फेक न्यूज से प्रोपोगैंडा फैलाती बीजेपी की आईटी सेल का भांडाफोड़

Written by Mohd Zahid | Published on: March 12, 2018
करीब 1-1.5 साल पहले अपने एक हिन्दू मित्र के साथ मैं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इलाहाबाद मुख्यालय "ज्वाला देवी इंटर कालेज" गया था, मेरे उस मित्र को वहाँ किसी से मिलना था, हम जैसे ही उस कालेज के गेट को पार किए मैंने अपने मित्र से मेरी पहचान छुपाने के लिए कही और वहाँ किसी को भी मेरा परिचय हिन्दू नाम से ही कराने का निवेदन किया।


हम वहाँ के मुख्य आफिस पहुंचे जहाँ पहले से ही 5-6 लोग मौजूद थे, मेरे मित्र के जानने वाले भी थोड़ी देर में वहाँ आ गये और मेरे मित्र को जो काम था उसके बारे में वह बातचीत करने लगे और मैं वहाँ की गतिविधियों को ताड़ने लगा, मेरे मित्र को किसी से मेरा झूठा परिचय कराने की आवश्यकता भी नहीं पड़ी।

काम की चर्चा के बाद वहाँ उपस्थित लोगों से आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में बात हुई और फिर राजनीति से होते हुए मुसलमानों के विरुद्ध चर्चा प्रारंभ हो गयी, मेरा मित्र थोड़ा असहज हुआ तो मैंने उसे इशारे से चुप रहने को कहा।

सोशलमीडिया पर और वेबसाईट्स पर मुसलमानों और इस्लाम के विरुद्ध जितने भी शब्द, किस्से कहानी मैंने सुने सब वहाँ चुपचाप बैठा सुनता रहा।

करीब 1 घंटे बैठने के बाद एक 25 साल का चड्ढीधारी लड़का चाय लेकर आया तो उसकी नज़र मुझ पर टिक गयी, वो तपाक से बोला कि आप "मोहम्मद ज़ाहिद" हैं ? मैं और मेरा मित्र थोड़ा सकपकाए और मुझसे अधिक असहज स्थिति वहाँ मुसलमान और इस्लाम विरोधी चर्चा करने वाले लोगों की थी।

मैंने पूछा कि आप मुझे कैसे जानते हैं ? वह बोला कि संघ और भाजपा की साईबर सेल का शायद ही कोई हो जो आपको ना जानता हो ? आपको लेकर यहाँ रणनीति बनती है, साईबर सेल के लोगों की ड्यूटी आपकी वाल पर लगाई जाती है और आपकी वैसी पोस्ट ढूंढी जाती है जिस पर मास रिपोर्टिंग कर के आपकी आईडी बंद कराई जा सके।

फेसबुक और व्हाट्सअप ग्रुप में आपके प्रोफाईल के लिंक रिपोर्ट करने के लिए हमेशा आते ही रहते हैं।

चुंकि मेरे वह मित्र इलाहाबाद के असरदार व्यक्ति हैं तो वहाँ उपस्थित लोगों का मेरी पहचान जानकर भी मेरे प्रति प्रेम पूर्वक ही व्यवहार था और उसमें से कोई एक बोला कि जहाँ निजी संबन्ध होते हैं वहाँ हम दिल में मैल नहीं रखते।

मैं उस लड़के के साथ कमरे से बाहर आ गया और पूछा कि क्या यहाँ भी वह साईबर सेल है ? बोला आईए ले चलते हैं, और वह मुझे एक कमरे में ले गया जहाँ 25-30 कंप्यूटर और उस समय 10-15 लड़के अलग अलग ब्रोज़र से एक कंप्यूटर पर 5-6 फेसबुक आईडी आपरेट कर रहे थे, सबके सामने 3-4 मोबाईल भी था और उन सब मोबाईल पर भी फेसबुक प्रोफाईल खुली हुई थी।

कहने का अर्थ यह है कि एक लड़का कम से कम 8-10 फेसबुक एकाउंट आपरेट कर रहा था। किसी की वाल पर लगातार विषय भटकाने वाले कमेन्ट तो किसी की वाल पर मुस्लिमों के खिलाफ जहर उगलती टिप्पणी।

देश के हर शहर, हर महानगर, हर कस्बे में मौजूद भाजपा की आईटी सेल की यही स्थिति है, सोचिगा कि प्रोपगंडा फैलाने का कितना बड़ा जाल संघ और भाजपा ने बना रखा है।

खैर
मुझे उस कमरे में भी एक दो लड़कों ने पहचाना, मैं वहाँ 10 मिनट सब देखा और सब खेल समझ कर वापस मित्र के पास आकर बैठ गया, फिर हम अपने मित्र के साथ वहाँ से वापस आ गये।

मेरा मित्र वहाँ हुई मुस्लिम और इस्लाम विरोधी बातचीत से थोड़ा असहज दिख रहा था, मैंने कहा कि अरे यार मस्त रहो, हम मुसलमानों को इस सबकी आदत पड़ चुकी है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दो महीने पहले मुझे भगवा गिरोह की तरफ से उनके दिये विषय और कंटेन्ट पर लिखने के लिए ₹50 हजार प्रतिमाह का आफर मिला, मैंने उत्सुकतावस पूछा कि लिखना क्या है क्युंकि भाजपा और संघ के पक्ष में तो मैं लिखूंगा नहीं ?

तो यह बताया गया कि आप ओवैसी के पक्ष में लिखिए, उनके भड़काऊ विडियो शेयर कीजिए, अकबरुद्दीन ओवैसी वाला वीडियो शेयर करिए, ओवैसी के पक्ष में भड़काऊ पोस्ट लिखिए, आपकी आईडी की ज़िम्मेदारी मेरी, यह कभी ब्लाक नहीं होगी, उसने मुझे बताया कि मुस्लिम नाम की सैकड़ों "पठान" इत्यादि नाम की फेक आईडी से ओवैसी के पक्ष में हम तो लिखवाते ही हैं, चुंकि आपकी फेसबुक पर एक विश्वसनीयता है इसलिए आपसे बात कर रहा हूं।

मैंने डाँट दिया तो मेरे पास इस दो महीने के लिए 2 लाख रुपये देने का आफर प्राप्त हुआ जिसे मैंने अस्विकार कर दिया, उस उत्तर प्रदेश की विधानसभा चुनाव में मैंने ओवैसी का भरपूर और तिव्र विरोध किया जिससे संघ की ओवैसी के सहारे हिन्दू मतों के ध्रुवीकरण की योजना विफल करने में कुछ प्रयास कर सकूं।

फिर उत्तर प्रदेश सरकार बनने के पहले और योगी का नाम फाईनल होते ही मुझे "ज़ाकिर त्यागी" की तरह फँसाने का काम किया गया जिसमें मैं अपने संपर्क सूत्रों के सहयोग से बच निकला, यह बात मेरे करीबी मित्र और खास फेसबुक मित्र अच्छी तरह जानते हैं।

कल भाजपा आईटी सेल के लिए 3 साल काम कर चुके "जगदीश" को "अवि डांडिया" और "ध्रुव राठी" सामने लेकर आए और संघ तथा भाजपा की साजिश का भंडाफोड़ कर दिया।

अवि डांडिया 



ध्रुव राठी



उसका यह वाक्य कड़वा सच है कि

"भाजपा और संघ की आईटी सेल ने देश का वह नुकसान कर दिया जितना कि पाकिस्तान 4 बार देश पर आक्रमण करके भी नहीं कर सकता।"

भाजपा आईटी सेल के सुपर-150 के 150 लोग सीधे देश के प्रधानंमत्री और भाजपा अध्यक्ष के साथ संपर्क में रहते हैं, प्रोपगंडा करने का एजेन्डा तय करते हैं और यही 150 लोग देश की सभी भाजपा आईटी सेल को संचालित करते हैं।

लाखों फालोवर वाली फेक आईडी और भारतीय सेना तथा सेलेब्रीटी के नाम की करोड़ों फालोवर वाली फेक पेज से इस भारत में कैसे इस्लाम और मुसलमान विरोधी झूठा प्रोपगंडा फैलाया जाता है यह जगदीश ने सारा कच्चा चिट्ठा खोल कर रख दिया। इस खेल में फेसबुक और मार्क जुगरबर्ग तक शामिल हैं।

महत्वपुर्ण बात यह है कि आईबी, एनआईए, सीबीआई, और तमाम खूफिया एजेन्सीज़, देश में ज़हर घोलने के इस काम को जानने के बावजूद चुप हैं।

आप सब खुद देखिए और मुसलमान सोचें कि वह कितने बेखबर हैं।

लेखक सोशल मीडिया एक्टिविस्ट हैं.. यह उन्होंने अपना निजी अनुभव साझा किया है.

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