मोदी सरकार को दूसरी पारी की शुरुआत में ही बड़ा झटका लगा है। दरअसल देश की अर्थव्यवस्था बीते पांच साल में निचले स्तर पर आ गई है। कृषि एवं विनिर्माण क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन के चलते वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़कर पांच साल के न्यूनतम स्तर 5.8 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने साथ ही कहा है कि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत रही है। जीडीपी वृद्धि की यह दर 2014-15 के बाद सबसे धीमी है। इससे पहले वित्त वर्ष 2013-14 में जीडीपी वृद्धि की गति 6.4 फीसदी रही थी। चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर चीन की आर्थिक वृद्धि की गति 6.4 प्रतिशत से कम रही।
आंकड़ों के अनुसार जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट की अहम वजह प्रमुख क्षेत्रों का खराब प्रदर्शन करना रहा है। कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन क्षेत्र में ग्रोथ रेट 5.0 फीसदी से गिरकर 2.9 फीसदी, खनन उद्योग 5.1 फीसदी से गिरकर 1.3 फीसदी, बिजली , गैस , पान सहित क्षेत्र 8.6 फीसदी से गिरकर 7.0 फीसदी, होटल, ट्रांसपोर्ट, संचार आदि क्षेत्र 7.8 फीसदी से गिरकर 6.5 फीसदी पर आ गया है। हालांकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 5.9 फीसदी से बढ़कर 6.9 फीसदी हो गया है, जो थोड़ी राहत की खबर है।
चौथी तिमाही के आंकड़े आने के बाद अब भारतीय अर्थव्यवस्था चीन से पिछड़ गई है। चीन की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी थी। जबकि भारत की ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी पर आ गई है। सीधा मतलब है कि फिलहाल दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा भी हट गया है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने साथ ही कहा है कि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत रही है। जीडीपी वृद्धि की यह दर 2014-15 के बाद सबसे धीमी है। इससे पहले वित्त वर्ष 2013-14 में जीडीपी वृद्धि की गति 6.4 फीसदी रही थी। चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर चीन की आर्थिक वृद्धि की गति 6.4 प्रतिशत से कम रही।
आंकड़ों के अनुसार जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट की अहम वजह प्रमुख क्षेत्रों का खराब प्रदर्शन करना रहा है। कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन क्षेत्र में ग्रोथ रेट 5.0 फीसदी से गिरकर 2.9 फीसदी, खनन उद्योग 5.1 फीसदी से गिरकर 1.3 फीसदी, बिजली , गैस , पान सहित क्षेत्र 8.6 फीसदी से गिरकर 7.0 फीसदी, होटल, ट्रांसपोर्ट, संचार आदि क्षेत्र 7.8 फीसदी से गिरकर 6.5 फीसदी पर आ गया है। हालांकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 5.9 फीसदी से बढ़कर 6.9 फीसदी हो गया है, जो थोड़ी राहत की खबर है।
चौथी तिमाही के आंकड़े आने के बाद अब भारतीय अर्थव्यवस्था चीन से पिछड़ गई है। चीन की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी थी। जबकि भारत की ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी पर आ गई है। सीधा मतलब है कि फिलहाल दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा भी हट गया है।