मध्यप्रदेश में भोपाल में अतिथि शिक्षकों का आंदोलन नए मोड़ पर पहुंच गया है। शाहजहानी पार्क में महा आंदोलन कर रहे प्रदेश भर के हजारों अतिथि शिक्षकों ने आज विरोध जताते हुए अपना सामूहिक मुंडन कराया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। महिलाओं ने भी सामूहिक मुंडन कराया और कहा कि उनकी मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
Image Courtesy: https://naidunia.jagran.com
इसके पहले जून में भी अतिथि शिक्षक भोपाल में ऐसा ही आंदोलन कर चुके हैं और कई शिक्षकों ने तब भी सामूहिक मुंडन कराया था।
नईदुनिया की खबर के मुताबिक, आंदोलन कर रहे अतिथि शिक्षक चालू सत्र में पुराने अतिथि शिक्षकों को रखने और नियमित करने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने उनसे वादा किया था कि अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी सरकार ने कोई कमेटी नहीं बनाई। कमेटी के बारे में सरकार की ओर से कहा गया था कि वह तीन महीने में नियमितिकरण का फैसला कर लेगी।
सरकार ने अतिथि शिक्षकों की भर्ती में इन अतिथि शिक्षकों को 25 प्रतिशत आरक्षण देने की भी घोषणा की थी, लेकिन अतिथि शिक्षक संघ की मांग 100 प्रतिशत आरक्षण की है।
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि वे पिछले कई सालों से सरकारी स्कूलों में बहुत कम वेतन पर सेवा दे रहे हैं, लेकिन उन्हें आज तक नियमित नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री खुद कई बार आश्वासन दे चुके हैं, और हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार से अतिथि शिक्षकों के लिए उचित कदम उठाने को कहा था, लेकिन सरकार उनकी किसी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है।
मुंडन कराने वाली अतिथि शिक्षिकाओं ने कहा कि उनका ये आंदोलन सरकार को आखिरी चेतावनी है और अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो शिवराज सिंह चौहान को दोबारा सत्ता में नहीं आने दिया जाएगा।
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इसके पहले जून में भी अतिथि शिक्षक भोपाल में ऐसा ही आंदोलन कर चुके हैं और कई शिक्षकों ने तब भी सामूहिक मुंडन कराया था।
नईदुनिया की खबर के मुताबिक, आंदोलन कर रहे अतिथि शिक्षक चालू सत्र में पुराने अतिथि शिक्षकों को रखने और नियमित करने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने उनसे वादा किया था कि अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी सरकार ने कोई कमेटी नहीं बनाई। कमेटी के बारे में सरकार की ओर से कहा गया था कि वह तीन महीने में नियमितिकरण का फैसला कर लेगी।
सरकार ने अतिथि शिक्षकों की भर्ती में इन अतिथि शिक्षकों को 25 प्रतिशत आरक्षण देने की भी घोषणा की थी, लेकिन अतिथि शिक्षक संघ की मांग 100 प्रतिशत आरक्षण की है।
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि वे पिछले कई सालों से सरकारी स्कूलों में बहुत कम वेतन पर सेवा दे रहे हैं, लेकिन उन्हें आज तक नियमित नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री खुद कई बार आश्वासन दे चुके हैं, और हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार से अतिथि शिक्षकों के लिए उचित कदम उठाने को कहा था, लेकिन सरकार उनकी किसी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है।
मुंडन कराने वाली अतिथि शिक्षिकाओं ने कहा कि उनका ये आंदोलन सरकार को आखिरी चेतावनी है और अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो शिवराज सिंह चौहान को दोबारा सत्ता में नहीं आने दिया जाएगा।