असम में केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी लागू किये जाने के बाद एक ही झटके में करीब 40 लाख लोग घुसपैठिये करार दे दिए गए हैं। एनआरसी को लेकर अभी भी राज्य में बवाल मचा हुआ है और लोग घुसपैठिए कहलाने के डर से लगातार आत्महत्या कर रहे हैं।
ताजा जानकारी के मुताबिक, एनआरसी में नाम नहीं होने पर पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के डर से 90 साल के एक बुजुर्ग ने आत्महत्या कर ली। मामला असम के कामरूप जिले का है। बताया जा रहा है कि मृतक अशरब अली का नाम एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट में शामिल था, लेकिन किसी के आपत्ति जताने के कारण उनका नाम लिस्ट से निकाल दिया गया।
एनआरसी से नाम हटने पर अशरब अली परेशान थे। पड़ोसियों का कहना है कि इसी चिंता के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली। बता दें कि डॉक्युमेंट में अली की उम्र 88 साल बताई जा रही है और उनका नाम 1971 के वोटर लिस्ट में भी शामिल है। वहीं, इस मामले में पुलिस ने आत्महत्या की बात से इनकार किया है।
अली के रिश्तेदार फजलुर रहमान के अनुसार, एनआरसी से नाम हट जाने पर अशरब को 23 मई को सुनवाई के लिए रंगिया जाना पड़ा। वहां सुनवाई के बाद उनका बॉयोमीट्रिक्स स्कैन भी हुआ था। इस बीच गांव में अफवाह उड़ी कि बॉयोमीट्रिक्स स्कैन उन लोगों का होता है, जो बाहर से इस देश में आते हैं, ताकि बाद में पुलिस उनको आसानी से पकड़ सके। गांव वालों की बातें सुनकर अशरब चिंतित हो गए थे। बताया जा रहा है कि इसी चिंता और डर के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली।
अली के रिश्तेदार रहमान के अनुसार, अशरब ने किसी जानकार के पास जाने के लिए पैसे मांगे। उसने कहा था कि जानकार के बच्चों के लिए इफ्तार पर कुछ खाने के लिए ले जाएगा, लेकिन वह वहां नहीं गया। उन पैसों से उसने जहर खरीदा और उसे खा लिया।
ताजा जानकारी के मुताबिक, एनआरसी में नाम नहीं होने पर पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के डर से 90 साल के एक बुजुर्ग ने आत्महत्या कर ली। मामला असम के कामरूप जिले का है। बताया जा रहा है कि मृतक अशरब अली का नाम एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट में शामिल था, लेकिन किसी के आपत्ति जताने के कारण उनका नाम लिस्ट से निकाल दिया गया।
एनआरसी से नाम हटने पर अशरब अली परेशान थे। पड़ोसियों का कहना है कि इसी चिंता के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली। बता दें कि डॉक्युमेंट में अली की उम्र 88 साल बताई जा रही है और उनका नाम 1971 के वोटर लिस्ट में भी शामिल है। वहीं, इस मामले में पुलिस ने आत्महत्या की बात से इनकार किया है।
अली के रिश्तेदार फजलुर रहमान के अनुसार, एनआरसी से नाम हट जाने पर अशरब को 23 मई को सुनवाई के लिए रंगिया जाना पड़ा। वहां सुनवाई के बाद उनका बॉयोमीट्रिक्स स्कैन भी हुआ था। इस बीच गांव में अफवाह उड़ी कि बॉयोमीट्रिक्स स्कैन उन लोगों का होता है, जो बाहर से इस देश में आते हैं, ताकि बाद में पुलिस उनको आसानी से पकड़ सके। गांव वालों की बातें सुनकर अशरब चिंतित हो गए थे। बताया जा रहा है कि इसी चिंता और डर के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली।
अली के रिश्तेदार रहमान के अनुसार, अशरब ने किसी जानकार के पास जाने के लिए पैसे मांगे। उसने कहा था कि जानकार के बच्चों के लिए इफ्तार पर कुछ खाने के लिए ले जाएगा, लेकिन वह वहां नहीं गया। उन पैसों से उसने जहर खरीदा और उसे खा लिया।