जारी किए गए एक बयान में दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (डीयूजे) और नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनएजे) ने रेलवे पुलिस और अधिकारियों द्वारा पत्रकार सौम्या राज को धमकाने और उन्हें 16 फरवरी, 2025 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में हुई मौतों की रिपोर्टिंग करने से रोकने के प्रयास पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
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दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (डीयूजे) और नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनएजे) ने रेलवे पुलिस और अधिकारियों द्वारा पत्रकार सौम्या राज को धमकाने और उन्हें 16 फरवरी, 2025 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में हुई मौतों की रिपोर्टिंग करने से रोकने के प्रयास को लेकर नाराजगी जाहिर की है।यूट्यूब चैनल मोलिटिक्स इंडिया के लिए रिपोर्ट करने वाली राज से उनका प्रेस पहचान पत्र मांगा गया जिसे उन्होंने दिखाया लेकिन फिर भी अधिकारियों ने कहा कि वे वीडियो बनाना बंद करें। उनका फोन छीन लिया गया और उनसे कहा गया कि वह अपनी बनाई वीडियो रिकॉर्डिंग डिलीट कर दें।
डीयूजे ने आज जारी एक बयान में सरकारी अधिकारियों की इस कृत्य की निंदा की है कि वे ऐसी दुखद घटनाओं में अपनी भूमिका को स्वीकार करने के बजाय मीडिया और जनता की नजरों से अपनी चूक और गलती को छिपा रहे हैं। कुंभ में हुई घातक भगदड़ के बाद रेलवे अधिकारियों को सभी स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन के लिए तैयार रहना चाहिए था। पारदर्शिता और बेहतर प्रशासन समय की मांग है, न कि सच्चाई को रिपोर्ट करने की कोशिश करने वाले पत्रकारों को डराकर गलतियों को छिपाने की हताशापूर्ण कोशिश। यह बयान एनएजे के अध्यक्ष एसके पांडे, डीयूजे की अध्यक्ष सुजाता मधोक और डीयूजे के महासचिव एएम जिगीश द्वारा जारी किया गया है।
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दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (डीयूजे) और नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनएजे) ने रेलवे पुलिस और अधिकारियों द्वारा पत्रकार सौम्या राज को धमकाने और उन्हें 16 फरवरी, 2025 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में हुई मौतों की रिपोर्टिंग करने से रोकने के प्रयास को लेकर नाराजगी जाहिर की है।यूट्यूब चैनल मोलिटिक्स इंडिया के लिए रिपोर्ट करने वाली राज से उनका प्रेस पहचान पत्र मांगा गया जिसे उन्होंने दिखाया लेकिन फिर भी अधिकारियों ने कहा कि वे वीडियो बनाना बंद करें। उनका फोन छीन लिया गया और उनसे कहा गया कि वह अपनी बनाई वीडियो रिकॉर्डिंग डिलीट कर दें।
डीयूजे ने आज जारी एक बयान में सरकारी अधिकारियों की इस कृत्य की निंदा की है कि वे ऐसी दुखद घटनाओं में अपनी भूमिका को स्वीकार करने के बजाय मीडिया और जनता की नजरों से अपनी चूक और गलती को छिपा रहे हैं। कुंभ में हुई घातक भगदड़ के बाद रेलवे अधिकारियों को सभी स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन के लिए तैयार रहना चाहिए था। पारदर्शिता और बेहतर प्रशासन समय की मांग है, न कि सच्चाई को रिपोर्ट करने की कोशिश करने वाले पत्रकारों को डराकर गलतियों को छिपाने की हताशापूर्ण कोशिश। यह बयान एनएजे के अध्यक्ष एसके पांडे, डीयूजे की अध्यक्ष सुजाता मधोक और डीयूजे के महासचिव एएम जिगीश द्वारा जारी किया गया है।