बनारस की गंगा-जमुनी तहज़ीब की एक और मिसाल है ‘अनार वाली मस्जिद’। आपको शायद सुनने में अजीब लगे कि आज के इस नफ़रती माहौल में भी इस मस्जिद की देखभाल, सफ़ाई और सुरक्षा का काम एक हिंदू समाज के बेचन यादव करते हैं। ये मस्जिद बनारस के चौक थाने के क़रीब चौखम्बा में स्थित है। सीजेपी की टीम सच्चाई जानने के लिए चौखम्बा गई। मस्जिद को देखा और देखभाल करने वाले बेचन यादव से बातचीत की।
बनारस की तंग गलियों में स्थित ये ‘अनार वाली मस्जिद’ आज भी गुलज़ार है। बनारस जो हिंदू धर्म का पवित्र स्थान माना जाता है यहां एक मस्जिद और इसके बगल में एक बाबा की मज़ार है। मस्जिद के आंगन में बैठे 72 वर्षीय बाबा बेचन यादव ने मुलाकात के दौरान बताया कि ये ‘अनार वाली मस्जिद’ लगभग 700 साल पुरानी है। पचास साल से ये स्वयं इस मस्जिद की देखभाल कर रहे हैं। इसके पहले इनके पिताजी देखभाल किया करते थे। बचपन में बेचन अपने पिता के साथ मस्जिद आया करते थे। जब ये पूछा गया कि आपके बाद क्या होगा तो कहने लगे कि उनके पांच बेटों में जो सबसे छोटा है वो मस्जिद की देखभाल करेगा।
एक सनातनी हिंदू धर्म के मानने वाले बेचन यादव सिर्फ देखभाल ही नहीं बल्कि रोज मस्जिद में झाड़ू लगाने व धुलाई करने का काम स्वयं करते हैं। लोग इन्हें बाबा कह कर बुलाते हैं। बाबा का कहना है कि “ईश्वर अल्लाह सब एक ही है कोई अलग अलग नहीं है। कोई हिंदू हो या मुसलमान सब समान है”। बातचीत के बीच में वो आगे कहते हैं कि “एक व्यक्ति गलत काम करता है तो सारे धर्म को बदनाम किया जाता है ये गलत है”।
ये पूछने पर कि वो मस्जिद में कितने समय रहते है तो कहने लगे कि “मैं यहां साल के 12 महीने रहता हूँ मेरा बेटा सुबह शाम खाना ले आता है। मैं वही खाता हूँ”।
बाबा से मिलने सभी धर्म के लोग आते हैं। मस्जिद में नमाज़ पढ़ी जाती है, जुमे के दिन ज्यादा लोग नमाज़ के लिए आते हैं। बाबा ने बताया कि जुमेरात के दिन बगल की मज़ार में बहुत लोग आते हैं, जिसमें हिंदू और मुसलमान दोनों होते हैं।
आज के हालात पर सवाल करने पर कहने लगे कि इस देश को आज़ाद करने में हिंदू-मुस्लिम दोनों ने अपना खून बहाया और मैं चाहता हूँ कि सब लोग मिलजुल कर रहें। मैं किसी भगवान या अल्लाह को नहीं मानता। मैं सबको मानता हूँ मेरे पास एक बार बीजेपी के कुछ लोग आए थे और मुझसे कहने लगे कि तुम हिंदू होकर यहां मुस्लिम धर्म की मस्जिद की देखभाल करते हो। तो मैंने कहा मेरा धर्म बस इंसानियत है। अल्लाह-भगवान सब एक है। जो मेरी देखभाल करता है वही मेरा भगवान है।
बाबा के पास एक बकरा भी दिखायी दिया तो हमलोगों ने पूछा कि ये किसका है? तो उन्होंने बताया यह बहुत छोटा सा बच्चा था कहीं से आकर मेरे पास रहने लगा और मैंने इसको पाला और इस वक्त इतना बड़ा हो गया कि बहुत सारे लोग आते हैं और कहते है कि बेच दीजिए। मैंने उनसे कहा नहीं मैंने इसको काटने के लिए नहीं पाला है।
बाबा से जब टीम ने पूछा कि बारिश होती है तो क्या यहीं रहते हैं तो उन्होंने कहा कि हम यहीं रहते हैं, घर नहीं जाते हैं। मेरे बच्चे मुझसे यहां मिलने यहां आते हैं, वे खाना वगैरह भी लेकर आते हैं। उनके खाने के बारे में पूछने पर वे कहते हैं हमेशा सादा खाना खाते हैं। वे आगे कहते हैं कि देश विदेश से लोग यहां आते रहते हैं।
मस्जिद के निर्माण के बारे में पूछे जाने पर बाबा ने कहा कि ये सात-आठ सौ साल पुराना है। उन्होंने कहा कि ये पीढ़ी दर पीढ़ी चल रहा है। वे आगे कहते हैं कि हिंदू-मुसलमान राजनीतिक मामला है। कभी इधर बवाल तो कभी उधर बवाल। यही सब हो रहा है। ये कलयुग है, इसमें यही सब चलेगा। हम अपने विचार से चलते हैं। हमको इसमें खुशी मिलती है। हमें हर समाज के घर जाने में खुशी होती है। हर कोई इज़्ज़त करता है। उन्होंने बंगाल की रेप की घटना पर सख़्त नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि यह गलत हुआ है। वे आगे कहते हैं कि हम किस नज़र से किसको देख रहे हैं ये हमारा कर्तव्य है। क़ल्ब साफ़ है तो हर चीज़ साफ़ है। करता एक है मारा जाता है सब। एक मुसलमान ग़लत करता है तो सारा मुसलमान निशाने पर आता है, एक हिंदू गलत किया तो सब हिंदू निशाने पर।
आखिर में बाबा ने गांधी जी का एक भजन सुनाया-‘ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान’ यह दोहा हर इंसान को याद रखना चाहिए ये गांधी जी ने कहा था। आज हमारा कहना है कि बनारस वाले गंगा जमुनी तहज़ीब न भूलें और सब लोग मिल जुल कर रहें।