कानून का बोलबाला
November 20, 2025
“हम इस केस में भारी मन से बरी होने का आदेश दे रहे हैं... प्रॉसिक्यूशन यह आरोप साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है कि अपीलकर्ता ने सह-आरोपियों के साथ मिलकर बस में बम धमाका करने की साजिश रची, जिससे बड़ी संख्या में लोगों की जान गई, यात्री घायल हुए और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा।”
साभार : एचटी
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि जांच के दौरान पुलिस द्वारा रिकॉर्ड किया गया...
November 12, 2025
अदालत ने बताया — 1955 का कानून अब मनमानी एफआईआरों के ज़रिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का साधन बन गया है, और राज्य सर्वोच्च न्यायालय के समूह हिंसा रोकने के आदेशों की अवहेलना कर रहा है।
राहुल यादव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (आपराधिक विविध रिट याचिका संख्या 9567/2025) में अपने हालिया फैसले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन और अबधेश कुमार चौधरी की...
November 11, 2025
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अंतरजातीय विवाह राष्ट्रीय हित में हैं और इन्हें पारिवारिक या सांप्रदायिक हस्तक्षेप से सुरक्षित रखा जाना चाहिए। अदालत ने जोर देते हुए कहा कि जब दो वयस्क आपसी सहमति से विवाह या साथ रहने का निर्णय लेते हैं, तो न परिवार और न ही समुदाय उन्हें कानूनी रूप से रोक सकता है, उन पर दबाव डाल सकता है या किसी प्रकार का प्रतिबंध लगा सकता है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि...
November 10, 2025
पंकज बंसल और प्रबीर पुरकायस्थ के फैसलों के आधार पर, अदालत ने अब एक समान नियम तय किया है - हर गिरफ्तारी के लिए कारण लिखित रूप में दिए जाने चाहिए और वे गिरफ्तार व्यक्ति की अपनी भाषा में बताए जाने जरूरी हैं। अगर यह नहीं किया गया, तो गिरफ्तारी खुद ही अवैध मानी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 6 नवंबर, 2025 को दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि किसी अभियुक्त को उसकी समझ में आने वाली भाषा में...
November 8, 2025
न्यायमूर्ति अनिल वर्मा की एकलपीठ ने एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत अपराध की गंभीरता को देखते हुए यह फैसला सुनाया।
साभार : ईटीवी भारत
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में हुए अमानवीय पेशाब कांड के आरोपी आलोक शर्मा की जमानत याचिका को ग्वालियर हाईकोर्ट ने 6 नवंबर को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अनिल वर्मा की एकलपीठ ने एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत अपराध की गंभीरता...
November 7, 2025
अपने ऐतिहासिक फैसले में न्यायमूर्ति पी. वी. कुन्हीकृष्णन ने संविधानिक और लैंगिक समानता के मूल्यों को फिर से स्थापित किया है, साथ ही न्यायिक प्रक्रिया की निष्पक्षता और मुस्लिम महिलाओं की भावनात्मक स्वायत्तता को मान्यता दी है।
केरल उच्च न्यायालय ने एक अहम फैसले में, जो व्यक्तिगत कानून को संवैधानिक नैतिकता के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, यह व्यवस्था दी है कि जब कोई मुस्लिम पुरुष केरल...
November 6, 2025
पश्चिम बंगाल में, 2002 की मतदाता सूची में माता-पिता के नाम होने के बावजूद एक गर्भवती महिला का निर्वासन और SIR-NRC के नए डर के बीच एक गृहिणी की आत्महत्या, भय के बढ़ते माहौल को उजागर करती है, जहां नागरिकता, पहचान और अपनेपन का अधिकार चिंता और नुकसान का विषय बन गए हैं।
Image: Times of India
कुछ ही दिनों में, पश्चिम बंगाल से दो बेहद परेशान करने वाली घटनाएं सामने आई हैं। दोनों घटनाओं का समय और...
November 5, 2025
पुणे के वकील असीम सरोदे को इसलिए सजा दी गई क्योंकि उन्होंने न्यायपालिका की निष्क्रियता और राजनीति के बढ़ते दखल पर सवाल उठाए। लेकिन दूसरी ओर, वे वकील जिन्होंने खुलेआम नफरत फैलाने वाले भाषण दिए, आज भी बिना किसी सजा के वकालत कर रहे हैं। बार काउंसिल की यह कार्रवाई वकीलों की बोलने की आजादी के लिए एक डराने वाला संदेश है।
Image: https://english.lokshahi.com
महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल (...
November 5, 2025
पीठ ने 6 नवंबर तक कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने मुख्य आरोपी को राजनीतिक संरक्षण मिलने का आरोप लगाया।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल जिले के रामनगर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में पुलिस की कथित निष्क्रियता को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय पुलिस को भाजपा नेता मदन जोशी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन पर गोहत्या के झूठे आरोपों के आधार पर...
November 4, 2025
हालांकि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पीईएसए अधिनियम (PESA Act) के तहत ग्राम सभा को “जबरन धर्मांतरण रोकने” के अधिकार मान्यता दी है, लेकिन यह निर्णय धार्मिक स्वतंत्रता की सीमाओं, सबूतों पर आधारित तर्क और भारत के आदिवासी इलाकों में संवैधानिक धर्मनिरपेक्षता की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।
भारत में धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़े संवैधानिक वादे के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण...
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