बहराइच में हुई हिंसा के पीछे पूर्व नियोजित साजिश और खुफिया विफलता, प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा

Written by sabrang india | Published on: October 17, 2024
बहराइच में सांप्रदायिक तनाव की प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि इसके पीछे खुफिया विफलता और पूर्व नियोजित साजिश दोनों ही कारण हैं।


साभार : द ऑब्जर्वर पोस्ट

उत्तर प्रदेश के बहराइच में 13 अक्टूबर को हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के जुलूस के दौरान पथराव और गोलीबारी में 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।

डीजीपी मुख्यालय को सौंपी गई रिपोर्ट में स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) और महसी के सर्किल ऑफिसर रूपेंद्र कुमार गौड़ की जिम्मेदारी का उल्लेख किया गया है। डीजीपी मुख्यालय ने अब गौड़ को उनके पद से निलंबित कर दिया है। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, ये निलंबन अस्थायी है क्योंकि जांच जारी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय खुफिया इकाई रविवार और सोमवार दोनों दिन इस स्थिति का आकलन करने में विफल रही। पुलिस सर्किल अधिकारी को घटना की जानकारी शुरू से ही नहीं थी, जब जुलूस निकाला गया और जब रूपेंद्र पहुंचे, तब तक टकराव शुरू हो चुका था और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौके पर लाठी, ईंट और पत्थर जमा हो गए थे और कुछ ही मिनटों में भीड़ जुटने लगी। उन्होंने कहा कि यह जिले में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की एक साजिश लग रही है।

उन्होंने कहा, "सीसीटीवी फुटेज में विसर्जन स्थल के पास लोगों का वही समूह दिखाई दे रहा है, जो अगले दिन तोड़फोड़ में शामिल थे।"

उन्होंने कहा, "भ्रामक दावे फैलाने को लेकर कई सोशल मीडिया अकाउंट जांच के दायरे में हैं। इससे स्थिति और बिगड़ गई थी।"

यूपी पुलिस ने 60 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बीच, इंटरनेट सेवाएं बंद हैं और कई शैक्षणिक संस्थान और व्यवसाय प्रभावित हुए हैं। जिला पुलिस ने राम गोपाल मिश्रा के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर सहित 12 एफआईआर दर्ज की हैं।

ज्ञात हो कि आगजनी व तोड़फोड़ की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए पूरे जिले में इंटरनेट सेवाएं बीते तीन दिनों से बंद है। अगले दो दिनों तक इंटरनेट सेवाएं बहाल होने पर संशय बरकरार है। शनिवार से इंटरनेट सेवाएं बहाल होने की संभावना जताई जा रही है।

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, महराजगंज कस्बे में स्थिति सामान्य होने के बाद भी अभी शासन की ओर से सुरक्षा में कोई ढिलाई नहीं की जा रही है। क्षेत्र में अभी भी 12 कंपनी पीएसी, दो सीआरपीएफ, आरआरएफ व चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की तैनाती है। साथ ही जिले के सभी आला अधिकारी भी जगह-जगह तैनात हैं और हर घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं।

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