी। खासतौर पर  लाभार्थी बच्चों की पहचान के साथ-साथ फंड्स जारी करने में देरी, स्कूलों को प्रतिपूर्ति। जिससे इस अधिनियम के तहत भर्ती बच्चों की शिक्षा को जारी रखने की क्षमता बिगड़ गई।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अयोग्य शैक्षणिक संस्थान को 19 करोड़ रुपये भी भेजे गए थे। स्कूलों को अतिरिक्त पर्तिपूर्ति के लिए दिया जाने वाला धन लाभार्थी बच्चों को देने के बजाय सीधे बैंक खाते में जा रहा था। इसके अलावा दो साल के लिए दिए गए 7.7 करोड़ रुपये का कोई उपयोग नहीं किया गया। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि फेक एप्लीकेशन्स की जांच करने के लिए उत्तराखंड में आईटी प्रणाली में ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में बार कोडिंग का कोई प्रावधान नहीं था और इसने कई एप्लीकेशन्स को अतिसंवेदनशील बना दिया और व्यक्तियों को भी दोहरा भुगतान किया गया। 
 
लेखापरीक्षक ने यह भी पाया कि हरिद्वार में पतंजलि समेत राज्य के कई निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना में आगे बढ़ने के लिए उचित पारिश्रमिक नहीं दिया गया था। जिसके बारे में एंडॉमेंट फंट की  स्थापना से पहले विश्वविद्यालयों को अधिसूचना दी गई थी।

रिपोर्ट के निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा, लेखा परीक्षक ने पिछले कांग्रेस शासन के दौरान हुई गंभीर विसंगतियों पर प्रकाश डाला है। हम कैग द्वारा हाईलाइट की गई विसंगतियों का अध्ययन करेंगे और उन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे जिन्होने अपने कर्तव्यों का पालन ठीक से नहीं किया है। 
 
संपादन- भवेंद्र प्रकाश

Courtesy: National Dastak
 

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