मुसलमानों के ज्जबात से न खेलें सियासत चमकाने वाले नेता: एसएम यासीन

Written by sabrang india | Published on: December 9, 2025
"मुसलमानों को उन लोगों से सतर्क रहने की आवश्यकता है जो हमारे जज़्बात से खेल रहे हैं, चाहे वे कितने भी बड़े बैरिस्टर या राजनीतिज्ञ क्यों न हों। इनके जाल में फंसकर हमें 90 के दशक की परिस्थितियों में वापस नहीं लौटना चाहिए, वरना इसके सिवाय सिर्फ पछतावा कुछ भी हाथ नहीं आएगा।"


प्रतीकात्मक तस्वीर ; प्रभात खबर

एस.एम. यासीन (अंजुमन इन्तेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव) ने कहा कि कुछ लोग आज भी मुसलमानों की भावनाओं का इस्तेमाल करके अपनी सियासत चमकाने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल के मुर्शिदाबाद में सियासत के एक खिलाड़ी ने बाबरी नाम से मस्जिद की नींव बड़े फिल्मी अंदाज में रखी है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वह किसके इशारे पर ऐसा कर रहे हैं।

संयुक्त सचिव ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मस्जिद बनाने का विरोध नहीं है, लेकिन हमें यह जानने का हक है कि लगभग 33 वर्षों तक नींव रखने का ध्यान क्यों नहीं रखा गया। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि ऐसे सभी कुचक्रों के प्रति सतर्क रहें।

उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों को उन लोगों से सतर्क रहने की आवश्यकता है जो हमारे जज़्बात से खेल रहे हैं, चाहे वे कितने भी बड़े बैरिस्टर या राजनीतिज्ञ क्यों न हों। इनके जाल में फंसकर हमें 90 के दशक की परिस्थितियों में वापस नहीं लौटना चाहिए, वरना इसके सिवाय सिर्फ पछतावा कुछ भी हाथ नहीं आएगा।

मैं अपनी कौम से अपील करना चाहूंगा कि वे आगे आकर इस खतरनाक साजिश के प्रति मुसलमानों को सचेत करें। बाबरी मस्जिद सिर्फ़ एक थी और अयोध्या में स्थित थी, जिसे 6 दिसंबर 1992 को शहीद कर दिया गया। दुर्भाग्य से आज भी कुछ लोग इसे विजय दिवस के रूप में मनाकर संविधान की मर्यादा को चुनौती दे रहे हैं। इसके श्रेय लेने वालों की सूची लंबी है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में TMC से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को बाबरी जैसी मस्जिद की नींव रखी। बाबरी विध्वंस की 33वीं बरसी पर इस मस्जिद की आधारशिला रखी गई। कबीर ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंच पर मौलानाओं के साथ फीता काटकर औपचारिकता पूरी की।

अब इस मस्जिद के लिए जुटाए चंदे का एक वीडियो सामने आया है। हुमायूं कबीर ने फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें कुछ लोग नोट गिनते नजर आ रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि शिलान्यास समारोह में 11 पेटी चंदा इकट्‌ठा हुआ, जिसे गिनने के लिए 30 लोग और नोट गिनने की मशीन लगानी पड़ी।

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