जमानत मिलने के बावजूद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने जेल से बाहर आने से किया इंकार

Written by sabrang india | Published on: October 20, 2019
नई दिल्ली। दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित प्राचीन रविदास मंदिर को गिराए जाने के विरोध में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आज़ाद को शनिवार को जमानत मिल गई है लेकिन उन्होंने जेल से बाहर आने से इंकार कर दिया है।



भीम आर्मी की तरफ से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चंद्रशेखर ने कहा है कि जब तक सभी 95 साथी बाहर नहीं आ जाते वो बाहर नहीं आएंगे. इस मामले में चंद्रशेखऱ आजाद सहित 96 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिनमें से 2 लोग अभी जेल में हैं, बाकी सबकी जमानत हो चुकी है।

भीम आर्मी ने कहा कि उन दो लोगों की जमानत सोमवार को हो जाएगी। चन्द्रशेखर उनके साथ सोमवार को ही तिहाड़ जेल से बाहर आएंगे। चंद्रशेखर हिंसा भड़काने के आरोप में पिछले दो महीने से तिहाड़ जेल में बंद हैं। 



अदालत ने चंद्रशेखर को देश नहीं छोड़ने और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने का आदेश दिया है। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के अलावा अन्य 95 प्रदर्शनकारियों को गैरकानूनी गतिविधि व दंगा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अब सिर्फ दो लोगों को जमानत मिलना बाकी है। 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के एक दिन बाद 10 अगस्त को दिल्ली के प्राचीन रविदास मंदिर को ढहा दिया गया था। इसके विरोध में भीम आर्मी सहित अन्य दलित संगठनों ने 21 अगस्त को दिल्ली में प्रदर्शन किया था। इसी दौरान शाम के वक्त चंद्रशेखर सहित 96 लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। 

पुलिस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन स्थल से एक पिस्तौल बरामद हुई। मंदिर तोड़ने के बारे में डीडीए के अधिकारियों ने कहा कि वह मंदिर वन भूमि पर बनाया गया था। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली के रामलीला मैदान से तुगलकाबाद मंदिर तक मार्च किया था। इसी दौरान कुछ हिंसा हुई जिसके बाद 96 लोगों को गिरफ्तार किया गया।   

हालांकि, उसी दौरान इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें कहा गया था कि पुलिस ने तुगलकाबाद के जगदंबा रोड बाजार में दुकानों को बंद करा दिया था। 52 वर्षीय कल्पना ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस हिंसा से कुछ पहले ही शाम 5.30 बजे पुलिस वहां आई और उन्हें दुकान बंद करने के लिए कह दिया था। इसके बाद प्रदर्शनकारियों के साथ ही कुछ नकाबपोश लोग भीड़ के साथ आए और उन्होंने तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया। वहां उन्होंने एक मोटरसाइकिल को आग लगा दी। 

भीम आर्मी ने आरोप लगाया था कि प्रशासन की शह पर पुलिस ने चंद्रशेखर के संगठन को बदनाम करने के लिए एक साजिश रची और बाहर से अराजक तत्व लाकर प्रदर्शनकारियों के बीच में घुसा दिए जिन्होंने तोड़फोड़ की। 

बाकी ख़बरें