नोटिस मिलने के बाद भी IAS कन्नन गोपीनाथन ने ड्यूटी पर लौटने से किया इनकार

Written by Sabrangindia Staff | Published on: August 31, 2019
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को बेअसर किए जाने के बाद अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देने वाले कन्न्न गोपीनाथन को दोबारा ड्यूटी पर लौटने का नोटिस मिला लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। दमन और दीव के प्रशासनिक कार्याजल की ओर से जारी नोटिस में कहा गया था कि उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है लिहाजा वे अपने विभाग में रिपोर्ट करें। 



अंग्रेजी समाचार पत्र द इंडियन एक्सप्रेस से कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि मैं बुधवार रात को ही सिलवासा स्थित अपने घर पहुंचा। तभी नोटिस के बारे में पता चला। यह प्रक्रिया के तहत दिया गया नोटिस है। वे कह रहे हैं कि इस्तीफा मंजूर होने तक मुझे ड्यूटी पर वापस लौट जाना चाहिए। (लेकिन) मैं अपनी राय सार्वजनिक कर चुका हूं और अपने फैसले पर मजबूती से बरकरार हूं। मेरे लिए ड्यूटी दोबारा जॉइन करना उचित नहीं होगा। 

उन्होंने आगे कहा कि मैंने अपने भविष्य को लेकर कुछ तय नहीं किया है। मैं नौकरी के लिए दूसरे विकल्प तलाश रहा हूं जो निजी संस्थाओं के साथ सार्वजनिक सेवा से जुड़े हों। बीता हफ्ता काफी थका देने वाला रहा और मुझे इस बारे में कुछ करने का वक्त नहीं मिला।

खबर के मुताबिक कन्नन गोपीनाथन के इस्तीफे को दमन और दीव के प्रशासक प्रफुल पटेल से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। खबरों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के दौरान गोपीनाथन और पटेल के बीच खटास आ गई थी। उस समय गोपीनाथन दमन और दीव के कलेक्टर थे। चुनाव के बाद उन्हें कलेक्टर के पद से हटा दिया गया और दमन और दीव तथा दादर नगर हवेली के ऊर्जा के पारंपरिक और गैर-पारंपरिक स्रोत विभाग का सचिव बना दिया गया।

इस बारे में गोपीनाथन ने कहा, ‘प्रशासक ने मुझे लोकसभा चुनाव के दौरान नोटिस जारी किया था। मुझे यह ठीक नहीं लगा क्योंकि तब हम चुनाव के काम में व्यस्त थे। उस समय हमें चुनाव आयोग को रिपोर्ट करना होता है, न कि प्रशासक को। मैंने सभी रिपोर्टों के साथ नोटिस को मुख्य चुनाव अधिकारी को भेज दिया था। उसके बाद उसे चुनाव आयोग को भेजा गया जिसने प्रशासक से कहा कि वह अपना नोटिस वापस ले लें। साथ ही उन्हें चुनाव में व्यस्त अधिकारियों के काम में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा गया था।’

कन्नन गोपीनाथन को दिसंबर 2017 में दादर नगर हवेली का कलेक्टर बनाया गया था। वहीं, इस साल लोकसभा चुनाव के बाद जून में उनका ट्रांसफर कर दिया गया। इसे लेकर प्रफुल पटेल का कहना है, 'मुझे नोटिस के बारे में प्रशासन से पता चला। उन्होंने इस बारे में पत्र लिखा है जो नियमों के तहत लिखा गया होगा। मेरा उनसे (गोपीनाथन) कोई व्यक्तिगत बैर नहीं है। उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है।'

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