इतिहास

October 2, 2021
यह सर्वविदित है कि महात्मा गांधी ने विभिन्न धार्मिक ग्रंथों के अंशों का पाठ करते हुए एक सर्वधर्म प्रार्थना के साथ बैठकें शुरू कीं। गांधी सांप्रदायिक सद्भाव के विचार में दृढ़ विश्वास रखते थे। बचपन से ही, जब उनके बचपन में पिता ने उनका पालन-पोषण किया, तो उन्हें अपने पिता के दोस्तों को सुनने का अवसर मिला, जो इस्लाम और पारसी सहित विभिन्न धर्मों से संबंधित थे, अपने धर्मों के बारे में बात करते थे।...
September 17, 2021
बड़े पैमाने पर हंगामे के बाद विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त दो सदस्यीय समिति द्वारा इस पाठ्यक्रम की समीक्षा की सिफारिश की गई है   यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि केरल के कन्नूर विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता सावरकर के “हिंदुत्व: कौन एक हिंदू है”, और गोलवलकर के “बंच ऑफ थॉट्स” और “वी ऑर अवर नेशनहुड डिफाइंड”, दीनदयाल उपाध्याय के...
September 5, 2021
‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने से पहले कुछ खास बातों को जरूर जान लेना चाहिए। एक यह कि भारत पांच हजार साल पुरानी सभ्यता है। दूसरा कि यह कोई पहली विभीषिका नहीं है। महाभारत की विभीषिका हुई। हमारी पुरानी कथाओं के मुताबिक 120 करोड़ लोग इसमें मारे गए। द्रोपदी के कपड़े उतारे गए। सीता का अपहरण हुआ। द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा कटवाया। गांधी जी की हत्या की गई। दलितों और अल्पसंखयकों के...
August 30, 2021
हसरत मोहानी: कवि और दूरदर्शी हसरत मोहानी एक सच्चे मनमौजी व्यक्ति थे। 1908 में उन्होंने अपनी उर्दू पत्रिका, उर्दू-ए-मुल्ला (परिसंचरण 500) में एक गुमनाम लेख प्रकाशित किया, जिसमें शिक्षा के संबंध में मिस्र में ब्रिटिश औपनिवेशिक नीति की कड़ी आलोचना की गई थी। भारत में अधिकारियों ने तुरंत उन पर "देशद्रोह" का आरोप लगाया। लेखक के नाम का खुलासा करने से इनकार करते हुए, उन्होंने लेख की पूरी...
August 11, 2021
भारत की आजादी के लिए जिन क्रांतिकारियों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए उनमें एक नाम है खुदीराम बोस का। जिस उम्र में युवा अपने भविष्य को लेकर सपने बुनता है उस उम्र यानि महज 18 साल की आयु में खुदीराम बोस खुशी-खुशी फांसी के फंदे पर झूल गए थे, वो भी सिर्फ देश की आजादी के लिए। 1908 में आज ही के दिन खुदीराम बोस को अंग्रेज सरकार ने फांसी की फंदे पर लटका दिया था। 1889 को बंगाल के मिदनापुर जिले में पैदा...
August 3, 2021
मुग़ल शासकों की वंशावली में सबसे विवादस्पद नाम औरंगज़ेब का रहा. हिन्दू दक्षिण पंथी उसे शैतान मानता है और मुस्लिम दक्षिण पंथी उसे फ़रिश्ता कहता है. ये एक्शन और रिएक्शन की तरह है. एक ने जितना उसे सूली पर चढ़ाया , उतना ही दूसरे ने उसे पहुंचा हुआ वली ठहराया। हक़ीक़त ये है कि औरंगज़ेब वली तो ज़रा भी नहीं था लेकिन हिंदुत्व वादी जो उसे मूर्ति भज्जक कहते हैं और हिन्दुओं पर ज़ुल्म करने वाला बताते हैं वो भी...
August 1, 2021
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान से संबंधित जमीन प्रकरण में शुक्रवार को शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव ने उपासना स्थल अधिनियम संबंधी जवाब दाखिल नहीं किया। उनको वादी के प्रत्युत्तर में जवाब दाखिल करना था। उधर, प्रतिवादियों में से एक सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अदालत में अभी तक हाजिर नहीं हुए हैं। अदालत ने वादी को इस संबंध में पैरवी करने के निर्देश दिए और अगली सुनवाई 16 अगस्त की तय कर दी है...
July 31, 2021
मस्जिद प्राधिकरण के महासचिव एसएम यासीन ने और जमीन सौंपने की अफवाहों को खारिज किया    वाराणसी की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा ज्ञान वापी मस्जिद- काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के सर्वेक्षण की अनुमति देने के ठीक तीन महीने बाद, मस्जिद चलाने वाली समिति ने ट्रस्ट को मंदिर गलियारा परियोजना के लिए जमीन का एक टुकड़ा सौंप दिया है।     सबरंगइंडिया से बात करते...
July 22, 2021
खेती-किसानी का हमेशा से प्रकृति से एक घनिष्ठ संबंध रहा है तो लोकगीतों का आदिवासी संस्कृति और परंपरा में अपना अलग महत्व हैं। सामाजिक सांस्कृतिक वातावरण से घनिष्ठ जुड़ाव लोकगीतों की एक प्रमुख विशेषता रही है। यह जुड़ाव ही है जो श्रोताओं के मस्तिष्क पटल पर गहराई से छाप छोड़ता है और जिसमें श्रोतागण अपने सुख-दुःख के अनुभव की गाथा को टटोलने का प्रयास करते हैं। प्रायः अन्नदाता वर्ग की मनःस्थिति कृषिगत...
June 29, 2021
उर्दू मुख्यतः अशराफ मुस्लिमों की भाषा रही है। जिसे वो अपने राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए पूरे मुसलमानो की भाषा बना कर प्रस्तुत करता है, जबकि पसमांदा की भाषा क्षेत्र विशेष की भाषाएं, अपभ्रंश भाषाएं एवं बोलियाँ रही हैं। अशराफ अपनी इस नीति में कामयाब भी रहा है और आज भी पसमांदा की एक बड़ी आबादी उर्दू से अनभिज्ञ होने के बाद भी उर्दू को ही अपनी भाषा बताती है, यहाँ तक कि कर्नाटक के कन्नड़ भाषी पसमांदा...