मृतक की मां ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने पैसा खा लिया है जिसके चलते कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
साभार : द मूकनायक
यूपी के बस्ती जिले में 17 साल के एक दलित लड़के से बर्बरता का मामला सामने आया है। आरोप है कि दबंगों ने उसे बर्थडे पार्टी में बुलाया फिर उसे निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटा और उसे पेशाब पिलाया। इतना ही नहीं दबंग वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी देने लगे। इन सबसे परेशान होकर पीड़ित घर पहुंचकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, आरोप है कि जब परिजन स्थानीय पुलिस के पास शिकायत करने पहुंचे तो उन्हें सुना नहीं गया। मजबूरी में वे शव लेकर एसपी ऑफिस पहुंच गए, जिससे महकमे में हड़कंप मच गया। जिसके बाद आनन-फानन में एफआईआर दर्ज हुई और जांच-पड़ताल शुरू की गई।
ये घटना बस्ती जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के कोइलपुरा गांव की बताई जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, 20-21 दिसंबर की रात को आदित्य को गांव के विनय कुमार ने फोन कर बर्थडे पार्टी में बुलाया था। जब आदित्य रात में बर्थडे पार्टी में शामिल होने गया तो वहां पर चार और लोग मौजूद थे। इन लोगों ने पहले आदित्य को नग्न करके बुरी तरह मारा पीटा, उसके बाद आदित्य के मुंह में पेशाब कर दिया। इस घटना का चारों दरिंदों ने वीडियो भी बना लिया और वीडियो को वायरल करने को धमकी देने लगे। जब आदित्य ने वीडियो डिलीट करने की मिन्नत की तो उसको थूक भी चटवाया।
पीड़ित आदित्य ने अपने परिजनों को घटना के बारे में बताया। परिजनों ने कप्तानगंज थाने पर तहरीर दी। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने तहरीर ले ली लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे दबंगों के हौसले और बढ़ गए। वे लगातार आदित्य को प्रताड़ित करने लगे, जिससे आहत होकर नाबालिग ने आत्महत्या कर ली।
बेटे की मौत और कोई कार्रवाई न होने से दुखी परिजन शव के साथ कप्तानगंज थाने पहुंचे। घंटों इंतजार के बाद भी जब कोई आश्वासन नहीं मिला, तो वे शव लेकर एसपी कार्यालय पहुंच गए। इसके बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची। सीओ से कार्रवाई का आश्वासन मिलने पर परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए।
ज्ञात हो कि मृतक युवक संतकबीर नगर के निघरी गांव का रहने वाला था जो अपने मामा के घर बस्ती में रहता था। मृतक की मां ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने पैसा खा लिया है, जिसकी वजह से कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। वहीं, मृतक के मामा विजय कुमार ने बताया कि बर्थडे के बहाने फोन करके बुलाया था, पहले से क्या रंजिश थी उसकी जानकारी नहीं है।
सीओ प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि परिजनों को तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चद्रशेखर आज़ाद ने लिखा, "उत्तर प्रदेश के जिला बस्ती के कप्तानगंज में दलित किशोर को निर्वस्त्र कर मारने-पीटने, पेशाब पिलाने और इस घटना के बनाएं गए वीडियो को डिलीट करने की कहने पर थूक चटवाने की घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है।"
उन्होंने आगे लिखा, "इस हृदयविदारक घटना के बाद भी प्रशासन की लापरवाही और आरोपियों को छोड़ने जैसी कार्यवाही से आहत होकर दलित किशोर को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। यह न केवल प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर करता है, बल्कि राज्य सरकार की विफल कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से सवाल है: क्या यह आपकी 'जीरो टॉलरेंस' की नीति का हिस्सा है, जहां पीड़ित को न्याय की उम्मीद में जान गंवानी पड़ती है? अमानवीयता का यह दौर कब तक चलेगा? दोषियों और लापरवाह पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्यवाही करें।"
साभार : द मूकनायक
यूपी के बस्ती जिले में 17 साल के एक दलित लड़के से बर्बरता का मामला सामने आया है। आरोप है कि दबंगों ने उसे बर्थडे पार्टी में बुलाया फिर उसे निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटा और उसे पेशाब पिलाया। इतना ही नहीं दबंग वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी देने लगे। इन सबसे परेशान होकर पीड़ित घर पहुंचकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, आरोप है कि जब परिजन स्थानीय पुलिस के पास शिकायत करने पहुंचे तो उन्हें सुना नहीं गया। मजबूरी में वे शव लेकर एसपी ऑफिस पहुंच गए, जिससे महकमे में हड़कंप मच गया। जिसके बाद आनन-फानन में एफआईआर दर्ज हुई और जांच-पड़ताल शुरू की गई।
ये घटना बस्ती जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के कोइलपुरा गांव की बताई जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, 20-21 दिसंबर की रात को आदित्य को गांव के विनय कुमार ने फोन कर बर्थडे पार्टी में बुलाया था। जब आदित्य रात में बर्थडे पार्टी में शामिल होने गया तो वहां पर चार और लोग मौजूद थे। इन लोगों ने पहले आदित्य को नग्न करके बुरी तरह मारा पीटा, उसके बाद आदित्य के मुंह में पेशाब कर दिया। इस घटना का चारों दरिंदों ने वीडियो भी बना लिया और वीडियो को वायरल करने को धमकी देने लगे। जब आदित्य ने वीडियो डिलीट करने की मिन्नत की तो उसको थूक भी चटवाया।
पीड़ित आदित्य ने अपने परिजनों को घटना के बारे में बताया। परिजनों ने कप्तानगंज थाने पर तहरीर दी। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने तहरीर ले ली लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे दबंगों के हौसले और बढ़ गए। वे लगातार आदित्य को प्रताड़ित करने लगे, जिससे आहत होकर नाबालिग ने आत्महत्या कर ली।
बेटे की मौत और कोई कार्रवाई न होने से दुखी परिजन शव के साथ कप्तानगंज थाने पहुंचे। घंटों इंतजार के बाद भी जब कोई आश्वासन नहीं मिला, तो वे शव लेकर एसपी कार्यालय पहुंच गए। इसके बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची। सीओ से कार्रवाई का आश्वासन मिलने पर परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए।
ज्ञात हो कि मृतक युवक संतकबीर नगर के निघरी गांव का रहने वाला था जो अपने मामा के घर बस्ती में रहता था। मृतक की मां ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने पैसा खा लिया है, जिसकी वजह से कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। वहीं, मृतक के मामा विजय कुमार ने बताया कि बर्थडे के बहाने फोन करके बुलाया था, पहले से क्या रंजिश थी उसकी जानकारी नहीं है।
सीओ प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि परिजनों को तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चद्रशेखर आज़ाद ने लिखा, "उत्तर प्रदेश के जिला बस्ती के कप्तानगंज में दलित किशोर को निर्वस्त्र कर मारने-पीटने, पेशाब पिलाने और इस घटना के बनाएं गए वीडियो को डिलीट करने की कहने पर थूक चटवाने की घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है।"
उन्होंने आगे लिखा, "इस हृदयविदारक घटना के बाद भी प्रशासन की लापरवाही और आरोपियों को छोड़ने जैसी कार्यवाही से आहत होकर दलित किशोर को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। यह न केवल प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर करता है, बल्कि राज्य सरकार की विफल कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से सवाल है: क्या यह आपकी 'जीरो टॉलरेंस' की नीति का हिस्सा है, जहां पीड़ित को न्याय की उम्मीद में जान गंवानी पड़ती है? अमानवीयता का यह दौर कब तक चलेगा? दोषियों और लापरवाह पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्यवाही करें।"