यह चौंकाने वाला मामला उत्तर प्रदेश में बढ़ती हिंसा और कानून-व्यवस्था की कमी को उजागर करता है, जिससे जवाबदेही और कानून-व्यवस्था की मांगें तेज हो रही हैं।
साभार : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स
उत्तर प्रदेश के अमेठी में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है, जहां भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाके में कुछ अज्ञात हमलावरों ने एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक, उनकी पत्नी और उनके दो बच्चों सहित एक दलित परिवार के चार सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गोलीबारी से इलाके में दहशत फैल गई। अपराध की गंभीरता को देखते हुए लखनऊ जोन के एडीजी एसबी शिरडकर और अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अमेठी पहुंचे। मामले को जल्दी सुलझाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की एक स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को लगाया गया है।
मृतकों की पहचान 35 वर्षीय सुनील कुमार, उनकी 33 वर्षीय पत्नी पूनम भारती और उनकी दो नाबालिग बेटियों, 5 वर्षीय दृष्टि और 18 महीने की मिक्की के रूप में हुई है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेठी के एसपी अनूप सिंह ने गोलीबारी की पुष्टि करते हुए कहा कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि सुनील कुमार की पत्नी पूनम भारती ने 18 अगस्त को रायबरेली में कथित तौर पर पीछा करने और छेड़छाड़ के लिए चंदन वर्मा नामक एक व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी।
उन्होंने कहा कि दलितों के खिलाफ अत्याचार के लिए एससी/एसटी एक्ट की धाराओं के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। एफआईआर में पूनम ने आरोपियों द्वारा हत्या किए जाने की आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था कि अगर उनके और उनके पति के साथ कोई अप्रिय घटना हुई, तो इसके लिए चंदन वर्मा जिम्मेदार होगा।
मृतक रायबरेली के गदागंज थाना क्षेत्र के सुदामापुर गांव के मूल निवासी थे। एसपी ने कहा, "हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या इस विवाद का अपराध से कोई संबंध है।"
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुमार और उनका परिवार पिछले तीन महीनों से मुन्ना द्विवेदी नामक व्यक्ति के किराए के मकान में रह रहे थे। अमेठी के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपराध भवानी नगर चौराहे के पास हुआ, जब हमलावरों के एक समूह ने पनहोना प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक सुनील कुमार के घर में घुसकर अंधाधुंध गोलीबारी की।
मार्च 2021 में शिक्षक की नौकरी पाने वाले कुमार पनहोना प्राथमिक विद्यालय में तैनात थे। पुलिस ने कहा कि दंपति के शव एक पानी के नल के पास पाए गए और परिस्थितियों से पता चलता है कि दोनों ने हमलावरों को अपने घर के अंदर देखकर भागने और खुद को बचाने की कोशिश की, जबकि दोनों बच्चों के गोली से छलनी शव एक कमरे के अंदर मिले।
पुलिस ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है और हमलावरों को गिरफ्तार करने के लिए कई टीमें गठित की गई हैं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस घटना पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अमेठी के सांसद किशोरी लाल शर्मा से बातचीत की और कहा कि हम पीड़ित दलितों के साथ हैं, और आप उन्हें न्याय दिलाने में जुटिए। यदि न्याय नहीं मिला, तो मैं खुद पीड़ित के लिए आऊंगा।
वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने भी इस घटना पर गुस्सा जाहिर करते हुए सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की बात कही।
बसपा नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "यूपी के अमेठी जिले में एक दलित परिवार के चार लोगों की निर्मम हत्या की घटना अति-दुखद और चिंताजनक है। सरकार दोषियों और वहां के पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए ताकि अपराधी बेखौफ न रहें।"
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "कोई है? कहीं है?" इसके साथ उन्होंने हैशटैग के साथ लिखा, "नहीं चाहिए भाजपा।"
साभार : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स
उत्तर प्रदेश के अमेठी में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है, जहां भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाके में कुछ अज्ञात हमलावरों ने एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक, उनकी पत्नी और उनके दो बच्चों सहित एक दलित परिवार के चार सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गोलीबारी से इलाके में दहशत फैल गई। अपराध की गंभीरता को देखते हुए लखनऊ जोन के एडीजी एसबी शिरडकर और अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अमेठी पहुंचे। मामले को जल्दी सुलझाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की एक स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को लगाया गया है।
मृतकों की पहचान 35 वर्षीय सुनील कुमार, उनकी 33 वर्षीय पत्नी पूनम भारती और उनकी दो नाबालिग बेटियों, 5 वर्षीय दृष्टि और 18 महीने की मिक्की के रूप में हुई है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेठी के एसपी अनूप सिंह ने गोलीबारी की पुष्टि करते हुए कहा कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि सुनील कुमार की पत्नी पूनम भारती ने 18 अगस्त को रायबरेली में कथित तौर पर पीछा करने और छेड़छाड़ के लिए चंदन वर्मा नामक एक व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी।
उन्होंने कहा कि दलितों के खिलाफ अत्याचार के लिए एससी/एसटी एक्ट की धाराओं के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। एफआईआर में पूनम ने आरोपियों द्वारा हत्या किए जाने की आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था कि अगर उनके और उनके पति के साथ कोई अप्रिय घटना हुई, तो इसके लिए चंदन वर्मा जिम्मेदार होगा।
मृतक रायबरेली के गदागंज थाना क्षेत्र के सुदामापुर गांव के मूल निवासी थे। एसपी ने कहा, "हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या इस विवाद का अपराध से कोई संबंध है।"
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुमार और उनका परिवार पिछले तीन महीनों से मुन्ना द्विवेदी नामक व्यक्ति के किराए के मकान में रह रहे थे। अमेठी के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपराध भवानी नगर चौराहे के पास हुआ, जब हमलावरों के एक समूह ने पनहोना प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक सुनील कुमार के घर में घुसकर अंधाधुंध गोलीबारी की।
मार्च 2021 में शिक्षक की नौकरी पाने वाले कुमार पनहोना प्राथमिक विद्यालय में तैनात थे। पुलिस ने कहा कि दंपति के शव एक पानी के नल के पास पाए गए और परिस्थितियों से पता चलता है कि दोनों ने हमलावरों को अपने घर के अंदर देखकर भागने और खुद को बचाने की कोशिश की, जबकि दोनों बच्चों के गोली से छलनी शव एक कमरे के अंदर मिले।
पुलिस ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है और हमलावरों को गिरफ्तार करने के लिए कई टीमें गठित की गई हैं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस घटना पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अमेठी के सांसद किशोरी लाल शर्मा से बातचीत की और कहा कि हम पीड़ित दलितों के साथ हैं, और आप उन्हें न्याय दिलाने में जुटिए। यदि न्याय नहीं मिला, तो मैं खुद पीड़ित के लिए आऊंगा।
वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने भी इस घटना पर गुस्सा जाहिर करते हुए सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की बात कही।
बसपा नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "यूपी के अमेठी जिले में एक दलित परिवार के चार लोगों की निर्मम हत्या की घटना अति-दुखद और चिंताजनक है। सरकार दोषियों और वहां के पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए ताकि अपराधी बेखौफ न रहें।"
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "कोई है? कहीं है?" इसके साथ उन्होंने हैशटैग के साथ लिखा, "नहीं चाहिए भाजपा।"