उत्तर प्रदेश सरकार भले ही कानून व्यवस्था दुरुस्त करने का प्रचार कर रही हो लेकर हकीकत कुछ और ही है। राज्य में हत्या और बलात्कार की खबरें आए दिन अखबारों में छाई रहती हैं जो सरकार के दावे को खोखला साबित करती नजर आती हैं। राज्य के सुल्तानपुर जनपद के बैजापुर गांव में 10 सितंबर को एक घटना सामने आई जिसमें दिल्ली के निर्भया कांड से भी दो कदम आगे हैवानियत एक युवती के साथ की गई।
बैजापुर गांव के बाग में खेत गए ग्रामीणों ने सफेदा (यूकेलिप्टस) के पेड़ से एक युवती का निर्वस्त्र शव देखा। 10 सितंबर को सुबह करीब 6.00-6.30 बजे सुलतानपुर जनपद के बैजापुर गांव के बाग में खेत गए ग्रामीणों ने सफेदा (यूकेलिप्टस) के पेड़ से एक युवती का निर्वस्त्र शव देखा। ग्रामीणों के मुताबिक युवती के बदन पर एक भी कपड़े नहीं थे। दुपट्टे से उसका गला कसकर पेड़ से बांध दिया गया था। एक व्यक्ति ने 100 नंबर को फ़ोन किया। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि पुलिस ने पहुंचकर शव से कुछ दूरी पर शराब की बोतलें और प्लास्टिक के कुछ गिलास भी बरामद किया। पुलिस के पहुंचने तक युवती के प्राइवेट पार्ट में डंडा मौजूद था। उसके साथ दिल्ली के निर्भयाकांड की तरह हैवानियत हुई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाद में पुलिस ने शव को उतार उस पर कपड़ा डलवाकर जमीन पर रख दिया। पुलिस दरिंदगी को छुपाने की कोशिश में लग गई। एसपी हिमांशु कुमार मौके पर पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उन्होंने ग्रामीणों पर दबाव बनाकर दरिंदगी के फ़ोटो-वीडियो डिलीट करवा दिया। ताकि इस जघन्यतम अपराध को सामान्य दिखाया जा सके।
आरोप है कि शव की शिनाख्त कराने के नाम पर पुलिस ने शव को 72 घन्टे तक पोस्टमार्टम नहीं करवाया। विशेषज्ञ डॉक्टर कहते हैं कि दुष्कर्म किसी के साथ होने के संकेत हों तो पोस्टमार्टम तत्काल करा देना चाहिए। 24 घंटे बाद पोस्टमार्टम कराने पर दुष्कर्म के पुष्टि की संभावना नगण्य हो जाता है। ऐसे में फोरेंसिक रिपोर्ट आखिरी विकल्प होता है। पुलिस ने इस मामले में जानबूझकर चौथे दिन पोस्टमार्टम कराया। ताकि दुष्कर्म के सुबूतों को मिटाया जा सके।
अब घटना को करीब 13 दिन बीत चुके हैं, लेकिन न तो शव की पहचान हो सकी और न ही किसी की गिरफ्तारी हो सकी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार युवती के यूट्रस में गंभीर चोट की वजह से उसकी दीवार फट गई है, जो दरिंदगी की ओर इशारा कर रही है। शरीर के अन्य अंगों पर भी चोट पहुंचाई गई है। पुलिस के मुताबिक, युवती की हत्या गला दबाकर की गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार युवती के साथ वीभत्स व विचलित करने वाली दरिंदगी हुई है। दावा है कि पुलिस ने भी लोगों की मौजूदगी में इस हैवानियत को देखा था। बावजूद वह इस केस को दबाना चाह रही है।
एसपी हिमांशु कुमार ने सबरंग इंडिया को बताया कि अभी युवती की शिनाख्त नहीं हो पाई है। 302/201 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस टीम जांच में जुटी है। इसके बारे में जिला प्रशासन से ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। एसपी हिमांशु ने एसपी रूरल से ज्यादा जानकारी लेने की बात कही। इस मामले में वे भी कोई जानकारी देने से बचते नजर आए। वहीं प्रत्यक्षदर्शी व पत्रकारों का आरोप है कि इस मामले में लीपापोती की जा रही है साथ ही पत्रकारों पर दबाव बनाया जा रहा है कि कहीं घटना दिल्ली की तरह ही हाईलाइट होकर प्रशासनिक लापरवाही की पोल न खोल दे।
बैजापुर गांव के बाग में खेत गए ग्रामीणों ने सफेदा (यूकेलिप्टस) के पेड़ से एक युवती का निर्वस्त्र शव देखा। 10 सितंबर को सुबह करीब 6.00-6.30 बजे सुलतानपुर जनपद के बैजापुर गांव के बाग में खेत गए ग्रामीणों ने सफेदा (यूकेलिप्टस) के पेड़ से एक युवती का निर्वस्त्र शव देखा। ग्रामीणों के मुताबिक युवती के बदन पर एक भी कपड़े नहीं थे। दुपट्टे से उसका गला कसकर पेड़ से बांध दिया गया था। एक व्यक्ति ने 100 नंबर को फ़ोन किया। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि पुलिस ने पहुंचकर शव से कुछ दूरी पर शराब की बोतलें और प्लास्टिक के कुछ गिलास भी बरामद किया। पुलिस के पहुंचने तक युवती के प्राइवेट पार्ट में डंडा मौजूद था। उसके साथ दिल्ली के निर्भयाकांड की तरह हैवानियत हुई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाद में पुलिस ने शव को उतार उस पर कपड़ा डलवाकर जमीन पर रख दिया। पुलिस दरिंदगी को छुपाने की कोशिश में लग गई। एसपी हिमांशु कुमार मौके पर पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उन्होंने ग्रामीणों पर दबाव बनाकर दरिंदगी के फ़ोटो-वीडियो डिलीट करवा दिया। ताकि इस जघन्यतम अपराध को सामान्य दिखाया जा सके।
आरोप है कि शव की शिनाख्त कराने के नाम पर पुलिस ने शव को 72 घन्टे तक पोस्टमार्टम नहीं करवाया। विशेषज्ञ डॉक्टर कहते हैं कि दुष्कर्म किसी के साथ होने के संकेत हों तो पोस्टमार्टम तत्काल करा देना चाहिए। 24 घंटे बाद पोस्टमार्टम कराने पर दुष्कर्म के पुष्टि की संभावना नगण्य हो जाता है। ऐसे में फोरेंसिक रिपोर्ट आखिरी विकल्प होता है। पुलिस ने इस मामले में जानबूझकर चौथे दिन पोस्टमार्टम कराया। ताकि दुष्कर्म के सुबूतों को मिटाया जा सके।
अब घटना को करीब 13 दिन बीत चुके हैं, लेकिन न तो शव की पहचान हो सकी और न ही किसी की गिरफ्तारी हो सकी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार युवती के यूट्रस में गंभीर चोट की वजह से उसकी दीवार फट गई है, जो दरिंदगी की ओर इशारा कर रही है। शरीर के अन्य अंगों पर भी चोट पहुंचाई गई है। पुलिस के मुताबिक, युवती की हत्या गला दबाकर की गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार युवती के साथ वीभत्स व विचलित करने वाली दरिंदगी हुई है। दावा है कि पुलिस ने भी लोगों की मौजूदगी में इस हैवानियत को देखा था। बावजूद वह इस केस को दबाना चाह रही है।
एसपी हिमांशु कुमार ने सबरंग इंडिया को बताया कि अभी युवती की शिनाख्त नहीं हो पाई है। 302/201 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस टीम जांच में जुटी है। इसके बारे में जिला प्रशासन से ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। एसपी हिमांशु ने एसपी रूरल से ज्यादा जानकारी लेने की बात कही। इस मामले में वे भी कोई जानकारी देने से बचते नजर आए। वहीं प्रत्यक्षदर्शी व पत्रकारों का आरोप है कि इस मामले में लीपापोती की जा रही है साथ ही पत्रकारों पर दबाव बनाया जा रहा है कि कहीं घटना दिल्ली की तरह ही हाईलाइट होकर प्रशासनिक लापरवाही की पोल न खोल दे।