कोरोना का कहर: केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के गांव में दो हफ्ते में 30 से ज्यादा मौतें

Written by Sabrangindia Staff | Published on: May 17, 2021
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के पैतृक गांव बापोड़ा में पिछले दो हफ्तों में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह जानकारी गांव के सरपंच ने रविवार को दी। असामान्य रूप से इतनी ज्यादा संख्या में हुई मौतों ने यह चिंता पैदा कर दी है कि इसका कारण कोविड​​​​-19 महामारी हो सकती है।



बापोड़ा के ग्राम प्रधान नरेश ने कहा, ‘’पिछले दो हफ्तों के दौरान गांव में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। उनमें से कई बुजुर्ग थे, मरने वालों में तीन की जांच रिपोर्ट में कोविड-19 की पुष्टि हुई थी।’’

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, ‘‘उन्हें (मरने वाले लोगों को) बुखार और खांसी जैसे लक्षण थे, लेकिन उन्होंने (ज्यादातर ने) जांच नहीं कराई। इसलिए, उनकी मौत के पीछे का असली कारण अज्ञात है।’’ उन्होंने कहा कि कई ग्रामीण कोविड-19 टेस्ट नहीं कराना चाहते।

ग्राम प्रधान ने कहा कि हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए गांव में जांच और स्क्रीनिंग तेज कर दी है। सरपंच ने कहा कि बापोड़ा को ‘‘फौजियों के गांव’’ के रूप में भी जाना जाता है और यह केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह का पैतृक गांव भी है। नरेश ने कहा कि राज्य सरकार टीकाकरण शिविर भी लगा रही है और हाल में लगाए गए एक शिविर को ग्रामीणों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली।
 
पिछले महीने रोहतक के टिटोली गांव में 21 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि इनमें से केवल चार की मौत संक्रमण के कारण होने की पुष्टि हुई थी। हाल के हफ्तों में भिवानी के मुंधल खुर्द और मुंधल कलां गांवों में भी लगभग 40 मौतें होने की खबरें आई थीं। इस तरह की घटनाओं पर विपक्ष ने मांग की थी कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 जांच बढ़ाई जानी चाहिए। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 की समस्या से निपटने के लिए एक कार्यबल गठित करने की मांग की थी।

 

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