सोनीपत के बदौली गांव में धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने वाले एक स्कूल कार्यक्रम को लेकर एक दक्षिणपंथी समूह ने स्कूल पर हिंदू छात्रों को उनके धर्म के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाते हुए विरोध किया। प्रिंसिपल ने माफी मांगी और आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं होगी।
साभार : अमर उजाल -फोटो 50
सोनीपत के बदौली गांव में पिछले सप्ताह की शुरुआत में उस समय विवाद खड़ा हो गया जब एक दक्षिणपंथी संगठन के सदस्यों ने एक स्कूल कार्यक्रम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जिसमें कुछ छात्रों ने हिजाब पहना था। बुधवार को सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में छात्रों के एक समूह ने सौहार्द और धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए एक नाटक का आयोजन किया। छात्रों ने विभिन्न समुदायों के सदस्यों का प्रतिनिधित्व किया और उनसे जुड़े कपड़े पहने।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कुछ लड़कियों ने हिजाब पहना था। दिन शांतिपूर्ण तरीके से बीत गया लेकिन गुरुवार को तब हंगामा मच गया जब नाटक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। खुद को अखंड हिंदू स्वाभिमान संगठन का अध्यक्ष बताने वाले मनीष राय ने ग्रामीणों के एक समूह का नेतृत्व करते हुए स्कूल परिसर में जाकर प्रिंसिपल और शिक्षकों के खिलाफ नारे लगाए।
प्रदर्शनकारियों ने उन पर हिंदू छात्रों को हिजाब पहनाकर उनके धर्म के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाया। किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए पुलिस की एक टीम को तैनात करना पड़ा।
स्कूल के एक कर्मचारी ने कहा, "हां, जब गांव के लोग और संगठन के सदस्य परिसर में घुसे और हंगामा किया तो हम घबरा गए। हमने पुलिस को बुलाया और एक टीम गांव वालों को शांत करने के लिए स्कूल पहुंची। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों को उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कहीं और स्थानांतरित किया जाए।"
प्रधानाचार्य प्रवीण गुलिया ने संगठन के सदस्यों को समझाने की कोशिश की और कहा कि स्कूल ने केवल एक बहु-धर्म कार्यक्रम आयोजित किया था और छात्रों ने शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए हिजाब पहनाया था।
समझाने के बाद भी विरोध और हंगामा बंद नहीं हुआ। गुलिया द्वारा माफी मांगने और स्कूल परिसर में कभी भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित न करने का वादा करने के बाद ही प्रदर्शनकारी वहां से गए।
अमर उजाला ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड मंत्री रोहताश, उपाध्यक्ष मुकेश तुषीर, सतीश तुषीर, अशोक गौतम, जिला बजरंग दल के संयोजक जगबीर दूहन, मनीष राई ने कहा कि छात्राओं को धर्म विशेष की पोशाक पहनाना गलत है। इससे छात्राओं को धर्म परिवर्तन की तरफ आकर्षित करना है।
सरपंच रामेश्वर कौशिक ने कहा कि पंचायत इस मामले में संगठनों के साथ है। खंड शिक्षा अधिकारी जितेंद्र व प्राचार्य ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां स्कूल में आगे नहीं कराई जाएंगी। किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की किसी की मंशा नहीं थी।
दैनिक ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि, शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूलों में कराए जाने वाले कार्यक्रमों का कैलेंडर जारी किया था। कैलेंडर के अनुसार ही सितंबर में ईद के उपलक्ष्य में स्कूलों में गतिविधियां कराई जानी है। स्कूल मेें 11 सितंबर को बडौली गांव के सरकारी स्कूल में छात्राओं ने लघु नाटिका का मंचन किया गया। इसमें भाग लेने वाली मुस्लिम समुदाय की छात्राओं ने हिजाब बनकर अपनी प्रस्तुति दी थी जिसमें उन्होंने ईद के बारे में बताया था। स्कूल में यह कार्यक्रम शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ था। स्कूल प्राचार्य प्रवीण का कहना है कि कार्यक्रम आयोजित करने के पीछे लक्ष्य विद्यार्थियों को सर्व धर्म के बारे में जानकारी देना था। कार्यक्रम भी शिक्षा विभाग के जारी कैलेंडर के अनुसार ही कराया गया है।"
सोनीपत के जिला शिक्षा अधिकारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि नाटक का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था और उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "हम घटना पर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और इसे जल्द ही सरकार को भेज देंगे।"
साभार : अमर उजाल -फोटो 50
सोनीपत के बदौली गांव में पिछले सप्ताह की शुरुआत में उस समय विवाद खड़ा हो गया जब एक दक्षिणपंथी संगठन के सदस्यों ने एक स्कूल कार्यक्रम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जिसमें कुछ छात्रों ने हिजाब पहना था। बुधवार को सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में छात्रों के एक समूह ने सौहार्द और धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए एक नाटक का आयोजन किया। छात्रों ने विभिन्न समुदायों के सदस्यों का प्रतिनिधित्व किया और उनसे जुड़े कपड़े पहने।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कुछ लड़कियों ने हिजाब पहना था। दिन शांतिपूर्ण तरीके से बीत गया लेकिन गुरुवार को तब हंगामा मच गया जब नाटक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। खुद को अखंड हिंदू स्वाभिमान संगठन का अध्यक्ष बताने वाले मनीष राय ने ग्रामीणों के एक समूह का नेतृत्व करते हुए स्कूल परिसर में जाकर प्रिंसिपल और शिक्षकों के खिलाफ नारे लगाए।
प्रदर्शनकारियों ने उन पर हिंदू छात्रों को हिजाब पहनाकर उनके धर्म के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाया। किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए पुलिस की एक टीम को तैनात करना पड़ा।
स्कूल के एक कर्मचारी ने कहा, "हां, जब गांव के लोग और संगठन के सदस्य परिसर में घुसे और हंगामा किया तो हम घबरा गए। हमने पुलिस को बुलाया और एक टीम गांव वालों को शांत करने के लिए स्कूल पहुंची। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों को उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कहीं और स्थानांतरित किया जाए।"
प्रधानाचार्य प्रवीण गुलिया ने संगठन के सदस्यों को समझाने की कोशिश की और कहा कि स्कूल ने केवल एक बहु-धर्म कार्यक्रम आयोजित किया था और छात्रों ने शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए हिजाब पहनाया था।
समझाने के बाद भी विरोध और हंगामा बंद नहीं हुआ। गुलिया द्वारा माफी मांगने और स्कूल परिसर में कभी भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित न करने का वादा करने के बाद ही प्रदर्शनकारी वहां से गए।
अमर उजाला ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड मंत्री रोहताश, उपाध्यक्ष मुकेश तुषीर, सतीश तुषीर, अशोक गौतम, जिला बजरंग दल के संयोजक जगबीर दूहन, मनीष राई ने कहा कि छात्राओं को धर्म विशेष की पोशाक पहनाना गलत है। इससे छात्राओं को धर्म परिवर्तन की तरफ आकर्षित करना है।
सरपंच रामेश्वर कौशिक ने कहा कि पंचायत इस मामले में संगठनों के साथ है। खंड शिक्षा अधिकारी जितेंद्र व प्राचार्य ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां स्कूल में आगे नहीं कराई जाएंगी। किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की किसी की मंशा नहीं थी।
दैनिक ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि, शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूलों में कराए जाने वाले कार्यक्रमों का कैलेंडर जारी किया था। कैलेंडर के अनुसार ही सितंबर में ईद के उपलक्ष्य में स्कूलों में गतिविधियां कराई जानी है। स्कूल मेें 11 सितंबर को बडौली गांव के सरकारी स्कूल में छात्राओं ने लघु नाटिका का मंचन किया गया। इसमें भाग लेने वाली मुस्लिम समुदाय की छात्राओं ने हिजाब बनकर अपनी प्रस्तुति दी थी जिसमें उन्होंने ईद के बारे में बताया था। स्कूल में यह कार्यक्रम शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ था। स्कूल प्राचार्य प्रवीण का कहना है कि कार्यक्रम आयोजित करने के पीछे लक्ष्य विद्यार्थियों को सर्व धर्म के बारे में जानकारी देना था। कार्यक्रम भी शिक्षा विभाग के जारी कैलेंडर के अनुसार ही कराया गया है।"
सोनीपत के जिला शिक्षा अधिकारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि नाटक का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था और उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "हम घटना पर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और इसे जल्द ही सरकार को भेज देंगे।"