नई दिल्ली। अखिल गोगोई ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा 20 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए कहा गया। गोगोई, जो नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध प्रदर्शन में उनकी भूमिका के लिए दिसंबर 2019 से जेल में बंद हैं, ने जनता के नाम एक पत्र के माध्यम से ये आरोप लगाए हैं।
गोगोई की नवगठित पार्टी रायजोर दल द्वारा जारी पत्र में आरोप लगाया गया है कि किसान नेता को अदालत की अनुमति के बिना 18 दिसंबर, 2019 को दिल्ली ले जाया गया था। उन्होंने लिखा, ‘‘मुझे एनआईए मुख्यालय में लॉकअप संख्या एक में रखा गया था और केवल एक गंदा कंबल दिया गया था। मैं तीन-चार डिग्री सेल्सियस तापमान में जमीन पर सोया।’’ बता दें कि गोगोई को संशोधित नागरिकता कानून विरोधी हिंसक प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए दिसंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था।
गोगोई ने आरोप लगाया कि एनआईए अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान उन्हें आरएसएस में शामिल होने पर तत्काल जमानत दिए जाने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जब इस अपमानजनक प्रस्ताव के खिलाफ दलील दे रहा था, तो उन्होंने भाजपा में शामिल होने का एक और प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि मैं किसी रिक्त सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकता हूं और मंत्री बन सकता हूं।’’
राइजोर दल असम जनता परिषद (AJP) के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ रहा है। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचाराधीन गोगोई, शिवसागर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर 27 मार्च को पहले चरण में वोटिंग होनी है।
बता दें कि शिवसागर सीट से राइजोर दल के उम्मीदवार अखिल गोगोई की 84 वर्षीय मां प्रियदा गोगोई कई बीमारियों से जूझ रही हैं। बावजूद इसके वह अपने बेटे के लिए प्रचार करती हुई गली-गली घूम रही हैं। शिवसागर निर्वाचन क्षेत्र में 27 मार्च को पहले चरण में मतदान होना है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के लिए जेल में बंद अखिल की मां के साथ सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और संदीप पांडे भी प्रचार में जुटे हैं। अखिल ने ही राइजोर दल की स्थापना की थी।
प्रियदा गोगोई ने कहा, ‘मैं अपने बेटे के लिए चुनाव प्रचार कर रही हूं। मैं उसे आजाद देखना चाहती हूं। मुझे पता है कि जनता ही उसे जेल से बाहर ला सकती है। इस चुनाव में जीत उसे कैद से बाहर लाने की दिशा में पहला कदम होगी।’
गोगोई की नवगठित पार्टी रायजोर दल द्वारा जारी पत्र में आरोप लगाया गया है कि किसान नेता को अदालत की अनुमति के बिना 18 दिसंबर, 2019 को दिल्ली ले जाया गया था। उन्होंने लिखा, ‘‘मुझे एनआईए मुख्यालय में लॉकअप संख्या एक में रखा गया था और केवल एक गंदा कंबल दिया गया था। मैं तीन-चार डिग्री सेल्सियस तापमान में जमीन पर सोया।’’ बता दें कि गोगोई को संशोधित नागरिकता कानून विरोधी हिंसक प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए दिसंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था।
गोगोई ने आरोप लगाया कि एनआईए अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान उन्हें आरएसएस में शामिल होने पर तत्काल जमानत दिए जाने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जब इस अपमानजनक प्रस्ताव के खिलाफ दलील दे रहा था, तो उन्होंने भाजपा में शामिल होने का एक और प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि मैं किसी रिक्त सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकता हूं और मंत्री बन सकता हूं।’’
राइजोर दल असम जनता परिषद (AJP) के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ रहा है। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचाराधीन गोगोई, शिवसागर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर 27 मार्च को पहले चरण में वोटिंग होनी है।
बता दें कि शिवसागर सीट से राइजोर दल के उम्मीदवार अखिल गोगोई की 84 वर्षीय मां प्रियदा गोगोई कई बीमारियों से जूझ रही हैं। बावजूद इसके वह अपने बेटे के लिए प्रचार करती हुई गली-गली घूम रही हैं। शिवसागर निर्वाचन क्षेत्र में 27 मार्च को पहले चरण में मतदान होना है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के लिए जेल में बंद अखिल की मां के साथ सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और संदीप पांडे भी प्रचार में जुटे हैं। अखिल ने ही राइजोर दल की स्थापना की थी।
प्रियदा गोगोई ने कहा, ‘मैं अपने बेटे के लिए चुनाव प्रचार कर रही हूं। मैं उसे आजाद देखना चाहती हूं। मुझे पता है कि जनता ही उसे जेल से बाहर ला सकती है। इस चुनाव में जीत उसे कैद से बाहर लाने की दिशा में पहला कदम होगी।’