वीएचपी नेता हुकुमचंद चावला ने मुसलमानों पर निशाना साधते हुए भाषण दिया। उन्होंने वक्फ बोर्ड संशोधन के खिलाफ मतदान करने वाले हिंदू सांसदों पर आपत्तिजनक शब्द कहा हैं।
मध्य प्रदेश के झबुआ में आयोजित हिंदू सम्मेलन में वीएचपी नेता हुकुमचंद चावला ने मुसलमानों पर निशाना साधते हुए भाषण दिया। उन्होंने वक्फ बोर्ड संशोधन के खिलाफ मतदान करने वाले हिंदू सांसदों पर आपत्तिजनक शब्द कहा हैं। एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें यह सुना जा सकता है कि चावला सभा में मौजूद लोगों से वक्फ बिल पर इन सांसदों के बारे में पूछते हैं तो लोग उन्हें जवाब हिजरा बताते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन सांसदों को उन्होंने "हिजड़ा" तक कह दिया। उन्होंने धार्मिक प्रतीकवाद का हवाला देते हुए दावा किया कि जैसे देवताओं ने कभी "अधर्म" को नष्ट करने के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया था, वैसे ही अब जरूरत पड़ने पर बुलडोजर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा हिंदुओं को केवल हिंदू व्यवसायों से ही सामान खरीदने को कहा। चावला ने झूठे दावे किए कि गैर-हिंदू हिंदू के जरिए खरीदे सामान पैसे का इस्तेमाल हिंदुओं को मारने के लिए करते हैं।
सभा में बोलते हुए वीएचपी नेता कहते हैं संसद में जब वक्फ बिल आया तो करीब 232 सांसदों ने इसका विरोध किया। केवल 24 सांसद मुस्लिम हैं। इस दौरान वे कहते हैं कि संसद में मुस्लिमों की संख्या कम है फिर भी इसका विरोध किया गया है। वे सभा में लोगों से पूछते हैं मुस्लिमों को छोड़कर वो कौन लोग हैं जिन्होंने इसका विरोध किया तो सभा में मौजूद लोगों की आवाज आती है हिजड़े। वे आगे कहते हैं जिस तरह भगवान ने अधर्म का नाश किया है उसी तरह बुलडोजर से अधर्म का नाश करना पड़ेगा।
सभा को संबोधित करते हुए वे आगे कहते हैं कि, अपना त्योहार अपनों से व्यापार। वे कहते हैं व्यापार अपने आदमी से करना है, सामना किस्से खरीदना है तो अपने आदमी से, धंधा किससे करना है तो अपने आदमी से, क्योंकि त्योहार अपना है तो व्यापार भी अपने आदमी से करना चाहिए। अधर्मी से व्यापार किया तो अधर्मी ताकतवर होगा और आपके पैसे से आपको मारेगा।
बता दें कि हाल ही में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के कुछ विपक्षी सदस्यों ने समिति के अध्यक्ष व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता जगदंबिका पाल पर कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति के कुछ विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में समिति से अलग होने की चेतावनी दी थी। उन्होंने समिति के अध्यक्ष और भाजपा नेता जगदंबिका पाल पर “कार्यवाही को बाधित करने” और “बाधा डालने” का आरोप लगाया था।
3 नवंबर को लिखे गए इस पत्र पर छह विपक्षी सदस्यों- असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम), कल्याण बनर्जी (टीएमसी), मोहम्मद जावेद (कांग्रेस), संजय सिंह (आप), मोहम्मद नदीमुल हक (टीएमसी) और एमएम अब्दुल्ला (डीएमके) ने हस्ताक्षर किए हैं। 31 सदस्यीय समिति में 13 विपक्षी सदस्य (नौ लोकसभा, चार राज्यसभा) शामिल हैं।
ये समिति जिसे वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन करने के लिए विधेयक की जांच करने का काम सौंपा गया है वह 22 अगस्त को पहली बैठक के बाद से ही विवादों में रहा है।
पिछले महीने भी, विपक्षी सदस्यों ने बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि पाल द्वारा कार्यवाही "पक्षपातपूर्ण तरीके से की गई" और अध्यक्ष से "तत्काल हस्तक्षेप" की मांग की। उधर पाल ने कहा था कि बैठकों के दौरान विपक्षी सदस्यों को बोलने के लिए पर्याप्त अवसर दिए जाते हैं। 22 अक्टूबर को टीएमसी के कल्याण बनर्जी को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने भाजपा सदस्य और कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ बहस के दौरान कांच की बोतल तोड़ दी थी।
पाल ने आरोप लगाया था कि बनर्जी ने बोतल से “कुर्सी पर हमला करने” की कोशिश की थी। विपक्षी सदस्यों ने “गैर-हितधारकों” के बयान पर सवाल उठाए, जबकि भाजपा सदस्यों ने विपक्ष द्वारा कठिन सवालों का सामना करने से बचने के लिए “जानबूझकर व्यवधान” डालने का आरोप लगाया।
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वक्फ विधेयक: विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में जगदंबिका पाल पर कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया
मध्य प्रदेश के झबुआ में आयोजित हिंदू सम्मेलन में वीएचपी नेता हुकुमचंद चावला ने मुसलमानों पर निशाना साधते हुए भाषण दिया। उन्होंने वक्फ बोर्ड संशोधन के खिलाफ मतदान करने वाले हिंदू सांसदों पर आपत्तिजनक शब्द कहा हैं। एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें यह सुना जा सकता है कि चावला सभा में मौजूद लोगों से वक्फ बिल पर इन सांसदों के बारे में पूछते हैं तो लोग उन्हें जवाब हिजरा बताते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन सांसदों को उन्होंने "हिजड़ा" तक कह दिया। उन्होंने धार्मिक प्रतीकवाद का हवाला देते हुए दावा किया कि जैसे देवताओं ने कभी "अधर्म" को नष्ट करने के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया था, वैसे ही अब जरूरत पड़ने पर बुलडोजर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा हिंदुओं को केवल हिंदू व्यवसायों से ही सामान खरीदने को कहा। चावला ने झूठे दावे किए कि गैर-हिंदू हिंदू के जरिए खरीदे सामान पैसे का इस्तेमाल हिंदुओं को मारने के लिए करते हैं।
सभा में बोलते हुए वीएचपी नेता कहते हैं संसद में जब वक्फ बिल आया तो करीब 232 सांसदों ने इसका विरोध किया। केवल 24 सांसद मुस्लिम हैं। इस दौरान वे कहते हैं कि संसद में मुस्लिमों की संख्या कम है फिर भी इसका विरोध किया गया है। वे सभा में लोगों से पूछते हैं मुस्लिमों को छोड़कर वो कौन लोग हैं जिन्होंने इसका विरोध किया तो सभा में मौजूद लोगों की आवाज आती है हिजड़े। वे आगे कहते हैं जिस तरह भगवान ने अधर्म का नाश किया है उसी तरह बुलडोजर से अधर्म का नाश करना पड़ेगा।
सभा को संबोधित करते हुए वे आगे कहते हैं कि, अपना त्योहार अपनों से व्यापार। वे कहते हैं व्यापार अपने आदमी से करना है, सामना किस्से खरीदना है तो अपने आदमी से, धंधा किससे करना है तो अपने आदमी से, क्योंकि त्योहार अपना है तो व्यापार भी अपने आदमी से करना चाहिए। अधर्मी से व्यापार किया तो अधर्मी ताकतवर होगा और आपके पैसे से आपको मारेगा।
बता दें कि हाल ही में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के कुछ विपक्षी सदस्यों ने समिति के अध्यक्ष व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता जगदंबिका पाल पर कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति के कुछ विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में समिति से अलग होने की चेतावनी दी थी। उन्होंने समिति के अध्यक्ष और भाजपा नेता जगदंबिका पाल पर “कार्यवाही को बाधित करने” और “बाधा डालने” का आरोप लगाया था।
3 नवंबर को लिखे गए इस पत्र पर छह विपक्षी सदस्यों- असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम), कल्याण बनर्जी (टीएमसी), मोहम्मद जावेद (कांग्रेस), संजय सिंह (आप), मोहम्मद नदीमुल हक (टीएमसी) और एमएम अब्दुल्ला (डीएमके) ने हस्ताक्षर किए हैं। 31 सदस्यीय समिति में 13 विपक्षी सदस्य (नौ लोकसभा, चार राज्यसभा) शामिल हैं।
ये समिति जिसे वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन करने के लिए विधेयक की जांच करने का काम सौंपा गया है वह 22 अगस्त को पहली बैठक के बाद से ही विवादों में रहा है।
पिछले महीने भी, विपक्षी सदस्यों ने बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि पाल द्वारा कार्यवाही "पक्षपातपूर्ण तरीके से की गई" और अध्यक्ष से "तत्काल हस्तक्षेप" की मांग की। उधर पाल ने कहा था कि बैठकों के दौरान विपक्षी सदस्यों को बोलने के लिए पर्याप्त अवसर दिए जाते हैं। 22 अक्टूबर को टीएमसी के कल्याण बनर्जी को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने भाजपा सदस्य और कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ बहस के दौरान कांच की बोतल तोड़ दी थी।
पाल ने आरोप लगाया था कि बनर्जी ने बोतल से “कुर्सी पर हमला करने” की कोशिश की थी। विपक्षी सदस्यों ने “गैर-हितधारकों” के बयान पर सवाल उठाए, जबकि भाजपा सदस्यों ने विपक्ष द्वारा कठिन सवालों का सामना करने से बचने के लिए “जानबूझकर व्यवधान” डालने का आरोप लगाया।
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