गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निलंबित बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील खान इंसाफ के लिए इधर से उधर भटक रहे हैं। उन्हें दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने के लिए हर 14 दिनों में अदालत में जाना पड़ता है। हर दूसरे हफ्ते उन्हें इलाहाबाद और लखनऊ के बीच अपने भाई पर हुए हमले या नौकरी के संबंध में सफर करना पड़ता है।
तारीख पर अदालत पहुंचे डॉक्टर कफील ने बीआरडी हॉस्पीटल में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के बाद बढ़ीं अपनी परेशानियों के बारे में फेसबुक लाइव पर बताया। उन्होंने बताया कि योगी सरकार ने उनपर तीन केस और लगा दिए हैं। उन्होंने कहा कि मेरी तो जिंदगी ही अदालतों में हाजरी लगाने में सिमट गई है हर 14 दिन में हाजिरी लगाने जाना पड़ता है।
डॉ कफील खान ने कहा कि पिछले साढ़े सालों में चीजें ज्यादा नहीं बदली हैं। "डेढ़ साल बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश अभी भी चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कहता है कि 90 दिनों में विभागीय जांच खत्म होनी चाहिए लेकिन यहां तो डेढ़ साल हो गया कोई जांच चल ही नहीं रही है।
फेसबुक लाइव में उनके साथ एक फार्मासिस्ट और एक क्लर्क भी थे जिन्हें बीआरडी मामले में एक वर्ष के लिए जेल भेजा गया था। उन्होंने वीडियो में कहा कि इस घटना में उनके पास कोई भूमिका नहीं थी और इसका कोई संबंध नहीं था। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेशों का पालन किया लेकिन एक साल तक जेल में रहे।
डॉ कफील ने कहा कि "जो कुछ भी अधिकारी कर रहे हैं, मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे निर्णय लें। या तो मुझे जाने दो या मुझे सेवा करने दो। जिन लोगों को त्रासदी में कोई भूमिका नहीं है, उन्हें एक साल तक जेल में रखा गया है और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। उनके परिवार और छोटे बच्चे हैं और हर किसी को अपनी दैनिक रोटी कमाने की जरूरत है। डॉ. खान ने वीडियो में कहा, "मेरे पास सिर्फ अधिकारियों और सरकार के लिए एक संदेश है कि आप हमें जितना चाहें उतना डरा सकते हैं, हम हर दिन एक नई भावना के साथ उठेंगे और हम आपसे डरते नहीं हैं।"
तारीख पर अदालत पहुंचे डॉक्टर कफील ने बीआरडी हॉस्पीटल में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के बाद बढ़ीं अपनी परेशानियों के बारे में फेसबुक लाइव पर बताया। उन्होंने बताया कि योगी सरकार ने उनपर तीन केस और लगा दिए हैं। उन्होंने कहा कि मेरी तो जिंदगी ही अदालतों में हाजरी लगाने में सिमट गई है हर 14 दिन में हाजिरी लगाने जाना पड़ता है।
डॉ कफील खान ने कहा कि पिछले साढ़े सालों में चीजें ज्यादा नहीं बदली हैं। "डेढ़ साल बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश अभी भी चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कहता है कि 90 दिनों में विभागीय जांच खत्म होनी चाहिए लेकिन यहां तो डेढ़ साल हो गया कोई जांच चल ही नहीं रही है।
फेसबुक लाइव में उनके साथ एक फार्मासिस्ट और एक क्लर्क भी थे जिन्हें बीआरडी मामले में एक वर्ष के लिए जेल भेजा गया था। उन्होंने वीडियो में कहा कि इस घटना में उनके पास कोई भूमिका नहीं थी और इसका कोई संबंध नहीं था। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेशों का पालन किया लेकिन एक साल तक जेल में रहे।
डॉ कफील ने कहा कि "जो कुछ भी अधिकारी कर रहे हैं, मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे निर्णय लें। या तो मुझे जाने दो या मुझे सेवा करने दो। जिन लोगों को त्रासदी में कोई भूमिका नहीं है, उन्हें एक साल तक जेल में रखा गया है और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। उनके परिवार और छोटे बच्चे हैं और हर किसी को अपनी दैनिक रोटी कमाने की जरूरत है। डॉ. खान ने वीडियो में कहा, "मेरे पास सिर्फ अधिकारियों और सरकार के लिए एक संदेश है कि आप हमें जितना चाहें उतना डरा सकते हैं, हम हर दिन एक नई भावना के साथ उठेंगे और हम आपसे डरते नहीं हैं।"