ऑस्ट्रेलिया में अडानी को कारमाइकल खदान के प्रोजेक्ट में बहुत बड़ा नुकसान होने जा रहा है. अडाणी समूह ऑस्ट्रेलिया में कोयला खदान, रेलवे और बंदरगाह परियोजना पर 3.3 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर चुका है और उसे इस प्रोजेक्ट के लिए मोदी जी ने भारतीय स्टेट बैंक से 6200 करोड़ का लोन दिलवाया था. वह भी तब जब 6 अंतराष्ट्रीय बैंकों ने इस प्रोजेक्ट को पर्यावरण को खतरा बताते हुए फाइनेंस करने से मना कर दिया था. यह विदेशी धरती पर किये जाने वाले प्रोजेक्ट के लिए आज तक का सबसे बड़ा लोन था.
जिस वक्त यह लोन दिलवाया गया था उसी वक्त जन धन योजना भी शुरू की गयी थी. उसी में जमा पैसों से स्टेट बैंक से यह लोन दिया है जो अब डूबने की कगार पर आ गया है.
दरअसल अडाणी की रेल लाइन परियोजना के तहत ऑस्ट्रेलिया में उसकी कारमाइकल खदान से लेकर ऐबट प्वाइंट स्थित अडाणी के स्वामित्व एवं उसके द्वारा परिचालित थोक कोयला लदान प्रतिष्ठान तक करीब 400 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की योजना थी जिसके वित्त पोषण के लिए चीन के 2 सबसे बड़े सरकारी बैंकों ने लोन देने से मना कर दिया था. बैंक का दावा है कि वह ग्रीन फाइनेंसिंग के लिए प्रतिबद्ध है और इसे अहमियत देता है अन्य अंतराष्ट्रीय बैंक और वित्तीय संस्थान पहले ही लोन देने से मना कर चुके हैं.
Two China banks refuse loan to Adani’s mine project in Australia, says report
अडानी को आखिरी उम्मीद आस्ट्रेलिया की सरकार से थी 4 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने भी 400 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के प्रोजेक्ट को फाइनेंस करने से साफ इंकार कर दिया है.
इस निर्णय को ऑस्ट्रेलिया में अडानी के प्रोजेक्ट के लिए ताबूत में आखिरी कील माना जा रहा है. भारत में अडानी का विभिन्न बैंको का करीब 96,031 करोड़ का लोन बाक़ी है.
यह प्रोजेक्ट यदि डूबता है तो भारत पूरे देश की अर्थव्यवस्था ही खतरे में आ जायेगी. क्योंकि अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप पर भी लगभग 1, 21, 000 करोड़ का बैड लोन है और चाइना डेवेलपमेंट बैंक (CDB) ने अनिल अंबानी की कंपनी आर- कॉम के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी का केस दर्ज करा दिया हैं. पढ़ें- CDB drops insolvency proceedings against RCom
रूइया के एस्सार ग्रुप की कंपनियों पर 1, 01,461 करोड़ का लोन बक़ाया है. जिसे वसूलने के असफल प्रयास किये जा रहे हैं, इन तथ्यों के आलोक में आप नीरव मोदी के पीएनबी घोटाले को रखकर देखिए तो आप समझ जाएंगे कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक हालत क्या है.
(लेखक पत्रकार हैं. यह आर्टिकल उनकी फेसबुक वॉल से साभार प्रकाशित किया गया है.)
जिस वक्त यह लोन दिलवाया गया था उसी वक्त जन धन योजना भी शुरू की गयी थी. उसी में जमा पैसों से स्टेट बैंक से यह लोन दिया है जो अब डूबने की कगार पर आ गया है.
दरअसल अडाणी की रेल लाइन परियोजना के तहत ऑस्ट्रेलिया में उसकी कारमाइकल खदान से लेकर ऐबट प्वाइंट स्थित अडाणी के स्वामित्व एवं उसके द्वारा परिचालित थोक कोयला लदान प्रतिष्ठान तक करीब 400 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की योजना थी जिसके वित्त पोषण के लिए चीन के 2 सबसे बड़े सरकारी बैंकों ने लोन देने से मना कर दिया था. बैंक का दावा है कि वह ग्रीन फाइनेंसिंग के लिए प्रतिबद्ध है और इसे अहमियत देता है अन्य अंतराष्ट्रीय बैंक और वित्तीय संस्थान पहले ही लोन देने से मना कर चुके हैं.
Two China banks refuse loan to Adani’s mine project in Australia, says report
अडानी को आखिरी उम्मीद आस्ट्रेलिया की सरकार से थी 4 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने भी 400 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के प्रोजेक्ट को फाइनेंस करने से साफ इंकार कर दिया है.
इस निर्णय को ऑस्ट्रेलिया में अडानी के प्रोजेक्ट के लिए ताबूत में आखिरी कील माना जा रहा है. भारत में अडानी का विभिन्न बैंको का करीब 96,031 करोड़ का लोन बाक़ी है.
यह प्रोजेक्ट यदि डूबता है तो भारत पूरे देश की अर्थव्यवस्था ही खतरे में आ जायेगी. क्योंकि अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप पर भी लगभग 1, 21, 000 करोड़ का बैड लोन है और चाइना डेवेलपमेंट बैंक (CDB) ने अनिल अंबानी की कंपनी आर- कॉम के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी का केस दर्ज करा दिया हैं. पढ़ें- CDB drops insolvency proceedings against RCom
रूइया के एस्सार ग्रुप की कंपनियों पर 1, 01,461 करोड़ का लोन बक़ाया है. जिसे वसूलने के असफल प्रयास किये जा रहे हैं, इन तथ्यों के आलोक में आप नीरव मोदी के पीएनबी घोटाले को रखकर देखिए तो आप समझ जाएंगे कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक हालत क्या है.
(लेखक पत्रकार हैं. यह आर्टिकल उनकी फेसबुक वॉल से साभार प्रकाशित किया गया है.)