रांचीः झारखंड के खूंटी जिले में गोकशी के शक में रविवार को भीड़ ने पीट-पीटकर एक युवक की हत्या कर दी। भीड़ की पिटाई से दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि खूंटी के जलटंडा सुआरी गांव में रविवार को सुबह लगभग 10 बजे के आसपास भीड़ ने इन लोगों पर उस वक्त हमला किया, जब ये लोग कथित तौर पर एक जानवर के शव से मांस निकाल रहे थे।
छोटानागपुर रेंज के डीआईजी होमकर अमोल वेणुकांत ने बताया, ‘तीन गांव वाले कथित तौर पर प्रतिबंधित पशु को मारने के लिए ले जा रहे थे। इन गांव वालों की पहचान कलंतुस बारला, फिलिप होरो और फागु कछप के रूप में हुई है। अन्य ग्रामीणों ने इन लोगों को देखा और इनकी पिटाई करनी शुरू कर दी। हालांकि, सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें अस्पताल ले गई। इस बीच बारला ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। अन्य दो की हालत गंभीर है।’
डीआईजी का कहना है कि घटना के बारे में सटीक जानकारी नहीं है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस मामले की किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया, कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
गौरतलब है कि इस साल 18 जून को झारखंड के सरायकेला-खरसावां में बाइक चोरी के आरोप में भीड़ के हमले में 22 साल के तबरेज अंसारी की मौत हो गई थी। झारखंड में अकेले सितंबर में मॉब लिंचिंग की तीन घटनाएं हो चुकी हैं। 11 सितंबर को साहिबगंज जिले में बच्चा चोकी के शक में एक 70 साल के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी
तीन सितंबर को रामगढ़ जिले में पचास से अधिक लोगों की भीड़ ने एक शख्स को बुरी तरह से पीटा था, जिसने अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही दम तोड़ दिया था। वहीं, छह सितंबर को धनबाद के कागती पहाड़ी गांव में बच्चा चोरी की अफवाह में ही एक और शख्स की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
मालूम हो कि झारखंड में बीते तीन सालों में चोरी, बच्चा चोरी और गोहत्या के आरोप में भीड़ हमले में 21 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, जनवरी 2017 से लेकर अब तक राज्य में जादू-टोने के शक में 90 से अधिक लोगों को मार दिया गया है। मॉब लिंचिंग की घटनाओं से निपटना सरकार व प्रशासन के लिए चुनौती बन चुका है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि खूंटी के जलटंडा सुआरी गांव में रविवार को सुबह लगभग 10 बजे के आसपास भीड़ ने इन लोगों पर उस वक्त हमला किया, जब ये लोग कथित तौर पर एक जानवर के शव से मांस निकाल रहे थे।
छोटानागपुर रेंज के डीआईजी होमकर अमोल वेणुकांत ने बताया, ‘तीन गांव वाले कथित तौर पर प्रतिबंधित पशु को मारने के लिए ले जा रहे थे। इन गांव वालों की पहचान कलंतुस बारला, फिलिप होरो और फागु कछप के रूप में हुई है। अन्य ग्रामीणों ने इन लोगों को देखा और इनकी पिटाई करनी शुरू कर दी। हालांकि, सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें अस्पताल ले गई। इस बीच बारला ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। अन्य दो की हालत गंभीर है।’
डीआईजी का कहना है कि घटना के बारे में सटीक जानकारी नहीं है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस मामले की किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया, कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
गौरतलब है कि इस साल 18 जून को झारखंड के सरायकेला-खरसावां में बाइक चोरी के आरोप में भीड़ के हमले में 22 साल के तबरेज अंसारी की मौत हो गई थी। झारखंड में अकेले सितंबर में मॉब लिंचिंग की तीन घटनाएं हो चुकी हैं। 11 सितंबर को साहिबगंज जिले में बच्चा चोकी के शक में एक 70 साल के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी
तीन सितंबर को रामगढ़ जिले में पचास से अधिक लोगों की भीड़ ने एक शख्स को बुरी तरह से पीटा था, जिसने अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही दम तोड़ दिया था। वहीं, छह सितंबर को धनबाद के कागती पहाड़ी गांव में बच्चा चोरी की अफवाह में ही एक और शख्स की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
मालूम हो कि झारखंड में बीते तीन सालों में चोरी, बच्चा चोरी और गोहत्या के आरोप में भीड़ हमले में 21 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, जनवरी 2017 से लेकर अब तक राज्य में जादू-टोने के शक में 90 से अधिक लोगों को मार दिया गया है। मॉब लिंचिंग की घटनाओं से निपटना सरकार व प्रशासन के लिए चुनौती बन चुका है।