सोशल मीडिया पर फेक न्यूज शेयर करने को लेकर चर्चाओं मे रहने वाले बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय अब खुद विपक्षी दलों पर फेक न्यूज को फैलाने का आरोप लगा रहे हैं. विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद बीजेपी ने आरोप लगाया है कि विपक्षी दल भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कुछ खास जाति समूहों में आक्रोश और दरार पैदा करने के लिए फेक न्यूज का सहारा ले रहे हैं. क्योंकि उन्हें आगामी लोकसभा चुनावों में हार का डर है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के एक विशेष समुदाय पर निशाना साधने संबंधी समाचार क्लिपिंग का हवाला देते हुए मालवीय ने कहा कि यह फर्जी खबर है. उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के ट्विटर हैंडल से इसे ट्वीट किया गया जिसे बाद में हटा दिया गया.
बीजेपी के आईटी सेल के संयोजक अमित मालवीय ने कहा कि ‘विपक्ष द्वारा पार्टी और कई नेताओं के खिलाफ कुछ खास जातियों में आक्रोश और दरार पैदा करने के प्रयास किये जा रहे हैं'. उन्होंने एक अन्य घटना का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने एक समाचार क्लिपिंग फैलाई, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हवाले से कहा गया कि वह केवल एक खास जाति के मुख्यमंत्री हैं.
उन्होंने दावा किया कि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर सामाजिक तनाव पैदा करने का प्रयास किया कि भाजपा के इशारे पर एक खास जाति के सदस्यों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं. मालवीय ने कहा कि विपक्षी दलों को डर है कि वे 2019 का लोकसभा चुनाव हार जाएंगे और इसलिए वे इस तरह की घटिया रणनीति अपना रहे हैं.
बता दें कि अमित मालवीय खुद फेक न्यूज लोगों के बीच शेयर कर चुके हैं. पिछले दिनों उन्होने अपने ट्विटर अकाउंट पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लाब देव का एक ट्वीट शेयर किया था जिसमें वह अगरतला के बाढ़ ग्रसित एक क्षेत्र में राहत कार्य का जायजा ले रहे थे. मालवीय ने इस ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा था, ‘मुझे भरोसा है कि यह त्रिपुरा में पहली बाढ़ नहीं है. लेकिन यह पहली बार है कि राज्य का मुख्यमंत्री खुद राहत कार्यों का जायजा ले रहा है. मीडिया ये नहीं दिखाएगा क्योंकि इससे उनके पोस्टर बॉय माणिक सरकार फीके लगने लगेंगे.’
लेकिन हकीकत यह थी कि बिप्लब देव से पहले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार भी राहत कार्यों का जायजा लेते रहे हैं और इसका सबूत यह 4 सिंतबर 2017 को किया गया ये ट्वीट है.
मालवीय इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार को एक एडिटेड वीडियो के जरिए बदनाम करने की साजिश भी कर चुके हैं. इसके अलावा वह राहुल गांधी और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर भी गलत तथ्यों और एडिटेड वीडियो के जरिए बदनाम करने की कोशिश कर चुके हैं.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के एक विशेष समुदाय पर निशाना साधने संबंधी समाचार क्लिपिंग का हवाला देते हुए मालवीय ने कहा कि यह फर्जी खबर है. उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के ट्विटर हैंडल से इसे ट्वीट किया गया जिसे बाद में हटा दिया गया.
बीजेपी के आईटी सेल के संयोजक अमित मालवीय ने कहा कि ‘विपक्ष द्वारा पार्टी और कई नेताओं के खिलाफ कुछ खास जातियों में आक्रोश और दरार पैदा करने के प्रयास किये जा रहे हैं'. उन्होंने एक अन्य घटना का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने एक समाचार क्लिपिंग फैलाई, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हवाले से कहा गया कि वह केवल एक खास जाति के मुख्यमंत्री हैं.
उन्होंने दावा किया कि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर सामाजिक तनाव पैदा करने का प्रयास किया कि भाजपा के इशारे पर एक खास जाति के सदस्यों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं. मालवीय ने कहा कि विपक्षी दलों को डर है कि वे 2019 का लोकसभा चुनाव हार जाएंगे और इसलिए वे इस तरह की घटिया रणनीति अपना रहे हैं.
बता दें कि अमित मालवीय खुद फेक न्यूज लोगों के बीच शेयर कर चुके हैं. पिछले दिनों उन्होने अपने ट्विटर अकाउंट पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लाब देव का एक ट्वीट शेयर किया था जिसमें वह अगरतला के बाढ़ ग्रसित एक क्षेत्र में राहत कार्य का जायजा ले रहे थे. मालवीय ने इस ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा था, ‘मुझे भरोसा है कि यह त्रिपुरा में पहली बाढ़ नहीं है. लेकिन यह पहली बार है कि राज्य का मुख्यमंत्री खुद राहत कार्यों का जायजा ले रहा है. मीडिया ये नहीं दिखाएगा क्योंकि इससे उनके पोस्टर बॉय माणिक सरकार फीके लगने लगेंगे.’
लेकिन हकीकत यह थी कि बिप्लब देव से पहले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार भी राहत कार्यों का जायजा लेते रहे हैं और इसका सबूत यह 4 सिंतबर 2017 को किया गया ये ट्वीट है.
मालवीय इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार को एक एडिटेड वीडियो के जरिए बदनाम करने की साजिश भी कर चुके हैं. इसके अलावा वह राहुल गांधी और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर भी गलत तथ्यों और एडिटेड वीडियो के जरिए बदनाम करने की कोशिश कर चुके हैं.