असम NRC में नाम न होने की अपुष्ट खबर सुनकर महिला ने की आत्महत्या

Written by sabrang india | Published on: August 31, 2019
गुवाहाटी। असम में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस की अंतिम सूची आज सुबह 10 बजे जारी कर दी गई है। इस लिस्ट में 3.11 करोड़ लोगों को जगह दी गई है, जबकि असम में रहने वाले 19,06,657 लोग इस लिस्ट में शामिल नहीं किए गए हैं। इस लिस्ट के जारी होते ही लोगों में अपनी नागरिकता जांचने के लिए अफरा तफरी मच गई है। इस बीच काफी अफवाहें भी जोर शोर से चल रही हैं। हर किसी को अपनी नागरिकता की चिंता सता रही है। इस बीच एक महिला द्वारा आत्महत्या करने की जानकारी सामने आई है। 



सायरा बेगम के रूप में पहचानी जाने वाली एक महिला ने एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल न होने पर आत्महत्या कर ली। अंतिम सूची जारी होने के बाद सायरा बेगम आत्महत्या करने वाली पहली महिला बन गई हैं। तेजपुर क्षेत्र के रेजपुर दुलाबारी में सायरा बेगम ने कथित रूप से एक कुएं में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सायरा बेगम को जैसे ही मालूम हुआ कि उनका नाम लिस्ट में शामिल नहीं है, वे कूए में कूद पड़ीं। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि सायरा बेगम का नाम लिस्ट में शामिल था या नहीं। 

बता दें कि एनआरसी से बाहर किए गए लोगों को अब तय समय सीमा के अंदर विदेशी न्यायाधिकरण के सामने अपील करने का विकल्प खुला है। शेड्यूल ऑफ सिटिजनशिप के सेक्शन 8 के मुताबिक लोग एनआरसी में नाम न होने पर अपील कर सकेंगे। अपील के लिए समयसीमा को अब 60 से बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया है यानी 31 दिसंबर, 2019 अपील के लिए लास्ट डेट होगी। गृह मंत्रालय के आदेश के तहत करीब 400 ट्राइब्यूनल्स का गठन एनआरसी के विवादों के निपटारे के लिए किया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि एनआरसी लिस्ट में जगह न पाने का यह अर्थ नहीं होगा कि ऐसे लोगों को विदेशी घोषित कर दिया जाएगा। ऐसे लोगों को फॉरेन ट्राइब्यूनल के समक्ष अपना केस पेश करना होगा। इसके अलावा राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि लिस्ट से बाहर रहने वाले लोगों को किसी भी परिस्थिति में हिरासत में नहीं लिया जाएगा। फॉरेन ट्राइब्यूनल्स का फैसला आने तक उन्हें छूट दी जाएगी। 

यदि कोई व्यक्ति ट्राइब्यूनल में केस हार जाता है तो फिर उसके पास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प होगा। सभी कानूनी विकल्प आजमाने से पहले किसी को भी हिरासत में नहीं लिया जाएगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्‍त तक एनआरसी की अंतिम सूची जारी करने की अंतिम समय सीमा तय की थी। एनआरसी लिस्‍ट को बनाने की प्रक्रिया 4 साल पहले शुरू हुई थी और सरकार ने तय समय के भीतर यह सूची जारी कर दी है। 

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